मेरठ: जनपद के छावनी क्षेत्र में गुरुवार को एक माह का वेतन न मिलने से नाराज सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेग वह काम नहीं करेंगे. सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी एकत्र होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल में उन्हें पेंशनरों का भी साथ मिल गया है.
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद कुमार बेचैन ने बताया कि मेरठ छावनी क्षेत्र में लगभग 700 कर्मचारी काम करते हैं. यहां वेतन रोकने का काम काफी समय से चला आ रहा है. जिसकी वजह से छावनी बोर्ड से ताल्लुक रखने वाले छोटे-बड़े कर्मचारी आर्थिक दिक्कतों से जूझने लगते हैं. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन समेत जन्माष्टमी का पर्व नजदीक है. घर के रोजमर्रा के खर्चे हैं. लेकिन उनकी यह समस्या शायद जिम्मेदार लोग समझ नहीं समझ पा रहे हैं. जब तक उन्हें जुलाई माह का वेतन नहीं मिलेगा, तब तक वह छावनी परिषद के मुख्य द्वार के बगल बने पार्क में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
दरअसल मेरठ के कैंट बोर्ड क्षेत्र में 300 से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं. साथ ही 100 से अधिक अन्य कर्मचारी हैं. इसके अलावा करीब 300 से अधिक संविदा कर्मी हैं. जो वेतन न मिलने की वजह से परेशान हैं. कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से घर का बजट गड़बड़ा गया है. कर्मचारियों के विरोध का पेशंनरों ने समर्थन किया है. मेरठ में सैकड़ों पेंशनर भी हैं जिन्हें अभी तक पेंशन नहीं मिली है.
कैंट बोर्ड अधीक्षक जयपाल सिंह तोमर ने बताया कि जिम्मेदार शीर्ष अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है. उन्होंने कर्मचारियों को समझाने का काफी प्रयास किया. लेकिन कर्मचारी अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारियों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो शहर में गंदगी फैल सकती है.
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