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17,524 हीरों से तैयार की करोड़ों की नायाब घड़ी, गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज

मेरठ के हर्षित ने हीरों की एक ऐसी नायाब घड़ी तैयार की है जिसका विश्व कीर्तिमान दर्ज हो गया. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Published : Jan 2, 2023, 9:54 PM IST

मेरठः शहर के हर्षित बंसल ने 17524 हीरों से लैस नायाब घड़ी (Diamond watch in Meerut) तैयार की है. इस घड़ी की कीमत करोड़ों में है. अब तक के सर्वाधिक डायमंड जड़े होने के कारण इस घड़ी ने विश्व कीर्तिमान बनाया है.

मेरठ के युवा हर्षित बंसल ने खास घड़ी तैयार की है. इस घड़ी की विशेषता यह है कि इसमें 373 ग्राम सोना है व 55 कैरेट के 17524 बहुमूल्य हीरे जड़े हुए हैं. किसी एक घड़ी में पूरी दुनिया में सर्वाधिक डायमंड जड़े होने के कारण इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) में दर्ज किया गया है.

हीरों से तैयार नायाब घड़ी.

हर्षित ने ईटीवी भारत को बताया कि यह वॉच ऑफ फॉर्च्यून है. इसमें 17534 हीरे लगाए गए हैं. इसमें 12 ब्लैक डायमंड लगाए गए हैं जो कि नेचुरल हैं. इसमें सॉलिटेयर भी लगाए गए हैं. वहीं इसमें 113 पीस ब्लू सफायर यानी नीलम लगाए गए हैं. ये बेहद यूनिक हैं. उन्होंने बताया कि इस घड़ी का नाम rarest watch in the universe होने वाला है. उन्होंने दावा किया कि ऐसी घड़ी धरती पर सिर्फ यही है. उन्होंने बताया कि इस घड़ी का नाम बीती 29 दिसंबर को गिनीज वुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस टीम ने दर्ज किया है. इस घड़ी को most diamonds in a single watch नाम दिया गया है. गिनीज बुक में यह अपना नाम दर्ज करा चुकी है.

इस घड़ी ने हांगकांग के कोरोलेट की most diamonds in a single watch का रिकार्ड तोड़ा है. हर्षित ने बताया कि हमने अपनी घड़ी में कोरोलेट की घड़ी से लगभग तीन हजार अधिक DIAMOND लगाए हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता लाइट का बिजनेस करते हैं. पूरे परिवार में सिर्फ वही ज्वैलरी का बिजनेस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एमबीए किया था. इसके बाद मुंबई से ज्वैलरी डिजाइनिंग, जवैलरी मैन्युफैक्चरिंग समेत और कई कोर्स किए. इसके अलावा ज्वैलरी मार्केट के अनुभव भी लिए. इसका ही फायदा मिला.

हर्षित कहते हैं कि उन्हें बधाइयां मिल रही हैं. यह सब चीजें उन्हें मोटिवेट करती हैं. इसे तैयार करने में 8 से 9 महीने का समय लगा है. उन्होंने कहा कि इसे सूरत, जयपुर और मुंबई से तैयार कराया गया है. वहीं, हर्षित के पिता बेटे की कामयाबी से बेहद गदगद हैं. वहीं, उनकी पत्नी का कहना है कि वह चाहतीं हैं कि हर्षित ऐसे ही बेहतर काम करते रहें. वहीं, हर्षित का कहना है कि वह यही कहेंगे कि अगर अपने दिमाग में जो तय कर लो उसे पूरा करके ही दम लो. यह चिंता मत करो कि संसाधन मिलेंगे या नहीं. भारत का नाम तभी रोशन होगा.


ये भी पढ़ेंः रामपुर की कोर्ट में आजम खान ने जमा किया 15 हजार का हर्जाना

मेरठः शहर के हर्षित बंसल ने 17524 हीरों से लैस नायाब घड़ी (Diamond watch in Meerut) तैयार की है. इस घड़ी की कीमत करोड़ों में है. अब तक के सर्वाधिक डायमंड जड़े होने के कारण इस घड़ी ने विश्व कीर्तिमान बनाया है.

मेरठ के युवा हर्षित बंसल ने खास घड़ी तैयार की है. इस घड़ी की विशेषता यह है कि इसमें 373 ग्राम सोना है व 55 कैरेट के 17524 बहुमूल्य हीरे जड़े हुए हैं. किसी एक घड़ी में पूरी दुनिया में सर्वाधिक डायमंड जड़े होने के कारण इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) में दर्ज किया गया है.

हीरों से तैयार नायाब घड़ी.

हर्षित ने ईटीवी भारत को बताया कि यह वॉच ऑफ फॉर्च्यून है. इसमें 17534 हीरे लगाए गए हैं. इसमें 12 ब्लैक डायमंड लगाए गए हैं जो कि नेचुरल हैं. इसमें सॉलिटेयर भी लगाए गए हैं. वहीं इसमें 113 पीस ब्लू सफायर यानी नीलम लगाए गए हैं. ये बेहद यूनिक हैं. उन्होंने बताया कि इस घड़ी का नाम rarest watch in the universe होने वाला है. उन्होंने दावा किया कि ऐसी घड़ी धरती पर सिर्फ यही है. उन्होंने बताया कि इस घड़ी का नाम बीती 29 दिसंबर को गिनीज वुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस टीम ने दर्ज किया है. इस घड़ी को most diamonds in a single watch नाम दिया गया है. गिनीज बुक में यह अपना नाम दर्ज करा चुकी है.

इस घड़ी ने हांगकांग के कोरोलेट की most diamonds in a single watch का रिकार्ड तोड़ा है. हर्षित ने बताया कि हमने अपनी घड़ी में कोरोलेट की घड़ी से लगभग तीन हजार अधिक DIAMOND लगाए हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता लाइट का बिजनेस करते हैं. पूरे परिवार में सिर्फ वही ज्वैलरी का बिजनेस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एमबीए किया था. इसके बाद मुंबई से ज्वैलरी डिजाइनिंग, जवैलरी मैन्युफैक्चरिंग समेत और कई कोर्स किए. इसके अलावा ज्वैलरी मार्केट के अनुभव भी लिए. इसका ही फायदा मिला.

हर्षित कहते हैं कि उन्हें बधाइयां मिल रही हैं. यह सब चीजें उन्हें मोटिवेट करती हैं. इसे तैयार करने में 8 से 9 महीने का समय लगा है. उन्होंने कहा कि इसे सूरत, जयपुर और मुंबई से तैयार कराया गया है. वहीं, हर्षित के पिता बेटे की कामयाबी से बेहद गदगद हैं. वहीं, उनकी पत्नी का कहना है कि वह चाहतीं हैं कि हर्षित ऐसे ही बेहतर काम करते रहें. वहीं, हर्षित का कहना है कि वह यही कहेंगे कि अगर अपने दिमाग में जो तय कर लो उसे पूरा करके ही दम लो. यह चिंता मत करो कि संसाधन मिलेंगे या नहीं. भारत का नाम तभी रोशन होगा.


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