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ठंड में बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप, रैंडम टेस्टिंग शुरू

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Published : Nov 24, 2020, 7:19 AM IST

दिल्ली एनसीआर के साथ अब मेरठ जिले में भी कोरोना ने एक बार फिर पैर पसारना शुरू कर दिया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां पुलिस ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए चेकिंग अभियान छेड़ दिया है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने रैंडम टेस्टिंग करानी शुरू कर दी है.

रैंडम टेस्टिंग शुरू.
रैंडम टेस्टिंग शुरू.

मेरठ : दिल्ली एनसीआर के साथ अब मेरठ जिले में भी कोरोना ने एक बार फिर पैर पसारना शुरू कर दिया है. लगातार सैकड़ों की संख्या में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां पुलिस ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए चेकिंग अभियान छेड़ दिया है वहीं स्वास्थ्य विभाग ने रैंडम टेस्टिंग करानी शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से आ रहे यात्रियों की कोरोना जांच करनी शुरू कर दी है. कोरोना संदिग्ध पाए जाने पर यात्रियों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने और बिना मॉस्क लगाए मिलने पर चालान की कार्रवाई की जा रही है.

सर्दी में बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप

नवंबर माह के अंत में जैसे-जैसे ठंड बढ़ने लगी है वैसे-वैसे कोरोना का असर भी देखने को मिल रहा है. सर्दी आते ही मेरठ जिले में 150 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूलने लगे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस बच्चों और बुजुर्गों के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना से मरने वालों का सिलसिला भी शुरू हो गया है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने दिए निर्देश

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना बम फुट पड़ा है. प्रतिदिन 6000 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिलने से हालात भयावह होते जा रहे हैं. हर रोज 100 से ज्यादा लोगों की मौत का आंकड़ा पार होने लगा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली एनसीआर से जुड़े जनपदों में जिला प्रशासन को सतर्कता बरतने के साथ रैंडम टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. दिल्ली से आने वाली बसों को रोककर उनमें सवार यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी है. टेस्टिंग में संदिग्ध मिलने वाले मरीजों को कोविड स्पेशल वार्ड या होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है.

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन में जुटी पुलिस

कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए एक बार फिर लॉकडाउन जैसे हालात बनते जा रहे हैं. स्थानीय लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. आमजन की लापरवाही का आलम यह है कि लोगों ने सोशल डिस्टेंस का पालन तो दूर मॉस्क लगाना भी छोड़ दिया है. जिसके चलते मेरठ पुलिस को एक बार फिर से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है. पुलिस ने बसों, ऑटो, ई-रिक्शा समेत सभी सवारी वाहनों में सोशल डिस्टेंस और मॉस्क लगाने को लेकर चेकिंग अभियान छेड़ दिया है. शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस बिना मॉस्क मिलने पर चालान की कार्रवाई कर रही है. सोशल डिस्टेंस के पालन के लिए जागरूक करना शुरू के दिया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में ठंड बढ़ते ही कोरोना वायरस का असर दिखने लगा है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के निर्देश पर रैंडम टेस्टिंग के साथ जागरूकता अभियान चलाया हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें शहर के कई हिस्सों में रैंडम टेस्टिंग कर रही है. दिल्ली से आने वाले बस यात्रियों को भी जांच के बाद घर भेजा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की कोशिश यही है कि किसी भी तरह से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाए.

मेरठ : दिल्ली एनसीआर के साथ अब मेरठ जिले में भी कोरोना ने एक बार फिर पैर पसारना शुरू कर दिया है. लगातार सैकड़ों की संख्या में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां पुलिस ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए चेकिंग अभियान छेड़ दिया है वहीं स्वास्थ्य विभाग ने रैंडम टेस्टिंग करानी शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से आ रहे यात्रियों की कोरोना जांच करनी शुरू कर दी है. कोरोना संदिग्ध पाए जाने पर यात्रियों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने और बिना मॉस्क लगाए मिलने पर चालान की कार्रवाई की जा रही है.

सर्दी में बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप

नवंबर माह के अंत में जैसे-जैसे ठंड बढ़ने लगी है वैसे-वैसे कोरोना का असर भी देखने को मिल रहा है. सर्दी आते ही मेरठ जिले में 150 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूलने लगे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस बच्चों और बुजुर्गों के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना से मरने वालों का सिलसिला भी शुरू हो गया है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने दिए निर्देश

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना बम फुट पड़ा है. प्रतिदिन 6000 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिलने से हालात भयावह होते जा रहे हैं. हर रोज 100 से ज्यादा लोगों की मौत का आंकड़ा पार होने लगा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली एनसीआर से जुड़े जनपदों में जिला प्रशासन को सतर्कता बरतने के साथ रैंडम टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. दिल्ली से आने वाली बसों को रोककर उनमें सवार यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दी है. टेस्टिंग में संदिग्ध मिलने वाले मरीजों को कोविड स्पेशल वार्ड या होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है.

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन में जुटी पुलिस

कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए एक बार फिर लॉकडाउन जैसे हालात बनते जा रहे हैं. स्थानीय लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. आमजन की लापरवाही का आलम यह है कि लोगों ने सोशल डिस्टेंस का पालन तो दूर मॉस्क लगाना भी छोड़ दिया है. जिसके चलते मेरठ पुलिस को एक बार फिर से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है. पुलिस ने बसों, ऑटो, ई-रिक्शा समेत सभी सवारी वाहनों में सोशल डिस्टेंस और मॉस्क लगाने को लेकर चेकिंग अभियान छेड़ दिया है. शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस बिना मॉस्क मिलने पर चालान की कार्रवाई कर रही है. सोशल डिस्टेंस के पालन के लिए जागरूक करना शुरू के दिया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में ठंड बढ़ते ही कोरोना वायरस का असर दिखने लगा है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के निर्देश पर रैंडम टेस्टिंग के साथ जागरूकता अभियान चलाया हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें शहर के कई हिस्सों में रैंडम टेस्टिंग कर रही है. दिल्ली से आने वाले बस यात्रियों को भी जांच के बाद घर भेजा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की कोशिश यही है कि किसी भी तरह से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाए.

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