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मेरठ: आइसोलेशन से छुट्टी के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा था कोरोना संदिग्ध, FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के मेरठ में सुभारती अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध ने फर्जी वीडियो बनाकर अस्पताल प्रबंधन पर छुट्टी का दबाव बनाने लगा और हंगामा करने लगा, जिस पर अस्पताल अधीक्षक ने कोरोना संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

सुभारती अस्पताल के डाक्टर मरीजों की जांच करते हुए.
सुभारती अस्पताल के डाक्टर मरीजों की जांच करते हुए.
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Published : Apr 1, 2020, 3:28 PM IST

मेरठ: जिले में सुभारती अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध ने अस्पताल प्रबंधन पर छुट्टी का दबाव बनाने के लिए एक फर्जी वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. डॉक्टरों ने जब छुट्टी के लिए मना किया तो उसने हंगामा कर दिया. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल अधीक्षक की ओर से आरोपी के खिलाफ थाना जानी में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मेरठ समाचार
सुभारती अस्पताल के डाक्टर मरीजों की जांच करते हुए.

जिले में सुभारती अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में एक ही परिवार के चार लोग भर्ती हैं. ये सभी महाराष्ट्र से आए कोरोना पॉजिटिव के रिश्तेदार हैं. इनमें शामिल एक युवक ने दो दिन बाद ही डॉक्टरों पर छुट्टी कर घर वापस भेजने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. डॉक्टरों के मना करने पर संदिग्ध मरीज ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. उसने अस्पताल में चार बिस्तर वाला अलग से रूम की डिमांड कर दी.

अस्पताल के स्टाफ ने उससे कहा कि ऐसा कोई कमरा अस्पताल में नहीं है, जिसमें एक साथ चार बिस्तर हों. हंगामा कर रहे युवक को यह भी बताया कि क्वारेंटाइन में रखे गये लोगों को तब तक बीमार नहीं माना जाता, जब तक उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव न आए या कोई लक्षण दिखाई न दें. यह भी बताया कि क्वारेंटाइन में केवल निगरानी के लिये रखा जाता है. इसमें दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार क्वारेंटाइन में रखे लोगों को 14 दिन तक निगरानी में रखा जाता है. यदि इस अवधि में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है तब उसकी छुट्टी कर उसे घर भेज दिया जाता है.

खुद खाना फेंककर बनाया फर्जी वीडियो
अस्पताल स्टाफ का आरोप है कि संदिग्ध कोरोना मरीज ने अस्पताल द्वारा मिले खाने को डस्टबिन के पास फेंक कर उसकी वीडियो बनाकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज दिया. अस्पताल के डॉक्टरों से भी उसने अभद्रता की. पूरे मामले सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेपी सिंह ने थाना जानी में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में चिकित्सीय कार्य में बांधा डालने और वीडियो आदि के माध्यम से लोगों को भ्रमित करने के आरोप हैं और दोषी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की गई है.

अस्पताल स्टॉफ कर रहा मरीजों की जांच
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सुभारती अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस की इस विश्वव्यापी महामारी से लड़ने के लिये अपने निजी प्रयासों द्वारा दिन रात कार्य किया जा रहा है. अस्पताल के सभी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की टीम कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करके प्रतिदिन एक हजार के करीब मरीजों की जांच कर रही है. सुभारती अस्पताल में सामाजिक दूरी के लिये एक-एक मीटर पर गोल घेरा बना हुआ है, जिसके माध्यम से लोग डाक्टरों तक पहुंचकर अपनी जांच करवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मेरठ: लॉकडाउन में गधे की सवारी कर रहे दो युवकों को पुलिस ने बनाया मुर्गा, कराई उठक-बैठक

मेरठ: जिले में सुभारती अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध ने अस्पताल प्रबंधन पर छुट्टी का दबाव बनाने के लिए एक फर्जी वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. डॉक्टरों ने जब छुट्टी के लिए मना किया तो उसने हंगामा कर दिया. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल अधीक्षक की ओर से आरोपी के खिलाफ थाना जानी में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मेरठ समाचार
सुभारती अस्पताल के डाक्टर मरीजों की जांच करते हुए.

जिले में सुभारती अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में एक ही परिवार के चार लोग भर्ती हैं. ये सभी महाराष्ट्र से आए कोरोना पॉजिटिव के रिश्तेदार हैं. इनमें शामिल एक युवक ने दो दिन बाद ही डॉक्टरों पर छुट्टी कर घर वापस भेजने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. डॉक्टरों के मना करने पर संदिग्ध मरीज ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. उसने अस्पताल में चार बिस्तर वाला अलग से रूम की डिमांड कर दी.

अस्पताल के स्टाफ ने उससे कहा कि ऐसा कोई कमरा अस्पताल में नहीं है, जिसमें एक साथ चार बिस्तर हों. हंगामा कर रहे युवक को यह भी बताया कि क्वारेंटाइन में रखे गये लोगों को तब तक बीमार नहीं माना जाता, जब तक उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव न आए या कोई लक्षण दिखाई न दें. यह भी बताया कि क्वारेंटाइन में केवल निगरानी के लिये रखा जाता है. इसमें दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार क्वारेंटाइन में रखे लोगों को 14 दिन तक निगरानी में रखा जाता है. यदि इस अवधि में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है तब उसकी छुट्टी कर उसे घर भेज दिया जाता है.

खुद खाना फेंककर बनाया फर्जी वीडियो
अस्पताल स्टाफ का आरोप है कि संदिग्ध कोरोना मरीज ने अस्पताल द्वारा मिले खाने को डस्टबिन के पास फेंक कर उसकी वीडियो बनाकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज दिया. अस्पताल के डॉक्टरों से भी उसने अभद्रता की. पूरे मामले सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेपी सिंह ने थाना जानी में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में चिकित्सीय कार्य में बांधा डालने और वीडियो आदि के माध्यम से लोगों को भ्रमित करने के आरोप हैं और दोषी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की गई है.

अस्पताल स्टॉफ कर रहा मरीजों की जांच
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सुभारती अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस की इस विश्वव्यापी महामारी से लड़ने के लिये अपने निजी प्रयासों द्वारा दिन रात कार्य किया जा रहा है. अस्पताल के सभी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की टीम कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करके प्रतिदिन एक हजार के करीब मरीजों की जांच कर रही है. सुभारती अस्पताल में सामाजिक दूरी के लिये एक-एक मीटर पर गोल घेरा बना हुआ है, जिसके माध्यम से लोग डाक्टरों तक पहुंचकर अपनी जांच करवा रहे हैं.

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