मेरठ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार तबाही मचा रहा है. आये दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. शनिवार की देर शाम आई रिपोर्ट के मुताबिक जहां अब तक के सबसे ज्यादा 716 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं मेडिकल कॉलेज में भर्ती 10 मरीजों की मौत हो गई है. इसके चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फुले हुए हैं. बिगड़ते हालात को देखते हुए जिलाधिकारी के. बालाजी ने मेडिकल कॉलेज में देर रात को ही डाक्टरों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं.
24 घन्टे में 716 मरीजों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान के मुताबिक शनिवार को 10,012 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसमें 716 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. मेरठ जिले में संक्रमण की दर पहली बार सैम्पलिंग का 7.15 प्रतिशत तक पहुंच गई है. आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा दर्ज किया गया है. लगातार तीसरे दिन 500 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
हाउसफुल चल रहे कोविड हॉस्पिटल
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि 1,650 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है. जबकि 245 मरीजों को मेडिकल कॉलेज में बनाये गए कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. इसके अलावा शुभारती मेडिकल कॉलेज और एनसीआर मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों को आइसोलेट किया जा रहा है.
मेडिकल कॉलेज में 10 मरीजों की मौत
शनिवार की देर रात तक मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती 10 लोगों की मौत हो गई. कोरोना से मरने वालों में 5 मेरठ जिले के हैं जबकि 5 मरीज आसपास के जनपदों के रहने वाले हैं. मृतकों में मेरठ के 45, 46, 32 और 60 वर्षीय व्यक्ति और 58 वर्षीय महिला शामिल हैं. वहीं 51, 60 वर्षीय व्यक्ति और 58 वर्षीय महिला बुलन्दशहर से भर्ती की गई थी. 89 वर्षीय महिला गाजियाबाद और 83 वर्षीय महिला बागपत की रहने वाली थी. इनकी मृत्यु की सूचना से परिजनों और संबधित मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दे दी गई है.
हाउसफुल हुए कोविड वार्ड
मेरठ में लोगों की लापरवाही से रिकॉर्ड तोड़ लोगों में कोरोना संक्रमण फैल रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का कोविड वार्ड मरीजों से हाउसफुल चल रहा है. शनिवार की देर रात में मरीजों की संख्या बढ़ी तो पुरानी बिल्डिंग से 15 बेड लगाने पड़े. हालात ये बने हुए हैं कि आयुष्मान वार्ड को कोविड वार्ड में कन्वर्ट करना पड़ रहा है. आयुष्मान वार्ड में 30 कोविड बेड लगाए गए हैं. कोविड मरीजों के ऑक्सीजन लेवल को देखते हुए सभी बेड पर ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है. जिस वार्ड में पाइप लाइन नहीं है, वहां ऑक्सीजन के सिलेंडर रखे गए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल इस्तेमाल कर मरीज को ऑक्सीजन दी जा सके.
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