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मेरठ: वन माफियाओं के खिलाफ कसा गया शिकंजा, केस दर्ज कर जेल भेजा

मेरठ में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के खिलाफ वन विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. वन माफियाओं के खिलाफ विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कुल चार मामले सामने आए. मामला संज्ञान में आने पर विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई.

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Published : Mar 1, 2019, 9:09 PM IST

वन माफियाओं के खिलाफ कसा गया शिकंजा

मेरठ: वन माफियाओं के खिलाफ वन विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कड़ी निगरानी और कार्रवाई के चलते अवैध रूप से पेड़ों के काटे जाने के मामले कम हुए हैं. मेरठ में पिछले एक साल में चार मामले सामने आए, जिनमें विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई हैं.

वन माफियाओं के खिलाफ कसा गया शिकंजा.

वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले अक्सर सामने आते हैं. सरकारी पेड़ों को चोरी छिपे काटकर उन्हें बेचने का काम करते हैं, लेकिन मेरठ वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध रूप से पेड़ काटकर तस्करी किए जाने के मामलों में कमी आई है.

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विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कुल चार मामले सामने आए. मामला संज्ञान में आने पर विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई. एक लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया. अवैध पेड़ कटान के अलावा वन्य जीवों की तस्करी के भी दो मामले सामने आए, जिसमें उनका शिकार कर मीट बेचा जा रहा था.

वहीं, दूसरा मामला अवैध रूप से कछुओं की तस्करी करने का था. दोनों मामलों में भी विभाग की ओर से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेजा गया. मेरठ की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि वन तस्कारों पर लगाम कसने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वन संपदा को कोई नुकसान न पहुंचा सके. इसके लिए चौकसी बढ़ाई गई है.

मेरठ: वन माफियाओं के खिलाफ वन विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कड़ी निगरानी और कार्रवाई के चलते अवैध रूप से पेड़ों के काटे जाने के मामले कम हुए हैं. मेरठ में पिछले एक साल में चार मामले सामने आए, जिनमें विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई हैं.

वन माफियाओं के खिलाफ कसा गया शिकंजा.

वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले अक्सर सामने आते हैं. सरकारी पेड़ों को चोरी छिपे काटकर उन्हें बेचने का काम करते हैं, लेकिन मेरठ वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध रूप से पेड़ काटकर तस्करी किए जाने के मामलों में कमी आई है.

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विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कुल चार मामले सामने आए. मामला संज्ञान में आने पर विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई. एक लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया. अवैध पेड़ कटान के अलावा वन्य जीवों की तस्करी के भी दो मामले सामने आए, जिसमें उनका शिकार कर मीट बेचा जा रहा था.

वहीं, दूसरा मामला अवैध रूप से कछुओं की तस्करी करने का था. दोनों मामलों में भी विभाग की ओर से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेजा गया. मेरठ की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि वन तस्कारों पर लगाम कसने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वन संपदा को कोई नुकसान न पहुंचा सके. इसके लिए चौकसी बढ़ाई गई है.

वन माफियाओं के खिलाफ कसा गया शिकंजा, केस दर्ज कर जेल भेजा, जुर्माना भी वसूला 
मेरठ। वन माफियाओं के खिलाफ वन विभाग ने शिकंजा कसने का प्रयास किया है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि कड़ी निगरानी और की गई कार्रवाई के चलते अवैध रूप से पेड़ों के काटे जाने के मामले कम हुए हैं। मेरठ जिले में पिछले पिछले एक साल में कुल चार मामले अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के सामने आए जिनमें विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई। आगे ये मामले न हो इसके लिए गश्त बढ़ाने और अन्य उपाय किये जाने की बात कही गई है।
वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले अक्सर सामने आते हैं। वन माफिया सरकारी पेड़ों को चोरी छिपे काटकर उन्हें बेचने का काम करते हैं। लेकिन मेरठ विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध रूप से पेड़ काटकर तस्करी किये जाने के मामलों में कमी आयी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले करीब एक साल में कुल चार मामले अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के सामने आए। ये सभी मामले सरकारी पेड़ काटे जाने के थे। मामला संज्ञान में आने पर इन सभी मामलों में विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के अलावा उनसे जुर्माना राशि भी वसूली गई। अवैध पेड़ कटान के अलावा वन जीवों की तस्करी के दो मामले सामने आए। इनमें से एक मामला पहाड़े का शिकार कर उसका मीट बेचे जाने का सामने आया जबकि एक मामला अवैध रूप से कछुओं की तस्करी किये जाने का था। इन दोनों मामलों में भी विभाग की ओर से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ वन्य जंतु अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेजा गया। मेरठ की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि वन तस्कारों पर लगाम कसने के लिए हर संभव प्रयास समय समय पर किये जाते हैं। वन संपदा को कोई नुकसान न पहुंचाए इसके लिए गश्त बढ़ायी गई है। अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले में केस दर्ज किये गए और 1 लाख 90 हजार रूपये का जुर्माना वसूला गया।

बाइट— अदिति शर्मा, डीएफओ, मेरठ

अजय चौहान 

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