मेरठ: जनपद के श्मशान घाट में अवैध वसूली के खेल शुरू हो गए हैं. श्मशान घाट में कोरोना संक्रमण से मृतकों के परिजनों से न सिर्फ अवैध वसूली की जा रही है बल्कि अंतिम संस्कार की सामग्री भी मनमाने रेट पर बेची जा रही है. अगर कोई परिजन बाजार से अंतिम संस्कार का सामान खरीद लाता है तो श्मशान घाट में उनके परिजन के शव का क्रियाकर्म नहीं होने दिया जाता. श्मशान घाट पर हो रही अवैध वसूली के खिलाफ स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अवैध वसूली को रोके जाने की मांग की है. जिलाधिकारी के. बालाजी ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच के आदेश दिए हैं.
श्मशान घाट में हो रही वसूली
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आते ही एक बार फिर श्मशान घाट मौजूदा आचार्यों की वजह से सुर्खियों में आ गया है. श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के नाम पर आचार्य अवैध वसूली कर रहे हैं. आचार्य कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए 5100 से 21000 रुपये तक की मांग कर रहे हैं.
सामग्री के नाम पर लूट
श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लगने वाली सामग्री 5 से 10 गुना अधिक दामों में बेची जा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट पर मनमानी इतनी बढ़ गई है कि अगर कोई पीड़ित बाजार से सामग्री खरीद कर लाता है तो बिना श्मशान से सामग्री खरीदे क्रियाकर्म नहीं होने दिया जाता. सूरजकुंड के इस श्मशान घाट में शहर के 70 फीसदी से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.
समाजसेवी दुष्यंत रोहटा ने की शिकायत
मिली जानकारी से अनुसार मेरठ विश्व एंक्लेव निवासी एक महिला की मृत्यु हो गई थी. परिजन महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए सूरजकुंड श्मशान घाट पर पहुंचे. जहां श्मशान घाट के आचार्य ने अंतिम क्रिया कराने के लिए सीधे तौर पर 15000 रूपये की मांग की. परिजनों ने जैसे-तैसे कर आचार्यों को 12000 रुपये देकर अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया. अवैध वसूली की शिकायत लेकर समाजसेवी दुष्यंत रोहटा डीएम कार्यालय पहुंचे और डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए श्मशान घाटों की जांच कराने की मांग की.
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एसडीएम और सीओ ने किया निरीक्षण
श्मशान घाट में हो रही अवैध वसूली और अंतिम संस्कार की सामग्री को दोगुने रेट पर बेचे जाने की शिकायत पर एसडीएम और सीओ ने श्मशान घाट का निरीक्षण किया. एसडीएम ने श्मशान घाट में मौजूद आचार्यों को फटकार लगाई और 2 गुना रेटों में अंतिम संस्कार की सामग्री देने वाले लोगों को चेतावनी दी.