मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में गुरुवार को 34 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने 195 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित किया. राज्यपाल ने कहा कि दहेज प्रथा बंद करनी है. क्योंकि 2012 से 2017 के बीच में दहेज के कारण 35 हजार 900 महिलाओं ने आत्महत्या की है. यूपी में सबसे ज्यादा 11 हजार 800 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या की गई है. उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में 70 प्रतिशत मेडल बेटियों को 30 प्रतिशत मेडल छात्रों को मिले हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मेडल पाने वाले 30 प्रतिशत छात्रों को बधाई देती हूं. उम्मीद है कि अगले साल लड़के 50 प्रतिशत मेडल लेकर आएंगे. राज्यपाल ने आगे कहा कि लड़की पढ़ती है तो 7 पीढ़ियां आगे बढ़ती हैं.अगर मां ही अनपढ़ होगी और कुरिवाजों को मानने वाली होगी तो विकास नहीं होगा. लड़के 5 प्रतिशत कम पढ़ेंगे तो चलेगा, लेकिन लड़कियों का पढ़ना बेहद जरूरी है. भारत को विश्ववगुरु बनाना है तो बेटियों को पढ़ाना है.
गवर्नर ने कहा कि बहन-भाइयों के घर में भी अनबन हो रही है. लड़के मां-बाप का सम्मान नहीं करते हैं, तो क्या ऐसे परिवार आगे बढ़ेगा. यूनिवर्सिटी में सभी मेलजोल से काम करेंगे. ज्यादा से ज्यादा रिसर्च में ध्यान देंगे. इसके साथ ही विद्यालय में लैब बनाई जाए और बच्चों की रूचि जानकर अध्यापक पढ़ाएं. राज्यपाल ने कहा कि चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी अच्छा काम कर रही है. राजभवन लखनऊ में 15 राजदूत आए थे, उ ससे पहले दो आए थे. 70 राजदूतों से अब तक मिली हूं. यदि हमें ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जाना है, तो एंबेसडर के साथ जाना होगा, काम करना होगा. हमारे स्टूडेंट्स वहां जा सकते हैं, वहां के स्टूडेंट्स इधर भी आ सकते हैं. मल्टीपल चॉइस के साथ कैसे आगे बढ़ें, यह तय करना होगा.
राज्यपाल ने कहा कि शायद पश्चिम यूपी में पानी के लिए इतनी समस्या नहीं होती होगी, क्योंकि यहां नदियां हैं. लेकिन, कई ऐसे राज्य हैं जहां पानी कम है. इसीलिए पानी को संचय करना, पानी को बचाना बेहद जरूरी है. भारत सरकार ने नल से जल कार्यक्रम चलाया हुआ है. हर जनपद में नए तालाब बनने चाहिए. भारत सरकार ने यह कहा है कि तालाब बनाइये. जनपद में यूनिवर्सिटी भी है इसीलिए तलाब बनाने के काम में यूनिवर्सिटी को भी लगना चाहिए. जिससे जल संचय हो.
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि कल लोकसभा में गृह विभाग की चर्चा चल रही थी. बहुत ही गम्भीरता दहेज और महिलओं की आत्महत्या का विषय रखा गया. 2012 से 2017 तक दहेज के कारण 35 हजार 900 महिलाओं ने दहेज के लिए आत्महत्या की. क्या इसकी चिंता समजा को नहीं करनी चाहिए. यूपी में सबसे ज्यादा 11 हजार 35 हजार 800 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या की गई है. क्या जरूरी है कि एक लड़की की मां एक बंगला दे दे और शादी करने वाला खाए पिए. मैं चाहती हूं कि सभी नेता आगे आएं और दहेज प्रथा बन्द हो.
यूपी में 24 करोड़ आबादी है दूसरे राज्यों में कम है. इसलिए इन सब पर काम करने की जिम्मेदारी भी यूपी की है. जो मेडल लेने से चूक गए है. वे छात्र-छात्राएं दुःखी न हो और शांति से घर जाए. मां-बाप के आशीर्वाद के बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता, उनका सदैव सम्मान करें.