मेरठः बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में वॉकिंग रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाली प्रियंका गोस्वामी मंगलवार को परदेस से अपने वतन लौटी. इस दौरान ढोल नगाड़े बजाकर उनका भव्य स्वागत किया गया. सिल्वर गर्ल प्रियंका गोस्वामी अपना साथ लड्डू गोपाल (भगवान श्रीकृष्ण) को लिए हुए थी. प्रियंका की कामयाबी पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया.
प्रियंका गोस्वामी ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि वे अपनी जीत का श्रेय लड्डू गोपाल (भगवान श्रीकृष्ण) और अपनी मेहनत को देती है. प्रियंका ने कहा कि वे दस साल से लगातार तैयारी कर रही हैं. हार नहीं माननी है, बल्कि सपनों को पूरा करने के लिए और अधिक मेहनत करनी है. उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बहुत से एथलीट असफलताओं से परेशान हो जाते हैं. हार मानने की बजाये उनसे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि उन्होंने भी दस साल तक पूरी ईमानदारी से तैयारी की है. काफी समस्याएं आती हैं, लेकिन जब हम अपने लक्ष्य कर लिए प्रयत्नशील होते हैं तो सब कुछ ठीक होता चला जाता है. लोगों द्वारा मेरठ पहुंचने पर किए गए स्वागत से गदगद प्रियंका ने कहा कि उनपर सभी पुष्पवर्षा कर रहे थे. वे इसे अपने लिए लिए गौरव की बात मानती हैं. आगे के लक्ष्य के बारे में प्रियंका ने कहा कि अब आगे अगले साल एशियन गेम्स हैं, वर्ल्ड चैंपियनशिप है. वे एक सप्ताह के बाद दोबारा बेंगलुरु जाकर अपनी तैयारी में जुटने वाली हैं. फोटोग्राफी प्रियंका को बेहद पसंद है. वहीं, उन्होंने बताया कि कभी-कभी सोशल मीडिया पर समय देती हैं, लेकिन अधिक समय तो अपने गेम्स पर ही देती हैं.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी स्वयं बीते वर्ष खिलाड़ियों से रूबरू हुए थे, उससे खिलाड़ियों को भी लगता है कि उन्हें देश के लिए पदक लेना है, जीतकर जाना है. वे कहती हैं कि काफी अंतर आया है मोदी जी खिलाड़ियों से मिलते हैं, तो मनोबल बढ़ना स्वाभाविक है. प्रियंका के माता-पिता ने कहा कि वे तो यही कहेंगे कि बेटियों पर भरोसा करें व उन्हें मौका दें कुछ कर दिखाने का. प्रियंका के पिता मदनपाल गोस्वामी ने कहा कि वे तो भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि जैसे उनकी बेटी ने उनका मान बढ़ाया है वैसे ही सबकी बेटियां नाम रोशन करें.
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