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मेरठ : दुग्ध उत्पादों पर स्कीम देना पड़ा महंगा, खाद्य विभाग ने डेयरी पर की छापेमारी

उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थिति जिले के थाना मेडिकल इलाके के शेरगढ़ी में रावल डेयरी का शुभारंभ किया गया है. डेयरी की ओपनिंग पर व्यापारी ने ग्राहकों को लुभाने के लिए दूध उत्पादों पर स्कीम जारी की थी. एक किलो देसी घी के साथ एक किलो देसी घी या एक किलो पनीर, एक किलो पनीर के साथ 500 ग्राम मटर, एक किलो खोया के साथ 250 ग्राम खोया मुफ्त देने समेत कई तरह के लुभावने ऑफर किये थे. ऑफर से चौकन्ना खाद्य विभाग की टीम ने डेयरी पर छापा मारकर सैंपल इकट्ठा कर जांच के लिए भेज दिया है.

डेयरी पर खाद्य विभाग ने की छापेमारी
डेयरी पर खाद्य विभाग ने की छापेमारी
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Published : Mar 20, 2021, 2:33 PM IST

मेरठ : 'सिर मुंडाते ही ओले पड़ना' यह कहावत पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में उस वक्त चरितार्थ हुई जब दूध डेयरी का उद्घाटन के दिन ही खाद्य विभाग का छापा पड़ गया. एक डेयरी व्यापारी को दूध से बने उत्पादों पर स्कीम देना महंगा पड़ गया. डेयरी के शुभारंभ पर दुकानदार ने एक किलो देसी घी के साथ एक किलो घी या एक किलो पनीर मुफ्त देने की स्कीम निकाली. लेकिन डेयरी मालिक का यह स्कीम न तो ग्राहकों के गले उतर रहे थे और ना ही यह खाद्य विभाग को हजम हुई. जिसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा तो घी और दूध से बने अन्य उत्पादों की गुणवत्ता पर संदेह हुआ. जिसके बाद खाद्य विभाग ने सभी उत्पादों के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं.

डेयरी पर खाद्य विभाग ने की छापेमारी
जानिए, क्या पूरा मामलाआपको बता दें कि थाना मेडिकल इलाके के शेरगढ़ी में रावल डेयरी का शुभारंभ किया है. डेयरी की ओपनिंग पर दुकानदार ने ग्राहकों को लुभाने के लिए दूध उत्पादों पर स्कीम जारी की थी. एक किलो देसी घी के साथ एक किलो देसी घी या एक किलो पनीर, एक किलो पनीर के साथ 500 ग्राम मटर, एक किलो खोया के साथ 250 ग्राम खोया मुफ्त देने समेत कई तरह के लुभावने ऑफर किये थे. इसके लिए बाकायदा पम्पलेट छपवा कर बांटे गए थे. पम्पलेट पर यह स्कीम केवल पांच दिनों के लिए दी जा रही थी. स्कीम के बारे में पता चला तो देसी घी खरीदने वालों की भीड़ लगने लगी.

पढ़ें- चार साल पूरा करने वाले यूपी के पहले भाजपाई मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ

पम्पलेट बांट कर दी गई स्कीम के बाद हुई छापेमारी

देखते ही देखते पम्पलेट पुलिस और खाद्य विभाग के पास भी पहुंच गया. इस महंगाई के दौर में 500 रुपये में 2 किलो देसी घी मिलना किसी के गले नही उतर रहा था. पुलिस ने रावल डेयरी का पता कर खाद्य विभाग को सूचित कर दिया. जिसके बाद खाद्य विभाग की डीओ अर्चना धीरान के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने डेयरी पर छापेमारी कर दी. डेयरी पे छापेमारी से जहां अन्य डेयरी संचालकों में भी हड़कम्प मच गया वहीं दुकानदार की खुशियां मायूसी में बदल गई. खाद्य विभाग की टीम ने मौके से दूध, घी, पनीर, खोया समेत सभी उत्पादों के सेम्पल भर लिये.

