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मेरठ: राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता का आयोजन, बच्चों ने दिखाई प्रतिभा - deepak sharma

जनपदीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रोग्राम के द्वारा बाल वैज्ञानिकों ने वर्तमान परिवेश की समस्याओं वह उनके समाधान को प्रोजेक्ट बनाकर प्रस्तुत किया. वर्तमान में किस तरह वातावरण दूषित हो रहा है और विज्ञान के माध्यम से उसे केसे कम करे इसके बारे में बच्चों ने बताया.

मेरठ: बाल वैज्ञानिकों ने किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन, प्रोजेक्ट बनाकर बताया केसे होंगी पर्यावरण समस्याएं दूर
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Published : Nov 17, 2019, 6:54 PM IST

मेरठ: जनपद में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया जहां सभी स्कूली बच्चों को स्वच्छ, हरित, स्वास्थ्य राष्ट्र, वैज्ञानिक तकनीक और नवाचार का विषय दिया गया था. जनपदीय प्रोग्राम में चयनित बाल वैज्ञानिकों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए होगा, इस प्रतियोगिता के तीसरे और अंतीम चरण में इन बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी दिया जाएगा.

मेरठ: बाल वैज्ञानिकों ने किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन, प्रोजेक्ट बनाकर बताया केसे होंगी पर्यावरण समस्याएं दूर

बच्चों में वातावरण के लिए जागरूकता
इस प्रोग्राम के दौरान जनपद स्तर पर जिन बच्चों के प्रोजेक्ट चयनित हुए थे, उन्होंने अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण दिया. बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया कि किस तरह फैक्ट्रीयों से लगातार निकलता गंदा पानी नालों से होता हुआ नदियों को दूषित कर रहा हैं, कैसे फैक्ट्रियों से निकलने वाला विषैला धुआं हवा को प्रदूषित कर मानव जीवन पर भयावय असर डाल रहा है और जिसकी वजह से बीमारियां लगातार भड़ती जा रही हैं.

प्रतियोगिता में 10 से 17 साल की उम्र के बच्चे शामिल किए गए हैं. यह बच्चे अलग-अलग स्कूलों से चयनित किए हुए हैं. यहां से 4 बच्चों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा. बाद में पूरे प्रदेश से चयनित बच्चे राष्ट्रय स्तर के लिए क्वालीफाई करेंगे. राष्ट्रय स्तर प्रतियोगिता का आयोजन केरल में किया जाएगा, जबकि प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता दिसंबर में गोरखपुर में आयोजित की जाएगी .
-दीपक शर्मा, जिला समन्वयक

मेरठ: जनपद में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया जहां सभी स्कूली बच्चों को स्वच्छ, हरित, स्वास्थ्य राष्ट्र, वैज्ञानिक तकनीक और नवाचार का विषय दिया गया था. जनपदीय प्रोग्राम में चयनित बाल वैज्ञानिकों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए होगा, इस प्रतियोगिता के तीसरे और अंतीम चरण में इन बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर भी दिया जाएगा.

मेरठ: बाल वैज्ञानिकों ने किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन, प्रोजेक्ट बनाकर बताया केसे होंगी पर्यावरण समस्याएं दूर

बच्चों में वातावरण के लिए जागरूकता
इस प्रोग्राम के दौरान जनपद स्तर पर जिन बच्चों के प्रोजेक्ट चयनित हुए थे, उन्होंने अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण दिया. बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया कि किस तरह फैक्ट्रीयों से लगातार निकलता गंदा पानी नालों से होता हुआ नदियों को दूषित कर रहा हैं, कैसे फैक्ट्रियों से निकलने वाला विषैला धुआं हवा को प्रदूषित कर मानव जीवन पर भयावय असर डाल रहा है और जिसकी वजह से बीमारियां लगातार भड़ती जा रही हैं.

प्रतियोगिता में 10 से 17 साल की उम्र के बच्चे शामिल किए गए हैं. यह बच्चे अलग-अलग स्कूलों से चयनित किए हुए हैं. यहां से 4 बच्चों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा. बाद में पूरे प्रदेश से चयनित बच्चे राष्ट्रय स्तर के लिए क्वालीफाई करेंगे. राष्ट्रय स्तर प्रतियोगिता का आयोजन केरल में किया जाएगा, जबकि प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता दिसंबर में गोरखपुर में आयोजित की जाएगी .
-दीपक शर्मा, जिला समन्वयक

Intro:मेरठ: बाल वैज्ञानिकों ने किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन, प्रोजेक्ट से दर्शाया कैसे दूर होगी समस्याएं
मेरठ। जनपदीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के दौरान बाल वैज्ञानिकों ने वर्तमान परिवेश की समस्या और उनके समाधान अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रस्तुत किए। स्कूली बच्चों को स्वच्छ, हरित और स्वास्थ्य राष्ट्र हेतु विज्ञान तकनीक और नवाचार विषय दिया गया था। इसी विषय पर बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। इस बाल कांग्रेस में चयनित बाल वैज्ञानिकों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए होगा। वहां से नेशनल प्रतियोगिता के लिए इन बाल वैज्ञानिकों का चयन किया जाएगा।




Body:बाल विज्ञान कांग्रेस के दौरान जनपद स्तर पर जिन बच्चों के प्रोजेक्ट चयनित हुए थे उन्होंने अपने प्रोजेक्ट का कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरान उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया कि वर्तमान में जिस तरह वातावरण दूषित हो रहा है कैसे उसे विज्ञान के माध्यम से विज्ञान का प्रयोग कर कम किया जा सकता है। बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया कि किस तरह फैक्ट्री से निकला गंदा पानी नालों के माध्यम से नदियों को दूषित कर रहा है, कैसे फैक्ट्रियों से निकलने वाला विषैला धुआं हवा को प्रदूषित कर मानव जीवन पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। कैसे प्रदूषण की वजह से बीमारियां फैल रही हैं।




Conclusion:बाल विज्ञान के जिला समन्वयक दीपक शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में 10 से 17 साल की उम्र के बच्चे शामिल किए गए हैं। यह बच्चे अलग-अलग स्कूलों से चयनित किए गए हैं। यहां से 4 बच्चों का चयन प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा। उसके बाद पूरे प्रदेश से चयनित बच्चे नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करेंगे। नेशनल प्रतियोगिता केरल में आयोजित की जाएगी, जबकि प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता दिसंबर में गोरखपुर में आयोजित की जाएगी।

बाइट- दीपक शर्मा, जिला समन्वयक

अजय चौहान
9897799794
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