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शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बनाए सनातन बोर्ड को मानने से अखाड़ा परिषद का इनकार, कही ये बात - AKHIL BHARATIYA AKHARA PARISHAD

अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन में जल्दबाजी नहीं की जाएगी.

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष, महंत रवींद्र पुरी, (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 11:11 AM IST

प्रयागराज : महाकुंभ मेले में 13 जनवरी ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड सनातन संरक्षण परिषद का गठन कर उसकी घोषणा की. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शंकराचार्य के गठित किये गए सनातन संरक्षण परिषद सनातन बोर्ड को मानने से ही इंकार कर दिया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने साफ कहा कि वो शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बनाये गए सनातन बोर्ड को नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि सनातन बोर्ड का ऐसा स्वरूप बनाया जाएगा, जिससे कोई भी बड़े मठ मंदिर संत महंत छोटे मठ मंदिर संत, महंत की अनदेखी न कर सकें. उनके बनाये जाने वाले सनातन बोर्ड में देश के सभी प्रदेशों के मठ, मंदिर, अखाड़ो, प्रसिद्ध मंदिरों के प्रतिनिधियों से बात कर सभी की रजामंदी से सनातन बोर्ड बनाया जाएगा. कोई एक व्यक्ति इस बोर्ड का गठन नहीं कर सकता है.

शंकराचार्य के बोर्ड को नहीं मानेगा अखाड़ा परिषद : 27 जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से सनातन बोर्ड के गठन को लेकर धर्म संसद का आयोजन किए जाने का ऐलान दिसम्बर में कर दिया गया था. इसमें अखाड़ों के साथ ही कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर भी शामिल होंगे. उस दिन धर्म संसद में सनातन बोर्ड के साथ ही सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा के साथ ही उसकी मजबूती के लिए प्रस्ताव रखे जाएंगे. सभी मुद्दों पर चर्चा कर सनातन बोर्ड को लेकर विस्तार से चर्चा कर उसकी रूपरेखा तय करने का फैसला लिया गया था. लेकिन 27 जनवरी से 14 दिन पहले 13 जनवरी को ही ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सनातन संरक्षण परिषदसनातन बोर्ड के गठन का एलान कर दिया है. जिसको लेकर अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस सनातन बोर्ड के गठन को मानने से साफ इंकार करते हुए कहाकि किसी एक की मर्जी से सनातन बोर्ड का गठन नहीं हो सकता है.

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बोर्ड से कोई लेना-देना नहीं है : ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 13 जनवरी को परम धर्म संसद में सनातन संरक्षण परिषद सनातन बोर्ड का गठन करने की घोषणा कर दी है. जिसमें उन्होंने 13 अखाड़ो के प्रतिनिधि के साथ ही प्रमुख धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधि केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि समेत 36 लोगों को शामिल करने की बात कही थी इसके अलावा 18 अलग अलग क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों को बोर्ड में शामिल करने की बात कही है. शंकराचार्य के घोषित किये गए सनातन बोर्ड में कुल 54 लोगों को शामिल करने की बात कही है. लेकिन शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ऐलान का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने खुलकर विरोध कर दिया है. उन्होंने दो टूक शब्दों में साफ कहाकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. महंत रवींद्र पुरी ने कहाकि यह बोर्ड शंकराचार्य का हो सकता है लेकिन उससे अखाड़ा परिषद का कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहाकि देश में सभी को कुछ भी करने की आजादी है. लेकिन सनातन बोर्ड के गठन का उद्देश्य सरकार के नियंत्रण में जो मठ मंदिर है उन्हें मुक्त कराने का होना चाहिए. उन्होंने कहाकि सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को शामिल किया जाएगा. पर लोग ईमानदार चाहिए.

27 जनवरी को बोर्ड गठन पर चर्चा होगी : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा. उससे पहले देशभर के प्रमुख साधु संतों मठ मंदिरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की जाएगी. 27 जनवरी को महाकुंभ की धर्म संसद में भी सनातन बोर्ड गठित नहीं होगा, बल्कि सनातन बोर्ड के स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. सभी साधु संतों से सुझाव लेकर एकमत से सनातन बोर्ड के गठन का प्रारूप तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन में जल्दबाजी करने से बेईमानी हो जाएगी. इसलिये जल्दबाजी में सनातन बोर्ड का गठन नहीं किया जाएगा. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को बतौर सदस्य शामिल करने की बात कही गई है और 54 सदस्य बनाए गए हैं.