पढ़ें- विपक्ष के अब तक के कार्यकाल पर भारी हमारे चार साल : केशव प्रसाद

बख्से नही जाएंगे मिलावट खोर

डीओ अर्चना धीरान ने बताया कि इस महंगाई में इतना सस्ता देसी घी-दूध मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. डेयरी संचालक की स्कीम से संदेह हुआ कि कहीं ना कहीं दूध उत्पादों में मिलावट की गई है. संदेह के आधार पर छापेमारी की यह कार्यवाई की गई है. मौके से सभी उत्पादों के सेम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद डेयरी संचालक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इस तरह खाने पीने को चीजों में मिलावट करने वाले किसी भी सूरत में बख्से नहीं जाएंगे.

मेरठ : 'सिर मुंडाते ही ओले पड़ना' यह कहावत पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में उस वक्त चरितार्थ हुई जब दूध डेयरी का उद्घाटन के दिन ही खाद्य विभाग का छापा पड़ गया. एक डेयरी व्यापारी को दूध से बने उत्पादों पर स्कीम देना महंगा पड़ गया. डेयरी के शुभारंभ पर दुकानदार ने एक किलो देसी घी के साथ एक किलो घी या एक किलो पनीर मुफ्त देने की स्कीम निकाली. लेकिन डेयरी मालिक का यह स्कीम न तो ग्राहकों के गले उतर रहे थे और ना ही यह खाद्य विभाग को हजम हुई. जिसके चलते खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा तो घी और दूध से बने अन्य उत्पादों की गुणवत्ता पर संदेह हुआ. जिसके बाद खाद्य विभाग ने सभी उत्पादों के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं.

डेयरी पर खाद्य विभाग ने की छापेमारी
जानिए, क्या पूरा मामलाआपको बता दें कि थाना मेडिकल इलाके के शेरगढ़ी में रावल डेयरी का शुभारंभ किया है. डेयरी की ओपनिंग पर दुकानदार ने ग्राहकों को लुभाने के लिए दूध उत्पादों पर स्कीम जारी की थी. एक किलो देसी घी के साथ एक किलो देसी घी या एक किलो पनीर, एक किलो पनीर के साथ 500 ग्राम मटर, एक किलो खोया के साथ 250 ग्राम खोया मुफ्त देने समेत कई तरह के लुभावने ऑफर किये थे. इसके लिए बाकायदा पम्पलेट छपवा कर बांटे गए थे. पम्पलेट पर यह स्कीम केवल पांच दिनों के लिए दी जा रही थी. स्कीम के बारे में पता चला तो देसी घी खरीदने वालों की भीड़ लगने लगी.

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पम्पलेट बांट कर दी गई स्कीम के बाद हुई छापेमारी

देखते ही देखते पम्पलेट पुलिस और खाद्य विभाग के पास भी पहुंच गया. इस महंगाई के दौर में 500 रुपये में 2 किलो देसी घी मिलना किसी के गले नही उतर रहा था. पुलिस ने रावल डेयरी का पता कर खाद्य विभाग को सूचित कर दिया. जिसके बाद खाद्य विभाग की डीओ अर्चना धीरान के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने डेयरी पर छापेमारी कर दी. डेयरी पे छापेमारी से जहां अन्य डेयरी संचालकों में भी हड़कम्प मच गया वहीं दुकानदार की खुशियां मायूसी में बदल गई. खाद्य विभाग की टीम ने मौके से दूध, घी, पनीर, खोया समेत सभी उत्पादों के सेम्पल भर लिये.

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बख्से नही जाएंगे मिलावट खोर

डीओ अर्चना धीरान ने बताया कि इस महंगाई में इतना सस्ता देसी घी-दूध मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. डेयरी संचालक की स्कीम से संदेह हुआ कि कहीं ना कहीं दूध उत्पादों में मिलावट की गई है. संदेह के आधार पर छापेमारी की यह कार्यवाई की गई है. मौके से सभी उत्पादों के सेम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद डेयरी संचालक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इस तरह खाने पीने को चीजों में मिलावट करने वाले किसी भी सूरत में बख्से नहीं जाएंगे.

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