मेरठः चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अब छात्र-छात्राओं को पीएचडी के लिये एंट्रेंस एक्जाम का मौका मिलने जा रहा है. ऐसा सात साल के बाद होने जा रहा है. एंट्रेंस एग्जाम न होने की वजह से विद्यार्थियों को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध करने के लिए जाना पड़ता था. क्योंकि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बीते सात साल से पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है. पीएचडी करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब बाहर नहीं जाना पडेगा. ये महत्वपूर्ण निर्णय यूनिवर्सिटी की कुलपति ने अहम बैठक के बाद लिया है.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में गुरूवार को कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें पीएचडी एग्जाम को लेकर चर्चा की गई तथा जल्द पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम कराने का निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि 2016 से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है. केवल नेट उत्तीर्ण करने वाले छात्र ही पीएचडी कर पा रहे थे. ऐसे में पीएचडी करने का सपना देखने वाले छात्र काफी निराश हो गए थे. यही नहीं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल को भी बंद कर दिया गया है.
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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. कुलपति ने रिसर्च सेक्शन को विभागानुसार सीटों की संख्या एकत्र करने, महाविद्यालयों में नियामानुसार रिसर्च गाईड बनाने के भी निर्देश दिए हैं. जल्द ही पीएचडी एंट्रेंस का समन्वयक नियुक्त कर कार्यवाही की जाएगी.
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