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घर-घर जल पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाने वाले ही निकले पानी चोर, जानिए क्या है मामला

मेरठ जिले में पानी चोरी का मामला सामने आया है. नगर निगम की ओर से मामले में कार्रवाई की बात कही जा रही है. यह मामला सुर्खियों में है. टीम के निरीक्षण के दौरान यह मामला पकड़ में आया था.

मेरठ में पानी चोरी का मामला सामने आया है.
मेरठ में पानी चोरी का मामला सामने आया है.
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Published : Jun 22, 2023, 6:04 PM IST

मेरठ में पानी चोरी का मामला सामने आया है.

मेरठ : जिले में पानी चोरी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. नगर निगम की टीम ने पानी की चोरी पकड़ी है. मामले में फंसे दोषी ठेकेदारों के विरुद्ध एक्शन की तैयारी है. आरोपियों पर जुर्माना लगाया गया है. इस समय भीषण गर्मी हो रही है. ऐसे में पानी की खपत बढ़ गई है. इस बीच पानी चोर भी सक्रिय हो गए हैं. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए निजी कॉन्ट्रैक्टर को ठेका दिया गया है, लेकिन जिम्मेदार ही पानी की चोरी कराने में लगे हैं.

अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि ओवरहैड टैंक की आउटपुट लाइन में चार इंच की पाइप लगाकर आसपास के खेतों में सिंचाई हो रही थी. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम की टीम ने उनके साथ मौके पर पहुंचकर पानी की चोरी पकड़ी थी. उन्होंने यह भी बताया कि पानी चोरों के द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते ऐसा किया जा रहा था. वहीं ओवरहेड टैंक और नलकूप के पास ही अलग-अलग टेंट हाउस के कालीन भी सुखाए जा रहे थे.

बता दें कि इस मामले में किसी शख्स ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर गोपनीय शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि ठेकेदार और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों लीटर पानी सिंचाई के लिए बेचा जा रहा है. इसके अलावा पानी की जहां टंकी है उस परिसर में ही कारपेट धुलाई का धंधा भी चल रहा है. इसके बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू की. मामले में अपर नगर आयुक्त ने बताया कि जो भी ठेकेदार इसके लिए जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई के साथ उनकी फर्म को भी ब्लैक लिस्ट किया जाएगा. पानी चोरी कर कारपेट की धुलाई के मामले में भी ठेकेदार पर प्रति कारपेट दस हजार रुपये का जुर्माना लगाएंगे. नगर निगम के अफसरों की माने तो कुल दो लोगों के सौ कारपेट धुलने के बाद सूखने के लिए वहां रखे गए थे.

निरीक्षण के बाद जीएम जल निगम की तरफ से इस मामले में मैसर्स जेएस कान्ट्रैक्टर के प्रतिनिधि हिमांशु बाली को भी जुर्माना देने के लिए नोटिस देने की बात कही गई है. इस मामले में बीजेपी के नवनिर्वाचित महापौर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. वहीं चर्चा है कि जो लोग पानी की चोरी में शामिल हैं, वे सत्ताधारी दल से भी ताल्लुक रखते हैं. गौरतलब है कि ओवरहैड टैंकों के रख-रखाव का ठेका बीते एक दशक पहले मधु इंजीनियरिंग और जेएस कान्ट्रैक्टर को दिया गया था. यह दोनों फर्में हिमाशु बाली की हैं. वह मेरठ महानगर में बीजेपी के महामंत्री के चचेरे भाई हैं.

यह भी पढ़ें : चोरी की बाइक के साथ फर्राटा भर रहा सिपाही पकड़ा गया

मेरठ में पानी चोरी का मामला सामने आया है.

मेरठ : जिले में पानी चोरी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. नगर निगम की टीम ने पानी की चोरी पकड़ी है. मामले में फंसे दोषी ठेकेदारों के विरुद्ध एक्शन की तैयारी है. आरोपियों पर जुर्माना लगाया गया है. इस समय भीषण गर्मी हो रही है. ऐसे में पानी की खपत बढ़ गई है. इस बीच पानी चोर भी सक्रिय हो गए हैं. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए निजी कॉन्ट्रैक्टर को ठेका दिया गया है, लेकिन जिम्मेदार ही पानी की चोरी कराने में लगे हैं.

अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि ओवरहैड टैंक की आउटपुट लाइन में चार इंच की पाइप लगाकर आसपास के खेतों में सिंचाई हो रही थी. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम की टीम ने उनके साथ मौके पर पहुंचकर पानी की चोरी पकड़ी थी. उन्होंने यह भी बताया कि पानी चोरों के द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते ऐसा किया जा रहा था. वहीं ओवरहेड टैंक और नलकूप के पास ही अलग-अलग टेंट हाउस के कालीन भी सुखाए जा रहे थे.

बता दें कि इस मामले में किसी शख्स ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर गोपनीय शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि ठेकेदार और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों लीटर पानी सिंचाई के लिए बेचा जा रहा है. इसके अलावा पानी की जहां टंकी है उस परिसर में ही कारपेट धुलाई का धंधा भी चल रहा है. इसके बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू की. मामले में अपर नगर आयुक्त ने बताया कि जो भी ठेकेदार इसके लिए जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई के साथ उनकी फर्म को भी ब्लैक लिस्ट किया जाएगा. पानी चोरी कर कारपेट की धुलाई के मामले में भी ठेकेदार पर प्रति कारपेट दस हजार रुपये का जुर्माना लगाएंगे. नगर निगम के अफसरों की माने तो कुल दो लोगों के सौ कारपेट धुलने के बाद सूखने के लिए वहां रखे गए थे.

निरीक्षण के बाद जीएम जल निगम की तरफ से इस मामले में मैसर्स जेएस कान्ट्रैक्टर के प्रतिनिधि हिमांशु बाली को भी जुर्माना देने के लिए नोटिस देने की बात कही गई है. इस मामले में बीजेपी के नवनिर्वाचित महापौर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. वहीं चर्चा है कि जो लोग पानी की चोरी में शामिल हैं, वे सत्ताधारी दल से भी ताल्लुक रखते हैं. गौरतलब है कि ओवरहैड टैंकों के रख-रखाव का ठेका बीते एक दशक पहले मधु इंजीनियरिंग और जेएस कान्ट्रैक्टर को दिया गया था. यह दोनों फर्में हिमाशु बाली की हैं. वह मेरठ महानगर में बीजेपी के महामंत्री के चचेरे भाई हैं.

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