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मेरठ के किसान हरियाणा से ला रहे हैं धान की पराली, पशुओं के चारे में कर रहे उपयोग

मेरठ के किसान हरियाणा से धान की पराली लाकर पशुओं के चारे के रूप में उपयोग कर रहें हैं. किसानों का कहना है कि यदि हरियाणा और पंजाब के किसान भी धान की पराली का चारा बनाकर अपने पशुओं खिलाएं, तो प्रदूषण की जो समस्या सामने आ रही है वह खत्म हो जाएगी.

धान की पराली का चारे में कर रहे उपयोग.
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Published : Nov 18, 2019, 6:59 PM IST

मेरठ: पंजाब और हरियाणा में जहां बड़े पैमाने पर धान की पराली जलाने से प्रदूषण फैल रहा है. वहीं दिल्ली एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्रों में स्मॉग का असर देखने को मिल रहा है, जबकि मेरठ के किसान धान की पराली का उपयोग पशुओं के चारे में कर एक अच्छी पहल कर दे रहे हैं. ऐसा कर वह न केवल प्रदूषण फैलने से रोक रहे हैं बल्कि पशुओं को चारा भी मिल रहा है.

मेरठ के किसान हरियाणा से ला रहे हैं धान की पराली.

पशुओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है पराली का चारा
मेरठ के किसान अपने खेतों की धान की पराली के अलावा हरियाणा से बड़ी मात्रा में धान की पराली खरीद कर ला रहे हैं. हरियाणा से लाई जा रही पराली को किसान चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि धान की पराली का चारा पशुओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है. दुधारू पशुओं में पराली का चारा खाने से दूध की मात्रा भी बढ़ रही है. यहां मशीन द्वारा पराली का चारा बनाकर पशुओं को खिलाया जा रहा है.

हरियाणा से धान की पराली लाकर यहां पशुओं को खिलाई जा रही है. वहां से एक ट्राली धान की पराली लाने में करीब तीन हजार का खर्च आता है. यदि हरियाणा और पंजाब के किसान भी धान की पराली का चारा बनाकर अपने पशुओं खिलाए तो इन दिनों में प्रदूषण की जो समस्या सामने आ रही है वह खत्म हो जाएगी.
-अनवर कुरैशी, किसान

मेरठ: पंजाब और हरियाणा में जहां बड़े पैमाने पर धान की पराली जलाने से प्रदूषण फैल रहा है. वहीं दिल्ली एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्रों में स्मॉग का असर देखने को मिल रहा है, जबकि मेरठ के किसान धान की पराली का उपयोग पशुओं के चारे में कर एक अच्छी पहल कर दे रहे हैं. ऐसा कर वह न केवल प्रदूषण फैलने से रोक रहे हैं बल्कि पशुओं को चारा भी मिल रहा है.

मेरठ के किसान हरियाणा से ला रहे हैं धान की पराली.

पशुओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है पराली का चारा
मेरठ के किसान अपने खेतों की धान की पराली के अलावा हरियाणा से बड़ी मात्रा में धान की पराली खरीद कर ला रहे हैं. हरियाणा से लाई जा रही पराली को किसान चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि धान की पराली का चारा पशुओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है. दुधारू पशुओं में पराली का चारा खाने से दूध की मात्रा भी बढ़ रही है. यहां मशीन द्वारा पराली का चारा बनाकर पशुओं को खिलाया जा रहा है.

हरियाणा से धान की पराली लाकर यहां पशुओं को खिलाई जा रही है. वहां से एक ट्राली धान की पराली लाने में करीब तीन हजार का खर्च आता है. यदि हरियाणा और पंजाब के किसान भी धान की पराली का चारा बनाकर अपने पशुओं खिलाए तो इन दिनों में प्रदूषण की जो समस्या सामने आ रही है वह खत्म हो जाएगी.
-अनवर कुरैशी, किसान

Intro:मेरठ: यहां के किसान हरियाणा से लाकर धान की पराली का चारे में कर रहे उपयोग
मेरठ। पंजाब और हरियाणा में जहां बड़े पैमाने पर धान की पराली जलाने से फैल रहे प्रदूषण से दिल्ली एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्रों में स्लाग का असर देखने को मिल रहा है। वही मेरठ के किसान धान की पराली का उपयोग पशुओं के चारे में कर एक अच्छी पहल कर रहे हैं। ऐसा कर वह न केवल प्रदूषण फैलने से रोक रहे हैं बल्कि पशुओं को चारा भी मिल रहा है। मेरठ के किसान हरियाणा से बड़ी संख्या में धान की पराली खरीद कर चारे में उपयोग करने के लिए लेकर आ रहे हैं।




Body:मेरठ के किसान अपने खेतों की धान की पराली के अलावा हरियाणा से बड़ी संख्या में धान की पराली खरीद कर ला रहे हैं। हरियाणा से लाई जा रही पराली को किसान चारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि धान की पराली का चारा पशुओं के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है। दुधारू पशुओं में पराली का चारा खाने से दूध की मात्रा भी बढ़ रही है। पराली से बने चारे में खल और चोकर मिलाकर पशुओं को खिलाई जाती है। मेरठ जिले के सिवालखास निवासी दीन मोहम्मद का कहना है कि धान की पराली हमारे कस्बे में बड़ी संख्या में किसान हरियाणा से लेकर आ रहे हैं। यहां मशीन द्वारा पराली का चारा बनाकर पशुओं को खिलाया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जो किसान डेरी कर रहे हैं वह अपने पशुओं को धान की पराली ही इस समय खिला रहे हैं।




Conclusion:सिवालखास के अनवर कुरैशी का कहना है कि हरियाणा से धान की पराली लाकर यहां पशुओं को खिलाई जा रही है। दुधारू पशुओं में इसके खाने से दूध की मात्रा भी बढ़ती है। वहां से एक ट्राली धान की पराली लाने में करीब ₹3000 खर्च आता है। अनवर कुरैशी का कहना है कि यदि हरियाणा और पंजाब के किसान भी धान की पराली का चारा बनाकर अपने पशुओं खिलाए तो इन दिनों में प्रदूषण की जो समस्या सामने आ रही है वह खत्म हो जाए।

बाइट- दीन मोहम्मद, ग्रामीण सिवालखास
बाइट- अनवर कुरैशी, ग्रामीण सिवालखास

अजय चौहान
9897799794
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