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कोर्ट ने योगेश भदौड़ा सहित तीन को सुनाई पांच साल के कारावास की सजा

न्यायालय अपर जज विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या 2 मेरठ पीएन पांडेय ने पुलिस को जान से मारने के प्रयास के एक मामले में वेस्ट यूपी के कुख्यात योगेश भदौड़ा और उसके तीन साथियों को दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा दी है.

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Published : May 28, 2022, 3:28 PM IST

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पांच साल के कारावास की सजा

मेरठः न्यायालय अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश पीएन पांडेय ने पुलिस को जान से मारने के प्रयास के एक मामले में यूपी के कुख्यात योगेश भदौड़ा और उसके तीन साथियों को दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा दी है. इसके साथ ही सात हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है.

गौरतलब है कि वादी मुकदमा राजेश वर्मा तत्कालीन थाना प्रभारी (थाना परतापुर) में रिपोर्ट दर्ज करायी कि वो 21 मार्च 2013 को पुलिस बल के साथ बिजली बंबा बाईपास शताब्दीनगर पर मौजूद थे. उन्होंने जैनपुर से दिल्ली रोड की ओर से आ रही एक सफेद गाड़ी को तेजी से आते हुए देखा. पुलिस को गाड़ी में बदमाश होने का शक हुआ. पुलिस ने थोड़ी दूरी पर आते ही बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें पुलिसवाले बाल-बाल बच गये. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी को घेरकर उन्हें दबोच लिया और जेल भेज दिया था. सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को जान से मारने के प्रयास में दोषी पाते हुए 5-5 साल कारावास और सात-सात हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया.

इसे भी पढ़ें- कुशीनगर: दो सिपाहियों पर धारदार हथियार से हमला, एक की हालत नाजुक

एसएसपी मेरठ ने बताया कि योगेश भदौड़ा चिन्हित माफिया है. उस पर करीब 45 आपराधिक मुकदमे दर्ज और जिनमें से 10 मुकदमे हत्या के हैं. एसएसपी ने बताया कि मेरठ पुलिस द्वारा भदौड़ा और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए 9 महीने से पुलिस पैरवी कर रही थी. आखिरकार उसे सजा मिल गई है. एसएसपी ने बताया कि योगेश फिलहाल सिद्धार्थनगर जेल में बंद है.

मेरठः न्यायालय अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश पीएन पांडेय ने पुलिस को जान से मारने के प्रयास के एक मामले में यूपी के कुख्यात योगेश भदौड़ा और उसके तीन साथियों को दोषी मानते हुए 5 साल के कारावास की सजा दी है. इसके साथ ही सात हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है.

गौरतलब है कि वादी मुकदमा राजेश वर्मा तत्कालीन थाना प्रभारी (थाना परतापुर) में रिपोर्ट दर्ज करायी कि वो 21 मार्च 2013 को पुलिस बल के साथ बिजली बंबा बाईपास शताब्दीनगर पर मौजूद थे. उन्होंने जैनपुर से दिल्ली रोड की ओर से आ रही एक सफेद गाड़ी को तेजी से आते हुए देखा. पुलिस को गाड़ी में बदमाश होने का शक हुआ. पुलिस ने थोड़ी दूरी पर आते ही बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें पुलिसवाले बाल-बाल बच गये. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी को घेरकर उन्हें दबोच लिया और जेल भेज दिया था. सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को जान से मारने के प्रयास में दोषी पाते हुए 5-5 साल कारावास और सात-सात हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया.

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एसएसपी मेरठ ने बताया कि योगेश भदौड़ा चिन्हित माफिया है. उस पर करीब 45 आपराधिक मुकदमे दर्ज और जिनमें से 10 मुकदमे हत्या के हैं. एसएसपी ने बताया कि मेरठ पुलिस द्वारा भदौड़ा और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए 9 महीने से पुलिस पैरवी कर रही थी. आखिरकार उसे सजा मिल गई है. एसएसपी ने बताया कि योगेश फिलहाल सिद्धार्थनगर जेल में बंद है.

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