मेरठ : 'सिर मुंडाते ही ओले पड़ना' यह कहावत पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में उस वक्त चरितार्थ हुई जब दूध डेयरी का उद्घाटन के दिन ही खाद्य विभाग का छापा पड़ गया. एक डेयरी व्यापारी को दूध से बने उत्पादों पर स्कीम देना महंगा पड़ गया. डेयरी के शुभारंभ पर दुकानदार ने एक किलो देसी घी के साथ एक किलो घी या एक किलो पनीर मुफ्त देने की स्कीम निकाली. लेकिन डेयरी मालिक का यह स्कीम न तो ग्राहकों के गले उतर रहे थे और ना ही यह खाद्य विभाग को हजम हुई. जिसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा तो घी और दूध से बने अन्य उत्पादों की गुणवत्ता पर संदेह हुआ. जिसके बाद खाद्य विभाग ने सभी उत्पादों के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं.
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पम्पलेट बांट कर दी गई स्कीम के बाद हुई छापेमारी
देखते ही देखते पम्पलेट पुलिस और खाद्य विभाग के पास भी पहुंच गया. इस महंगाई के दौर में 500 रुपये में 2 किलो देसी घी मिलना किसी के गले नही उतर रहा था. पुलिस ने रावल डेयरी का पता कर खाद्य विभाग को सूचित कर दिया. जिसके बाद खाद्य विभाग की डीओ अर्चना धीरान के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने डेयरी पर छापेमारी कर दी. डेयरी पे छापेमारी से जहां अन्य डेयरी संचालकों में भी हड़कम्प मच गया वहीं दुकानदार की खुशियां मायूसी में बदल गई. खाद्य विभाग की टीम ने मौके से दूध, घी, पनीर, खोया समेत सभी उत्पादों के सेम्पल भर लिये.
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बख्से नही जाएंगे मिलावट खोर
डीओ अर्चना धीरान ने बताया कि इस महंगाई में इतना सस्ता देसी घी-दूध मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. डेयरी संचालक की स्कीम से संदेह हुआ कि कहीं ना कहीं दूध उत्पादों में मिलावट की गई है. संदेह के आधार पर छापेमारी की यह कार्यवाई की गई है. मौके से सभी उत्पादों के सेम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद डेयरी संचालक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इस तरह खाने पीने को चीजों में मिलावट करने वाले किसी भी सूरत में बख्से नहीं जाएंगे.