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Municipal Elections 2023 : बीएसपी महापौर प्रत्याशी हशमत मलिक बोले, जनता ने दिया मौका तो शहर के हर वार्ड को चमन बना देंगे

निकाय चुनाव को लेकर मेरठ में बहुजन समाज पार्टी की तरफ से मेयर पद के लिए हशमत मलिक पर पार्टी ने दांव खेला है. पेश है बीएसपी प्रत्याशी हशमत मलिक से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

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Published : Apr 24, 2023, 2:26 PM IST

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मेरठ : निकाय चुनाव को लेकर मेरठ में बहुजन समाज पार्टी ने मेयर पद के लिए हशमत मलिक पर दांव खेला है. मेरठ की महापौर की कुर्सी बीएसपी के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीट है, क्योंकि पूर्व के चुनावों में मेरठ में बहुजन समाज पार्टी का ही मेयर चुना गया था. बीएसपी के उम्मीदवार हशमत मलिक से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उनसे जानने की कोशिश की क्या मुद्दे हैं जिनको लेकर वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'जनता ने मौका दिया तो शहर के हर वार्ड के लोगों के बीच रहते हुए हर वार्ड को चमन बना देंगे.'


हशमत मलिक का कहना है कि 'वह शहर की जनता के लिए नए नहीं हैं. हशमत कहते हैं कि बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनपर भरोसा जताया है, जिसके लिए वह वह बीएसपी सुप्रीमो के आभारी हैं. उन्होंने बताया कि तीन बार वह मेरठ में पार्षद रह चुके हैं. बीएसपी के लोकसभा प्रभारी रह चुके हैं. बसपा के मेयर प्रत्याशी हशमत का कहना है कि पिछले 25 से 30 साल से जनता के बीच रहे हैं. उन्हें सब मालूम है कि कैसे कहां से क्या विकास का और जनता का काम कराया जाता है. हशमत का कहना है कि मेरठ में समाजवादी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को कभी यहां की जनता ने मेयर नहीं चुना, जबकि बीएसपी ने जब-जब अपने सिंबल पर प्रत्याशी को उतारा है तब तब मेयर बीएसपी का यहां से जीता है. बीएसपी महापौर प्रत्याशी हशमत मलिक का कहना है कि सपा का प्रत्याशी तो वैसे भी बाहरी है. ग़ौरतलब है कि सपा ने सरधना से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को उम्मीदवार बनाया है. बीएसपी उम्मीदवार का कहना है कि मेरठ में जब से नगर निगम बना है तब से तीन बार बीएसपी का मेयर यहां था, है और इस बार उन्हें भरोसा है कि जनता उन्हें चुनेगी.'

गौरतलब है कि मेरठ महापौर की कुर्सी पर बीएसपी तब-तब चुनाव जीती है, जब-जब पार्टी ने महापौर प्रत्याशी सिंबल पर लड़ाया है. जब भी बीएसपी ने कैंडिडेट अपने सिंबल पर नहीं दिया तो यहां बीजेपी का महापौर जीत दर्ज कराता रहा है. मेरठ से बीएसपी के उम्मीदवार हशमत का कहना है कि 'शहर में 90 वार्ड हैं और वह 90 वार्ड में साफ-सफाई से लेकर जो भी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है वह तमाम काम जनता के लिए करेंगे. शहर के हर वार्ड के लोगों के बीच रहते हुए हर वार्ड को चमन बना देंगे.'

बीएसपी उम्मीदवार का कहना है कि 'उनका मुकाबला बीजेपी से है. यहां वह आंकड़ेबाजी भी समझाते हैं कि कैसे वह मानते हैं कि बीएसपी के प्रत्याशी के तौर पर जनता उन्हें चुनेगी.' बहरहाल दिलचस्प यह है कि बीएसपी ने जहां अपने पुराने पार्टी कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है, वहीं बीजेपी ने पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया को टिकट दिया है, जबकि सपा की तरफ से सीमा प्रधान को प्रत्याशी बनाया है. इस बार मेरठ में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में गरज चमक के साथ बारिश का अलर्ट

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मेरठ : निकाय चुनाव को लेकर मेरठ में बहुजन समाज पार्टी ने मेयर पद के लिए हशमत मलिक पर दांव खेला है. मेरठ की महापौर की कुर्सी बीएसपी के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीट है, क्योंकि पूर्व के चुनावों में मेरठ में बहुजन समाज पार्टी का ही मेयर चुना गया था. बीएसपी के उम्मीदवार हशमत मलिक से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उनसे जानने की कोशिश की क्या मुद्दे हैं जिनको लेकर वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'जनता ने मौका दिया तो शहर के हर वार्ड के लोगों के बीच रहते हुए हर वार्ड को चमन बना देंगे.'


हशमत मलिक का कहना है कि 'वह शहर की जनता के लिए नए नहीं हैं. हशमत कहते हैं कि बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनपर भरोसा जताया है, जिसके लिए वह वह बीएसपी सुप्रीमो के आभारी हैं. उन्होंने बताया कि तीन बार वह मेरठ में पार्षद रह चुके हैं. बीएसपी के लोकसभा प्रभारी रह चुके हैं. बसपा के मेयर प्रत्याशी हशमत का कहना है कि पिछले 25 से 30 साल से जनता के बीच रहे हैं. उन्हें सब मालूम है कि कैसे कहां से क्या विकास का और जनता का काम कराया जाता है. हशमत का कहना है कि मेरठ में समाजवादी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को कभी यहां की जनता ने मेयर नहीं चुना, जबकि बीएसपी ने जब-जब अपने सिंबल पर प्रत्याशी को उतारा है तब तब मेयर बीएसपी का यहां से जीता है. बीएसपी महापौर प्रत्याशी हशमत मलिक का कहना है कि सपा का प्रत्याशी तो वैसे भी बाहरी है. ग़ौरतलब है कि सपा ने सरधना से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को उम्मीदवार बनाया है. बीएसपी उम्मीदवार का कहना है कि मेरठ में जब से नगर निगम बना है तब से तीन बार बीएसपी का मेयर यहां था, है और इस बार उन्हें भरोसा है कि जनता उन्हें चुनेगी.'

गौरतलब है कि मेरठ महापौर की कुर्सी पर बीएसपी तब-तब चुनाव जीती है, जब-जब पार्टी ने महापौर प्रत्याशी सिंबल पर लड़ाया है. जब भी बीएसपी ने कैंडिडेट अपने सिंबल पर नहीं दिया तो यहां बीजेपी का महापौर जीत दर्ज कराता रहा है. मेरठ से बीएसपी के उम्मीदवार हशमत का कहना है कि 'शहर में 90 वार्ड हैं और वह 90 वार्ड में साफ-सफाई से लेकर जो भी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है वह तमाम काम जनता के लिए करेंगे. शहर के हर वार्ड के लोगों के बीच रहते हुए हर वार्ड को चमन बना देंगे.'

बीएसपी उम्मीदवार का कहना है कि 'उनका मुकाबला बीजेपी से है. यहां वह आंकड़ेबाजी भी समझाते हैं कि कैसे वह मानते हैं कि बीएसपी के प्रत्याशी के तौर पर जनता उन्हें चुनेगी.' बहरहाल दिलचस्प यह है कि बीएसपी ने जहां अपने पुराने पार्टी कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है, वहीं बीजेपी ने पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया को टिकट दिया है, जबकि सपा की तरफ से सीमा प्रधान को प्रत्याशी बनाया है. इस बार मेरठ में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

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