मेरठ: जिले से 20 किलोमीटर दूर विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. इस तीर्थ के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया गया है. तकरीबन दो करोड़ की लागत से इस तीर्थ को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा. इसके सुंदरीकरण के साथ-साथ तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण ने जिस स्थान पर राक्षसों का संहार किया था अब वहां विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी. विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस आस्था के केंद्र के विकास के लिए तकरीबन दो करोड़ रुपये की योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है. इस योजना के तहत यहां विकास कार्य, सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे विश्वामित्र तीर्थ गगोल के महात्मा काफी खुश हैं और वह सीएम योगी को इसके लिए धन्यवाद दे रहे हैं.
गगोल तीर्थ के बहुरेंगे दिन, विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए बनाया जाएगा विश्वस्तरीय
मेरठ जिले से 20 किलोमीटर दूर विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. दो करोड़ की लागत से इस तीर्थ क्षेत्र में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
मेरठ: जिले से 20 किलोमीटर दूर विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. इस तीर्थ के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया गया है. तकरीबन दो करोड़ की लागत से इस तीर्थ को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा. इसके सुंदरीकरण के साथ-साथ तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम और लक्ष्मण ने जिस स्थान पर राक्षसों का संहार किया था अब वहां विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी. विश्वामित्र की तपोस्थली गगोल तीर्थ (gagol pilgrim) को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस आस्था के केंद्र के विकास के लिए तकरीबन दो करोड़ रुपये की योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है. इस योजना के तहत यहां विकास कार्य, सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे विश्वामित्र तीर्थ गगोल के महात्मा काफी खुश हैं और वह सीएम योगी को इसके लिए धन्यवाद दे रहे हैं.