यह भी पढ़ें : बच्चों दो दिन और मौज: यूपी में सर्दी के चलते आज और कल बंद रहेंगे स्कूल, आया नया आदेश

प्रयागराज : महाकुंभ मेले में 13 जनवरी ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड सनातन संरक्षण परिषद का गठन कर उसकी घोषणा की. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शंकराचार्य के गठित किये गए सनातन संरक्षण परिषद सनातन बोर्ड को मानने से ही इंकार कर दिया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने साफ कहा कि वो शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बनाये गए सनातन बोर्ड को नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि सनातन बोर्ड का ऐसा स्वरूप बनाया जाएगा, जिससे कोई भी बड़े मठ मंदिर संत महंत छोटे मठ मंदिर संत, महंत की अनदेखी न कर सकें. उनके बनाये जाने वाले सनातन बोर्ड में देश के सभी प्रदेशों के मठ, मंदिर, अखाड़ो, प्रसिद्ध मंदिरों के प्रतिनिधियों से बात कर सभी की रजामंदी से सनातन बोर्ड बनाया जाएगा. कोई एक व्यक्ति इस बोर्ड का गठन नहीं कर सकता है.

शंकराचार्य के बोर्ड को नहीं मानेगा अखाड़ा परिषद : 27 जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से सनातन बोर्ड के गठन को लेकर धर्म संसद का आयोजन किए जाने का ऐलान दिसम्बर में कर दिया गया था. इसमें अखाड़ों के साथ ही कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर भी शामिल होंगे. उस दिन धर्म संसद में सनातन बोर्ड के साथ ही सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा के साथ ही उसकी मजबूती के लिए प्रस्ताव रखे जाएंगे. सभी मुद्दों पर चर्चा कर सनातन बोर्ड को लेकर विस्तार से चर्चा कर उसकी रूपरेखा तय करने का फैसला लिया गया था. लेकिन 27 जनवरी से 14 दिन पहले 13 जनवरी को ही ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सनातन संरक्षण परिषदसनातन बोर्ड के गठन का एलान कर दिया है. जिसको लेकर अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस सनातन बोर्ड के गठन को मानने से साफ इंकार करते हुए कहाकि किसी एक की मर्जी से सनातन बोर्ड का गठन नहीं हो सकता है.

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बोर्ड से कोई लेना-देना नहीं है : ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 13 जनवरी को परम धर्म संसद में सनातन संरक्षण परिषद सनातन बोर्ड का गठन करने की घोषणा कर दी है. जिसमें उन्होंने 13 अखाड़ो के प्रतिनिधि के साथ ही प्रमुख धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधि केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि समेत 36 लोगों को शामिल करने की बात कही थी इसके अलावा 18 अलग अलग क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों को बोर्ड में शामिल करने की बात कही है. शंकराचार्य के घोषित किये गए सनातन बोर्ड में कुल 54 लोगों को शामिल करने की बात कही है. लेकिन शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ऐलान का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने खुलकर विरोध कर दिया है. उन्होंने दो टूक शब्दों में साफ कहाकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. महंत रवींद्र पुरी ने कहाकि यह बोर्ड शंकराचार्य का हो सकता है लेकिन उससे अखाड़ा परिषद का कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहाकि देश में सभी को कुछ भी करने की आजादी है. लेकिन सनातन बोर्ड के गठन का उद्देश्य सरकार के नियंत्रण में जो मठ मंदिर है उन्हें मुक्त कराने का होना चाहिए. उन्होंने कहाकि सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को शामिल किया जाएगा. पर लोग ईमानदार चाहिए.

27 जनवरी को बोर्ड गठन पर चर्चा होगी : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन बोर्ड का गठन जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा. उससे पहले देशभर के प्रमुख साधु संतों मठ मंदिरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की जाएगी. 27 जनवरी को महाकुंभ की धर्म संसद में भी सनातन बोर्ड गठित नहीं होगा, बल्कि सनातन बोर्ड के स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. सभी साधु संतों से सुझाव लेकर एकमत से सनातन बोर्ड के गठन का प्रारूप तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन में जल्दबाजी करने से बेईमानी हो जाएगी. इसलिये जल्दबाजी में सनातन बोर्ड का गठन नहीं किया जाएगा. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को बतौर सदस्य शामिल करने की बात कही गई है और 54 सदस्य बनाए गए हैं.

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