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पहले इंजीनियर, फिर नगरायुक्त अब द्विज बने आईएएस, जानिए कैसे पाई सफलता

मेरठ के खरखौदा के द्वीज ने कमाल कर दिया. यूपीएससी परीक्षा में 71वीं रैंक पाकर आईएएस बन गए.

मेरठ के खरखौदा के द्वीज ने किया कमाल,upsc में पाई 71 वीं रैंक
मेरठ के खरखौदा के द्वीज ने किया कमाल,upsc में पाई 71 वीं रैंक
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Published : May 24, 2023, 10:00 PM IST

Updated : May 24, 2023, 11:09 PM IST

पहले इंजीनियर, फिर नगरायुक्त अब द्विज बने आईएएस

मेरठ: यूपीएससी के नतीजे मंगलवार को जारी हो चुके हैं. जनपद के खरखौदा के द्विज गोयल 71वीं रैक हासिल कर आईएएस बन गए हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद द्विज को अच्छी नौकरी मिल गई थी. उसे छोड़कर अपने IAS बनने के सपने के लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी की और कामयाब रहे. द्विज गोयल वर्तमान में पुडुचेरी में नगर आयुक्त के पद पर तैनात हैं. आइए जानते हैं किस तरह द्वीज ने सफलता का स्वाद चखा..

सफलता के बाद पर परिजनों के साथ खुशियां मनाते द्वीज गोयल
सफलता के बाद पर परिजनों के साथ खुशियां मनाते द्वीज गोयल

संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में द्विज गोयल ने 71 वीं रैंक हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है. उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि हाल ही उनकी मां का ऑपरेशन हुआ है. जिस वजह से वह 5 दिन की छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे. उन्होंने बताया कि 10वीं और 12वीं की पढ़ाई हापुड़ के दीवान पब्लिक स्कूल से की थी. जबकि भोपाल से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद एक निजी कम्पनी में कैम्पस से ही सलेक्शन हो गया था.

द्वीज गोयल को मिठाई खिलाते परिजन
द्वीज गोयल को मिठाई खिलाते परिजन

निजी कम्पनी की नौकरी छोड़कर शुरू की थी तैयारी: द्विज बताते हैं कि उनका बचपन से ही सपना था कि वह आईएएस बनें. लेकिन, इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने कुछ दिन के लिए नौकरी ज्वाइन कर ली थी. लेकिन, नौकरी ने द्विज का ज्यादा दिन मन नहीं लगा, तो उन्होंने नौकरी छोड़कर 2020 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए उनकी मां हमेशा मेहनत करने को प्रेरित करती है. द्विज गोयल ने बताया कि 2003 में उनके जीवन का बुरा दिन आया, जब उनके पिता मुनेश गोयल की मौत हो गई. उसके बाद से उनकी मां सीमा गोयल ने ही उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने और अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया. द्विज कामयाबी का श्रेय अपनी मां को देते हैं. द्विज ने बताया कि उनकी मां खरखौदा के सरकारी स्कूल में सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका हैं. वह कहते हैं कि अपनी मां के आशीर्वाद से ही आज वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

परिजनों की साथ द्विज गोयल
परिजनों की साथ द्विज गोयल

वर्तमान में पुडुचेरी में नगर आयुक्त हैं द्विज: द्विज गोयल ने बताया कि जब 2020 में उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मन बनाया था. जिसमें 2021 में यूपीएससी के जरिए परीक्षा में सफल होकर पुडुचेरी नगर आयुक्त बन गए. हालांकि, वे अपनी परफॉर्मेंस से सन्तुष्ट नहीं थे. इसीलिए आईएएस बनने के सपने के लिए सेल्फ स्टडी की और पढ़ाई के घंटे बढ़ाए. ज्यादा फोकस के साथ तैयारी की. गौरतलब है कि पिछले माह जब यूपीपीसीएस का रिजल्ट आया था. द्विज उसमें भी सफल रहे थे और एसडीएम के तौर पर चयनित हुए थे. 2020 में भी उन्होंने पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. तब उन्हें युवा कल्याण अधिकारी का पद मिला था जो कि उन्होंने छोड़ दिया था.

इंटरव्यू में इंजन बनाने को कहा गया था:
उन्होंने बताया इस बार जब UPSC की परीक्षा के बाद जब इंटरव्यू देने पहुंचे, तो उनसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते इंजन बनाने के लिए कहा गया था. इस पर द्विज ने बिना समय गंवाए 45 से 50 सेकेंड के अंदर ही इंजन की ड्राइंग बना दी. वह कहते हैं कि ये बात हमेशा याद रखेंगे. वहीं, द्विज के छोटे भाई कामेश गोयल एक निजी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. अपने बड़े भाई को उनके आईएएस बनने की जानकारी भी कामेश गोयल ने ही दी थी. द्विज का कहना है कि वह महिला शिक्षा पर अधिक काम करना चाहेंगे. उन्होंने बताया कि भाग्य से उनके दो दोस्त भी सफल रहे हैं, वह बहुत खुश हैं. यह भी पढ़ें: बुलंदशहर के एसडीएम अभिनव द्विवेदी बने IAS, UPSC में हासिल की 132 वीं रैंक

