मेरठ : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) की ओर से अब एक नया खास कोर्स शुरू किया जा रहा है. इसमें छात्र-छात्राएं ज्वेलरी डिजाइनिंग का कोर्स कर सकेंगे. इस कोर्स के लिए इंटरमीडिएट पास किसी भी बोर्ड के छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं. खासतौर से प्रदेश में पहली बार ज्वैलरी उत्पादन के क्षेत्र दक्षता से जुड़े इस खास कोर्स को डिजाइन किया गया है. जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने भी पहल की है.
वेस्टर्न यूपी का मेरठ जिला कई मायनों में विशेष अहमियत रखता है. इस शहर का ज्वैलरी मार्केट का सालाना टर्नओवर भी अरबों रुपए का है. आलम ये है कि यहां के ज्वैलरी आइटम न सिर्फ देशभर में काफी प्रसिद्ध हैं, बल्कि विदेशों में भी वृहद स्तर पर इंपोर्ट होते हैं. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने इस जरूरत को समझते हुए अब यहां ज्वेलरी डिजाइनिंग का नया कोर्स शुरू करने का प्लान बनाया है. अब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में छात्रों को बीएससी ज्वेलरी डिजाइनिंग कोर्स (B.Sc Jewelery Designing Course) कराया जाएगा.
कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला (Vice Chancellor Professor Sangeeta Shukla) का कहना है कि ये नई शुरुआत है और मेरठ में क्योंकि ज्वैलरी का कारोबार व निर्माण बड़े पैमाने पर होता है और निश्चित ही स्टूडेंट्स के लिए ये उपयोगी है और ये रोज़गारपरक भी है. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफ़ेसर प्रशांत कुमार (University's media in-charge Professor Prashant Kumar) कहते हैं कि विश्वविद्यालय नए सत्र से अब इस बार कुछ अलग कोर्स शुरू करने जा रहा है. ज्वेलरी डिजाइनिंग का ये कोर्स निश्चित ही युवाओं के लिए उपयोगी साबित होने वाला है. निश्चित ही इस कोर्स से युवाओं को भविष्य में अपना कॅरिअर बनाने में मदद मिलेगी. डिपार्टमेंट ऑफ फाइन आर्ट्स के अंतर्गत यह कोर्स संचालित होगा.
Professor Prashant Kumar के अनुसार मेरठ एशिया के ऐसे 10 बड़े शहरों में शामिल है. जहां ज्वेलरी का काम बड़े पैमाने पर होता है. मेरठ में करीब 45 हजार वर्कर्स ज्वेलरी से संबंधित काम करते हैं. जिनमें से करीब 25 हजार लोग तो अकेले डायमंड और सोने की ज्वेलरी तैयार करने के ही काम से जुड़े हैं. करीब 20 हजार लोग ऐसी जवेलरी तैयार करते हैं जो डायमंड या सोने से तैयार नहीं होती. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रख कर विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है, क्योंकि इउस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. इसके अलावा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत ऐसे नवीएन पाठ्यक्रम संचालित करने से युवाओं के लिए नए रास्ते खुलेंगे. यह पाठ्यक्रम तीन वर्षीय रहेगा. सूरत, अहमदाबाद मुम्बई में इस तरह के कोर्सेस वहां की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संचालित हैं. ऐसे में मेरठ भी अब इसे शुरू किया जा रहा है. कोर्स का नाम होगा बैचलर इन ज्वैलरी डिजाइनिंग, जबकि कुल 60 सीटें इसमें होंगी.
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