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मेरठ: स्मॉग का असर अभी नहीं होगा कम, छाई रहेगी धुंध

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Published : Oct 30, 2019, 5:12 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ में बढ़ रहे प्रदुषण और दीवाली के तीन हुई आतिशबाजी की वजह से स्मॉग की मात्रा बढ़ गई है. जिले में कुछ दिनों तक स्मॉग देखने को मिल सकता है.

दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ी.

मेरठः जिले में और आसपास के इलाकों में अभी स्मॉग का असर कम नहीं हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि अब सुबह और शाम के समय धुंध का असर अधिक दिखाई देगा. खेतों में धान की पराली जलाने और बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है. सोमवार को जिले का एक्यूआई 352 था, जो मंगलवार को बढ़कर 379 पहुंच गया.

प्रदूषण की वजह से बढ़ा स्मॉग
जिले में स्मॉग का असर पिछले 2 दिन से अधिक दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना कर पढ़ रहा है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर के मुताबिक धान की पराली खेतों में जलाए जाने की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दिवाली पर पटाखों के धुएं से भी इसमें इजाफा हुआ है.

दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ी.

इन दिनों वातावरण में नमी अधिक
इन दिनों वातावरण में नमी अधिक और हवा की गति कम होने की वजह से धूल और धुएं के कण वातावरण में नीचे की ओर ही बने हुए हैं. यही कारण है कि इन दिनों स्मॉग का असर दिखाई दे रहा है. स्मॉग का असर तभी कम होगा जब हवा की गति तेज होगी ताकि स्मॉग उड़कर ऊपर चला जाए या फिर बारिश हो. वर्तमान में बारिश की संभावना नहीं है. फिलहाल यह धुंध अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही दिखाई देगी.

सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को
साथ ही प्रोफेसर का कहना है कि स्मॉग की वजह से सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को होती है. ऐसे मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, जहां धूल या धुआं अधिक रहता हो. मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए. स्मॉग और प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए इसके प्रति भी सावधानी बरतनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- रात भर जले पटाखे- खूब हुई आतिशबाजी, दिवाली के अगले दिन लखनऊ में छायी धुंध

मेरठः जिले में और आसपास के इलाकों में अभी स्मॉग का असर कम नहीं हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि अब सुबह और शाम के समय धुंध का असर अधिक दिखाई देगा. खेतों में धान की पराली जलाने और बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ गई है. सोमवार को जिले का एक्यूआई 352 था, जो मंगलवार को बढ़कर 379 पहुंच गया.

प्रदूषण की वजह से बढ़ा स्मॉग
जिले में स्मॉग का असर पिछले 2 दिन से अधिक दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना कर पढ़ रहा है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर के मुताबिक धान की पराली खेतों में जलाए जाने की वजह से यह स्मॉग दिखाई दे रहा है. दिवाली पर पटाखों के धुएं से भी इसमें इजाफा हुआ है.

दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ी.

इन दिनों वातावरण में नमी अधिक
इन दिनों वातावरण में नमी अधिक और हवा की गति कम होने की वजह से धूल और धुएं के कण वातावरण में नीचे की ओर ही बने हुए हैं. यही कारण है कि इन दिनों स्मॉग का असर दिखाई दे रहा है. स्मॉग का असर तभी कम होगा जब हवा की गति तेज होगी ताकि स्मॉग उड़कर ऊपर चला जाए या फिर बारिश हो. वर्तमान में बारिश की संभावना नहीं है. फिलहाल यह धुंध अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही दिखाई देगी.

सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को
साथ ही प्रोफेसर का कहना है कि स्मॉग की वजह से सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को होती है. ऐसे मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, जहां धूल या धुआं अधिक रहता हो. मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए. स्मॉग और प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए इसके प्रति भी सावधानी बरतनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें- रात भर जले पटाखे- खूब हुई आतिशबाजी, दिवाली के अगले दिन लखनऊ में छायी धुंध

Intro:मेरठ: स्माग का असर अभी नहीं होगा, कम छाई रहेगी धुंध
मेरठ। मेरठ और आसपास के इलाकों में अभी इस स्माग का असर कम नहीं होगा। सुबह और शाम के समय धुंध का असर अधिक दिखाई देगा। यह कहना है विशेषज्ञों का। बताया जा रहा है कि खेतों में धान की पराली जलाने और बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह स्माग दिखाई दे रहा है। दीपावली के बाद प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। सोमवार को मेरठ का एक्यूआई 352 था जो मंगलवार को बढ़कर 379 पहुंच गया।




Body:मेरठ में स्माग का असर पिछले 2 दिन से अधिक दिखाई दे रहा है। जिस कारण लोगों की परेशानी का सामना पढ़ रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर के मुताबिक धान की पराली खेतों में जलाए जाने की वजह से यह स्माग दिखाई दे रहा है। दिवाली पर पटाखों के धुएं से भी इसमें इजाफा हुआ है। इन दिनों वातावरण में नमी अधिक है और हवा की गति कम है इस वजह से धूल और धुएं के कण वातावरण में नीचे की ओर ही बने हुए हैं। यही कारण है कि इन दिनों स्माग का असर दिखाई दे रहा है। यह असर तब तक बना रहेगा जब तक हवा की गति तेज नहीं होगी। प्रोफेसर आर एस सेंगर का कहना है स्माग का असर तभी कम होगा या तो हवा की गति तेज हो ताकि स्माग उड़कर ऊपर चला जाए या फिर बारिश हो। वर्तमान में बारिश की संभावना नहीं है। बताया कि फिलहाल यह धुंध अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही दिखाई देगी।




Conclusion:प्रोफेसर आर एस सेंगर का कहना है कि इस माह की वजह से सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को होती है। ऐसे मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए जहां धूल या धुआं अधिक रहता हो। मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए। स्माग और प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए इसके प्रति भी सावधानी बरतनी चाहिए।

बाइट- आर एस सेंगर, प्रोफेसर

अजय चौहान
9897799794
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