पहले इंजीनियर, फिर नगरायुक्त अब द्विज बने आईएएस

मेरठ: यूपीएससी के नतीजे मंगलवार को जारी हो चुके हैं. जनपद के खरखौदा के द्विज गोयल 71वीं रैक हासिल कर आईएएस बन गए हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद द्विज को अच्छी नौकरी मिल गई थी. उसे छोड़कर अपने IAS बनने के सपने के लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी की और कामयाब रहे. द्विज गोयल वर्तमान में पुडुचेरी में नगर आयुक्त के पद पर तैनात हैं. आइए जानते हैं किस तरह द्वीज ने सफलता का स्वाद चखा..

सफलता के बाद पर परिजनों के साथ खुशियां मनाते द्वीज गोयल
सफलता के बाद पर परिजनों के साथ खुशियां मनाते द्वीज गोयल

संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में द्विज गोयल ने 71 वीं रैंक हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है. उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि हाल ही उनकी मां का ऑपरेशन हुआ है. जिस वजह से वह 5 दिन की छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे. उन्होंने बताया कि 10वीं और 12वीं की पढ़ाई हापुड़ के दीवान पब्लिक स्कूल से की थी. जबकि भोपाल से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद एक निजी कम्पनी में कैम्पस से ही सलेक्शन हो गया था.

द्वीज गोयल को मिठाई खिलाते परिजन
द्वीज गोयल को मिठाई खिलाते परिजन

निजी कम्पनी की नौकरी छोड़कर शुरू की थी तैयारी: द्विज बताते हैं कि उनका बचपन से ही सपना था कि वह आईएएस बनें. लेकिन, इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने कुछ दिन के लिए नौकरी ज्वाइन कर ली थी. लेकिन, नौकरी ने द्विज का ज्यादा दिन मन नहीं लगा, तो उन्होंने नौकरी छोड़कर 2020 में UPSC की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए उनकी मां हमेशा मेहनत करने को प्रेरित करती है. द्विज गोयल ने बताया कि 2003 में उनके जीवन का बुरा दिन आया, जब उनके पिता मुनेश गोयल की मौत हो गई. उसके बाद से उनकी मां सीमा गोयल ने ही उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने और अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया. द्विज कामयाबी का श्रेय अपनी मां को देते हैं. द्विज ने बताया कि उनकी मां खरखौदा के सरकारी स्कूल में सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका हैं. वह कहते हैं कि अपनी मां के आशीर्वाद से ही आज वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

परिजनों की साथ द्विज गोयल
परिजनों की साथ द्विज गोयल

वर्तमान में पुडुचेरी में नगर आयुक्त हैं द्विज: द्विज गोयल ने बताया कि जब 2020 में उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मन बनाया था. जिसमें 2021 में यूपीएससी के जरिए परीक्षा में सफल होकर पुडुचेरी नगर आयुक्त बन गए. हालांकि, वे अपनी परफॉर्मेंस से सन्तुष्ट नहीं थे. इसीलिए आईएएस बनने के सपने के लिए सेल्फ स्टडी की और पढ़ाई के घंटे बढ़ाए. ज्यादा फोकस के साथ तैयारी की. गौरतलब है कि पिछले माह जब यूपीपीसीएस का रिजल्ट आया था. द्विज उसमें भी सफल रहे थे और एसडीएम के तौर पर चयनित हुए थे. 2020 में भी उन्होंने पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. तब उन्हें युवा कल्याण अधिकारी का पद मिला था जो कि उन्होंने छोड़ दिया था.

इंटरव्यू में इंजन बनाने को कहा गया था:
उन्होंने बताया इस बार जब UPSC की परीक्षा के बाद जब इंटरव्यू देने पहुंचे, तो उनसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र होने के नाते इंजन बनाने के लिए कहा गया था. इस पर द्विज ने बिना समय गंवाए 45 से 50 सेकेंड के अंदर ही इंजन की ड्राइंग बना दी. वह कहते हैं कि ये बात हमेशा याद रखेंगे. वहीं, द्विज के छोटे भाई कामेश गोयल एक निजी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. अपने बड़े भाई को उनके आईएएस बनने की जानकारी भी कामेश गोयल ने ही दी थी. द्विज का कहना है कि वह महिला शिक्षा पर अधिक काम करना चाहेंगे. उन्होंने बताया कि भाग्य से उनके दो दोस्त भी सफल रहे हैं, वह बहुत खुश हैं. यह भी पढ़ें: बुलंदशहर के एसडीएम अभिनव द्विवेदी बने IAS, UPSC में हासिल की 132 वीं रैंक

Last Updated : May 24, 2023, 11:09 PM IST
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