मेरठ: पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष द्वारा लगातार उत्पीड़न करने को लेकर विद्युत कर्मचारी रविवार को सुबह 10 बजे से ही कार्य बहिष्कार पर हैं. उत्तर प्रदेश में इस वक्त एस्मा एक्ट लागू है. ऐसे में सरकारी कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, लेकिन इसके बावजूद मेरठ में विद्युत विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर जा बैठे हैं.
क्या है इनकी समस्या और मांग
इन लोगों का कहना है कि कोरोना काल में विद्युत विभाग के अभियंता अनावश्यक कार्य को तत्काल करने और समीक्षाओं के नाम पर दबाव डालने का काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में हैं. इन लोगों ने मांग की है कि विद्युत कर्मियों को फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर का दर्जा दिया जाए. इसी के साथ बड़ी संख्या में अभियंता अधिनस्थ स्टाफ और उनके परिजनों के कोरोनावायरस से ग्रसित होने और उनके निधन होने के दृष्टिगत उन कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से जान गंवा बैठे अभियंताओं के परिजनों को भी उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्तियां प्रदान की जाए.
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