मेरठ: जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेरठ का एक जांबाज सूबेदार शहीद हो गया. देश की खातिर मेरठ के लाल ने रिटायरमेंट से महज 6 महीने पहले अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. सूबेदार की शहादत की खबर सुनकर परिजनों की आंखें नम हो गई हैं. मेरठ में शहीद सूबेदार राम सिंह (Shaheed Subedar Ram Singh) की शहादत पर परिवार में कोहराम मच गया है. शहीद के घर लोगों का ताता लगा हुआ है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पिता की शहादत के दिन ही बेटे ने आतंकियों से लोहा लेने के लिए सेना में भर्ती होने का निर्णय ले लिया.
मेरठ क्रांति की धरा है. मेरठ के शूरवीरों ने आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक दुश्मनों को धूल चटाई है. मेरठ के थाना गंगानगर क्षेत्र के इशापुरम में रहने वाले सूबेदार राम सिंह (Shaheed Subedar Ram Singh) की नौकरी आईएमए (Indian Medical Association) में थी, लेकिन रिटायरमेंट से कुछ समय पहले उन्होंने बॉर्डर पर जाकर दुश्मनों से लोहा लेने की ठान ली. इस पर सेना ने उन्हें जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात कर दिया. करीब पौने 2 साल से राम सिंह राष्ट्रीय रायफल (Rashtriya Rifles) में कार्यरत थे.
फरवरी 2022 में उनकी सेवा के 30 साल पूरे होने वाले थे, लेकिन रिटायरमेंट के 6 महीने पहले ही देश के खातिर आतंकियों से लोहा लेते हुए वीर जवान राम सिंह शहीद हो गए. हेडक्वार्टर से परिजनों को मौखिक सूचना दी गई. सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया.
परिजनों की माने तो मुठभेड़ के दिन सुबह ही पत्नी अनीता की सूबेदार राम सिंह से बात हुई थी. इस दौरान उन्होंने आतंकियों से मुठभेड़ होने की बात बताई थी. उन्होंने बताया था कि दो आतंकियों को मार गिराया गया था, जबकि एक आतंकी अभी भी छुपा हुआ है. इसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. उन्होंने अपनी पत्नी से परिवार का ख्याल रखने की बात कही थी, लेकिन अचानक शहादत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया. आस-पास के लोग शहीद परिवार को सांत्वना देने के लिए इकट्टा हो गए हैं. बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर तक सूबेदार राम सिंह का शव राजकीय सम्मान के साथ मेरठ पहुंचेगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.
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