मेरठ: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है. हेलीकॉप्टर में बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 14 सवार थे, जिनमें से 13 लोगों की मौत हो गई है और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बचे हैं जो कि अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. बता दें कि दिवंगत बिपिन रावत का मेरठ से भी नाता रहा है. उन्होंने मेरठ कॉलेज के डिफेंस स्टडीज डिपार्टमेंट से 2011 में रोल ऑफ मीडिया इन आर्म्ड फोर्सेस विषय में पीएचडी की थी. देश के पहले CDS बिपिन रावत के गाइड रहे प्रोफेसर मेजर हरवीर शर्मा अपने शिष्य के बारे में ये जानकर बेहद दुखी हैं.
पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के गाइड मेजर हरवीर शर्मा बेहद बुजुर्ग हैं लेकिन, जैसे ही उनको यह सूचना मिली वह और दुखी हो गए. हरवीर शर्मा ने रुंधे गले से बताया कि वे बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा कि बिपिन रावत जब पीएचडी कर रहे थे तो उन्होंने कभी ऐसा जाहिर नहीं होने दिया कि वह कोई अधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि वह हमेशा गुरु-शिष्य परम्परा का निर्वहन करते थे. वर्तमान में मेरठ की मानसरोवर कालोनी में रहने वाले उनके गुरु ने बताया कि बिपिन हमेशा गुरु का पूरा आदर सत्कार करते थे. पहली बार बिपिन से उनकी मुलाकात ईस्टर्न कमांड में तैनाती के दौरान हुई थी. उन्होंने बताया कि जब भी वह उन्हें बुलाते थे, बिपिन उनसे मिलने चले आते थे.
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रिटायर्ड प्रोफेसर हरवीर शर्मा ने बताया कि बिपिन ने खुद ही पीएचडी के लिए रोल ऑफ मीडिया इन आर्म्ड फोर्सेस विषय चुना था, जिस पर 3 साल तक रिसर्च चला. उन्होंने बताया कि बिपिन कहा करते थे कि वो चाहते हैं कि भारत की सेना की अच्छाई मीडिया दिखाए. इसके पीछे का तर्क ये था कि उस समय जम्मू और कश्मीर के हालात बहुत खराब थे. मीडिया के लोग जब जवानों के साथ वक्त बिताएं तो वह जानेंगे कि देश की सरहदों पर कैसे हमारी सेना 24 घण्टे अपनी मातृभूमि के लिए दृढ़संकल्पित रहते हुए सेवा देती है.
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दिवंगत CDS बिपिन रावत के गाइड हरवीर शर्मा कहते हैं कि बिपिन रावत ने उन्हें 2013 में ईस्टर्न कमांड कार्यालय कोलकाता में एक प्रजेंटेशन के लिए बुलाया था. लेक्चर का विषय था पाकिस्तान में रुचि दिखाने के पीछे आखिर चाइना की रणनीति क्या है. पीएचडी पूर्णं होने पर बिपिन उनके घर आए थे. 2016 में वह सपरिवार गंगासागर घूमने गए थे, वहां खाने, घूमने का सारा इंतजाम बिपिन रावत ने ही कराया था.
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