मेरठ: वन माफियाओं के खिलाफ वन विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कड़ी निगरानी और कार्रवाई के चलते अवैध रूप से पेड़ों के काटे जाने के मामले कम हुए हैं. मेरठ में पिछले एक साल में चार मामले सामने आए, जिनमें विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई हैं.
वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले अक्सर सामने आते हैं. सरकारी पेड़ों को चोरी छिपे काटकर उन्हें बेचने का काम करते हैं, लेकिन मेरठ वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध रूप से पेड़ काटकर तस्करी किए जाने के मामलों में कमी आई है.
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कुल चार मामले सामने आए. मामला संज्ञान में आने पर विभाग की ओर से केस दर्ज कर कार्रवाई की गई. एक लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया. अवैध पेड़ कटान के अलावा वन्य जीवों की तस्करी के भी दो मामले सामने आए, जिसमें उनका शिकार कर मीट बेचा जा रहा था.
वहीं, दूसरा मामला अवैध रूप से कछुओं की तस्करी करने का था. दोनों मामलों में भी विभाग की ओर से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के तहत कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भेजा गया. मेरठ की डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि वन तस्कारों पर लगाम कसने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि वन संपदा को कोई नुकसान न पहुंचा सके. इसके लिए चौकसी बढ़ाई गई है.