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मेरठ: सीएए हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा वकीलों का प्रतिनिधिमंडल, मदद का आश्वासन

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का प्रतिनिधिमंडल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हुई हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा. इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई महमूद प्राचा ने की. उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा की बात कही.

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मेरठ में सीएए हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा वकीलों का प्रतिनिधिमंडल.
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Published : Jan 2, 2020, 12:00 AM IST

मेरठ: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का प्रतिनिधिमंडल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा और परिजनों को सांत्वना दी. इस प्रतिनिधिमंडल में शिया धर्म गुरु मौलाना कासिम ज़ैदी और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील महमूद प्राचा भी मौजूद रहे.

जानकारी देते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील.

'पुलिस ने लोगों पर चलाई गोली'
मीडिया से बातचीत के दौरान महमूद प्राचा ने कहा कि मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सीधे लोगों पर गोलियां चलाई. साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में उन्होंने एक कमेटी बनाई है, जोकि कानूनी प्रक्रिया से लेकर हर सम्भव मदद मृतकों के परिजनों की करेगी.

सरकार दे मुआवजा
वरिष्ठ वकील प्राचा ने एक बार फिर कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को शस्त्र का लाइसेंस ले लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने सरकार से मारे गए लोगों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में देने की मांग की.

संविधान के अंतर्गत काम करता है प्रशासन
सीनियर वकील महमूद प्राचा ने स्पष्ट किया कि हिंसा के दिन अगर किसी भी अधिकारी की भूमिका गलत सामने आती है तो निश्चित तौर उनको नामजद कर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. हिंसा में हुए सरकारी नुकसान की भरपाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रशासन कोई भी कार्रवाई संविधान के अंतर्गत कर सकता है. मंत्री से लेकर संतरी तक संविधान में रहकर काम करेंगे.

एसपी सिटी के बयान की निंदा
एसपी सिटी द्वारा पाकिस्तान चले जाने के बयान की निंदा करते हुए वरिष्ठ वकील प्राचा ने कहा कि कोई भी अधिकारी जो कि ज़िम्मेदार पद पर है. इस तरह की बातें नही कर सकता. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एसपी सिटी द्वारा इस तरह की बातें कही गई.

वहीं मृतकों के परिजनों ने बताया कि उनसे मिलने आए प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कानूनी लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया है. उनसे ही अब उम्मीद है.

मेरठ: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का प्रतिनिधिमंडल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंचा और परिजनों को सांत्वना दी. इस प्रतिनिधिमंडल में शिया धर्म गुरु मौलाना कासिम ज़ैदी और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील महमूद प्राचा भी मौजूद रहे.

जानकारी देते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील.

'पुलिस ने लोगों पर चलाई गोली'
मीडिया से बातचीत के दौरान महमूद प्राचा ने कहा कि मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सीधे लोगों पर गोलियां चलाई. साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में उन्होंने एक कमेटी बनाई है, जोकि कानूनी प्रक्रिया से लेकर हर सम्भव मदद मृतकों के परिजनों की करेगी.

सरकार दे मुआवजा
वरिष्ठ वकील प्राचा ने एक बार फिर कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को शस्त्र का लाइसेंस ले लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने सरकार से मारे गए लोगों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में देने की मांग की.

संविधान के अंतर्गत काम करता है प्रशासन
सीनियर वकील महमूद प्राचा ने स्पष्ट किया कि हिंसा के दिन अगर किसी भी अधिकारी की भूमिका गलत सामने आती है तो निश्चित तौर उनको नामजद कर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. हिंसा में हुए सरकारी नुकसान की भरपाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रशासन कोई भी कार्रवाई संविधान के अंतर्गत कर सकता है. मंत्री से लेकर संतरी तक संविधान में रहकर काम करेंगे.

एसपी सिटी के बयान की निंदा
एसपी सिटी द्वारा पाकिस्तान चले जाने के बयान की निंदा करते हुए वरिष्ठ वकील प्राचा ने कहा कि कोई भी अधिकारी जो कि ज़िम्मेदार पद पर है. इस तरह की बातें नही कर सकता. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एसपी सिटी द्वारा इस तरह की बातें कही गई.

वहीं मृतकों के परिजनों ने बताया कि उनसे मिलने आए प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कानूनी लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया है. उनसे ही अब उम्मीद है.

Intro:मेरठ-


सुप्रीम कोर्ट के वकीलों का डेलीगेशन पहुँचा,

 मेरठ हिंसा में मारे गए मृतको के घर पहुँचा डेलिगेशन,

 शिया धर्म गुरु और सीनियर वकील महमूद प्राचा भी मौजूद,

मृतको के परिजनों को दी सांत्वना,



Body:टोरी-हिंसा में मारे गए लोगो के परिजनों से मिलने पहुँचा वकीलों का डेलिगेशन, सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा और शिया धर्मगुरु ने दी परिजनों को सांत्वना,प्राचा ने फिर दी शस्त्रों के लाइसेंस लेनें की नसीहत 
नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए लोगो के परिजनों से मिलने पहुँचे और उन्हें सांत्वना दी ,साथ ही परिजनों को उनके लिए न्याययिक लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया । 

डेलीगेशन में सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा ने मुख्य रूप से अगुआई की , इसके अलावा  शिया धर्म गुरु मौलाना कासिम ज़ैदी अन्य भी डेलीगेशन में थे और हिंसा में मारे गए सभी मृतको के परिजनों से मिले ,मीडिया से बातचीत के दौरान महमूद प्राचा ने कहा कि परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सीधे लोगो पर गोलियां चलाई , साथ ही बताया इस प्रकरण में उन्होंने एक कमिटी बनाई है जोकि कानूनी प्रक्रिया से लेकर हर सम्भव मदद मृतको के परिजनों की करेगी ।

प्राचा ने कहा कि एक बार फिर कहा कि मौजूदा हालातो को देखते हुए एससी, एसटी ओबीसी और माइनॉरिटी के लोगो को शस्त्र के लाइसेंस लेने की नसीहत दी । साथ ही उन्होंने सरकार से मारे गए लोगो के आश्रितो को एक एक करोड़ रुपये मुआवज़े के रूप में देने की मांग की ।

उन्होंने साफ किया कि हिंसा के दिन अगर किसी भी अधिकारी का भूमिका गलत सामने आती है तो निश्चित तौर उनको नामजद कर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी ।

हिंसा में हुए सरकारी नुकसान की भरपाई के सवाल पर कहा कि प्रशासन कोई भी कार्रवाई संविधान के अंतर्गत कर सकता है ,मंत्री से लेकर संतरी तक संविधान में रहकर काम करेंगे ।


वहीं एसपी सिटी द्वारा पाकिस्तान चले जाने के बयान की निंदा करते है  कि कोई भी अधिकारी जोकि ज़िम्मेदार पड़ पर इस तरह की बातें नही कर सकता ,ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एसपी सिटी द्वारा इस तरह की बातें कही कहीं


मृतको के परिजनों ने कहा कि उनसे मिलने आए डेलिगेशन ने उन्हें कानूनी लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया है अब उनसे ही उम्मीद है ।


बाइट-महमूद प्राचा, वकील






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