मेरठ: भारतीय जनता पार्टी नेता व पूर्व विधायक विनोद हरित ने भाजपा छोड़कर गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया. विनोद हरित वेस्टर्न यूपी में पिछड़ों के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. हालांकि भाजपा छोड़कर रालोद की सदस्यता लेने के दौरान उन्होंने सबसे पहले भाजपा पर ही निशाना साधना शुरू कर दिया.
बता दें कि बीजेपी नेता इससे पहले बीएसपी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. बीएसपी के टिकट पर विनोद हरित सिवालखास विधानसभा से चुनकर विधायक बने थे.
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विनोद हरित ने राष्ट्रीय लोकदल में आस्था जताते हुए कहा कि भाजपा में उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था. कहा कि भाजपा शासनकाल में किसानों की हालत खराब होती जा रही है. महंगाई चरम पर है लेकिन सरकार में बैठे भाजपा नेता चुप्पी साधे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों मेरठ में भाजपा का अनुसूचित मोर्चा सम्मेलन हुआ था. उस सम्मेलन में पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य जाटव मेरठ आईं थीं. 16 जिलों के कार्यकर्ता मेरठ आए थे लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया.
विनोद हरित वेस्टर्न यूपी के दलित नेताओं में गिने जाते हैं. कहा कि किसान मजदूर की अगर सही मायने में यूपी में कोई लड़ाई लड़ रहा है. कोई अगर किसान मजदूर का साथ दे रहा है तो वो सिर्फ राष्ट्रीय लोकदल है.