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मेरठ में आयोजित ई-कॉन्फ्रेंस में कोरोना संकट पर हुई चर्चा

यूपी के मेरठ में ई-कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना संकट पर चर्चा की गई. ई-कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता विकास खत्री ने सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

मेरठ समाचार.
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी.
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Published : May 16, 2020, 6:36 PM IST

मेरठ: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में ई-कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की गई. ई-कॉन्फ्रेंस में 250 प्रतिभागी शामिल हुए.

कोविड-19 से प्रभावित हुई सप्लाई चेन
ई-कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता विकास खत्री ने सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. आईआईएम के पूर्व छात्र विकास खत्री वर्तमान में अविरल कंसल्टिंग के संस्थापक हैं. विकास खत्री ने भूतल, जल मार्ग, वायु मार्ग से होने वाले ट्रांसपोर्ट और कूरियर आदि की उपयोगिता बतायी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद संपूर्ण दुनिया सप्लाई चेन को निरंतर बनाए रखना चाहती है. सभी सरकारों का प्रयास है कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बाधित न हो.

मेरठ समाचार.
ई-कॉन्फ्रेंस में 250 प्रतिभागी हुए शामिल.

चीन में उत्पादन बंद रहने से प्रभावित हुई आपूर्ति
विकास खत्री ने बताया कि जनवरी माह से ही चाइना से आने वाला कंसाइनमेंट एवं विभिन्न कंपनियों के कच्चे मालों की आपूर्ति बाधित हो गई थी. इससे भारत समेत उन देशों में उत्पादन प्रभावित हो रहा था, जिनका कच्चा माल चीन से आता था. भारत सहित कुछ देशों में फरवरी तक भी कोरोना का असर नहीं दिख रहा था. वहीं आपूर्ति बाधित होने की वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा था. अब चाइना ने उत्पादन प्रारंभ कर अपनी सप्लाई चेन को ठीक कर लिया है. वहां से माल दूसरे देशों में भेजा जा सकता है. अब जहां इस सामान की जरूरत है, वहां लॉकडाउन के कारण उत्पादन बंद है. ऐसे में दोनों ओर से ही सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है.

सप्लाई चेन में ट्रांसपोर्ट का विशेष महत्व
ई-कॉन्फ्रेंस में वक्ता ने बताया कि सप्लाई चेन को बनाए रखने में ट्रांसपोर्टेशन की सबसे अधिक भूमिका रहती है. लॉकडाउन के कारण वाहनों का आवागमन, ट्रेनों का संचालन बंद हुआ, हवाई जहाज उड़ान नहीं भर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सप्लाई चेन में बाधा आना स्वाभाविक है. अब धीरे-धीरे उत्पादन शुरू हो रहा है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की वजह से अभी कई बाधाएं सामने हैं. इसीलिए जब संपूर्ण ईको सिस्टम सहयोगी होता है, तभी निर्बाध आपूर्ति संभव है.

ई-कॉन्फ्रेंस में ये रही उपस्थित
ई-कॉन्फ्रेंस में वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रूपनारायण, फिजिक्स के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरपाल, संकाय अध्यक्ष वाणिज्य डॉक्टर सुधीर, ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर मनु शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी प्रोफेसर हरे कृष्णा मौजूद रहे.

मेरठ: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में ई-कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की गई. ई-कॉन्फ्रेंस में 250 प्रतिभागी शामिल हुए.

कोविड-19 से प्रभावित हुई सप्लाई चेन
ई-कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता विकास खत्री ने सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. आईआईएम के पूर्व छात्र विकास खत्री वर्तमान में अविरल कंसल्टिंग के संस्थापक हैं. विकास खत्री ने भूतल, जल मार्ग, वायु मार्ग से होने वाले ट्रांसपोर्ट और कूरियर आदि की उपयोगिता बतायी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद संपूर्ण दुनिया सप्लाई चेन को निरंतर बनाए रखना चाहती है. सभी सरकारों का प्रयास है कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बाधित न हो.

मेरठ समाचार.
ई-कॉन्फ्रेंस में 250 प्रतिभागी हुए शामिल.

चीन में उत्पादन बंद रहने से प्रभावित हुई आपूर्ति
विकास खत्री ने बताया कि जनवरी माह से ही चाइना से आने वाला कंसाइनमेंट एवं विभिन्न कंपनियों के कच्चे मालों की आपूर्ति बाधित हो गई थी. इससे भारत समेत उन देशों में उत्पादन प्रभावित हो रहा था, जिनका कच्चा माल चीन से आता था. भारत सहित कुछ देशों में फरवरी तक भी कोरोना का असर नहीं दिख रहा था. वहीं आपूर्ति बाधित होने की वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा था. अब चाइना ने उत्पादन प्रारंभ कर अपनी सप्लाई चेन को ठीक कर लिया है. वहां से माल दूसरे देशों में भेजा जा सकता है. अब जहां इस सामान की जरूरत है, वहां लॉकडाउन के कारण उत्पादन बंद है. ऐसे में दोनों ओर से ही सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है.

सप्लाई चेन में ट्रांसपोर्ट का विशेष महत्व
ई-कॉन्फ्रेंस में वक्ता ने बताया कि सप्लाई चेन को बनाए रखने में ट्रांसपोर्टेशन की सबसे अधिक भूमिका रहती है. लॉकडाउन के कारण वाहनों का आवागमन, ट्रेनों का संचालन बंद हुआ, हवाई जहाज उड़ान नहीं भर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सप्लाई चेन में बाधा आना स्वाभाविक है. अब धीरे-धीरे उत्पादन शुरू हो रहा है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन की वजह से अभी कई बाधाएं सामने हैं. इसीलिए जब संपूर्ण ईको सिस्टम सहयोगी होता है, तभी निर्बाध आपूर्ति संभव है.

ई-कॉन्फ्रेंस में ये रही उपस्थित
ई-कॉन्फ्रेंस में वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रूपनारायण, फिजिक्स के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरपाल, संकाय अध्यक्ष वाणिज्य डॉक्टर सुधीर, ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर मनु शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी प्रोफेसर हरे कृष्णा मौजूद रहे.

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