मेरठ: शुक्रवार की सुबह जिले के रिहायशी इलाके में दाखिल तेंदुए से पूरे दिन लोगों में दहशत रही. करीब 10 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन और कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुआ पकड़ में आया. वन विभाग की टीम ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर उसे पिंजरे में कैद कर लिया. शनिवार की सुबह अजनबी मेहमान तेंदुए को शिवालिक के घने जंगलों में छोड़ दिया गया. इससे पहले वन विभाग की टीम ने नामकरण करते हुए पल्लव नाम दिया. फिर दो मुर्गियों का नाश्ता कराने के बाद उसे आजाद कर दिया गया.
तीन गाड़ियों के काफिले के साथ पल्लव को वन विभाग की टीम विदा करने गई थी. जैसे ही पल्लव को शिवालिक के जंगलों में वन विभाग की टीम ने आजाद किया, खुद को खुले आसमान के तले आजाद पाकर पल्लव ने एक ऊंची छ्लांग लगाई. इसके बाद घने जंगलों की तरफ दौड़ लगा दी. बताया गया कि पल्लव की उम्र करीब तीन वर्ष थी और वजन 80 किलोग्राम. डीएफओ मेरठ राजेश कुमार के मुताबिक पल्लव जंगल से भटकते हुए रिहायशी इलाके में घुस आया था, जिसे रेस्क्यू कर आजाद कर दिया गया है.
बता दें कि मेरठ के पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के क्यू पॉकेट इलाके में शुक्रवार की सुबह से तेंदुए ने आतंक मचा रखा था. सुबह के 7:30 बजे तेंदुआ रिहायशी इलाके में दाखिल हो गया. इसके बाद कई घंटे तक एक घर में छिपकर बैठा रहा. वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो तेंदुआ घर से निकल कर सड़क पर दौड़ने लगा. इस दौरान लोगों में दहशत फैल गई. लोगों ने तेंदुए की दहशत के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए, जिसमें तेंदुआ लोगों के बीच से निकलकर दौड़ता हुआ नजर आया.
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तेंदुआ घर से निकलकर एक खाली प्लॉट में घनी झाड़ियों के बीच छिपकर बैठ गया. वन विभाग और तेंदुए के बीच पकड़म पकड़ाई का खेल करीब 10 घंटे तक चला. इसके बाद शाम करीब 6 बजे तेंदुए को वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर दिया. तेंदुए को बेहोश करने के लिए वन विभाग की टीम को दो बार ट्रेंकुलाइजर गन का प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान मौके पर लोगों की भी भारी भीड़ जमा रही. जब वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो तेंदुए की दहाड़ से भगदड़ मच गई.
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