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Capsicum की खेती है मुनाफे का सौदा, ज्यादा आमदनी के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराती - शिमला मिर्च की खेती

Western UP में किसान सबसे ज्यादा भरोसा गन्ने की फसल पर करता है. लेकिन यदि किसान परंपरागत खेती छोड़कर वैज्ञानिक ढंग से शिमला मिर्च की खेती करता है तो, उसे गन्ने से ज्यादा मुनाफा होगा. देखें ईटीवी भारत की खास खबर

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Published : Jan 13, 2023, 10:09 AM IST

Updated : Jan 13, 2023, 11:25 AM IST

ईटीवी भारत की इस खास खबर में शिमला मिर्च की खेती के बताए जा रहे हैं फायदे.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान सबसे ज्यादा भरोसा गन्ने की फसल पर ही करता है. लेकिन किसान की इनकम बढ़ाने में शिमला मिर्च की खेती ज्यादा मुफीद है. यही वजह है कि अब किसान वैज्ञानिक ढंग से शिमला मिर्च की खेती पर भी भरोसा कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को अक्सर देखा जाता है कि वह इसी उधेड़बुन में लगे रहते हैं कि ऐसा क्या किया जाए जो उनकी इनकम बढ़ जाए.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के युवा किसान तुषार चौधरी का कहना है कि पहले वह और उनका परिवार गन्ना या फिर आलू की खेती ही करते थे, लेकिन उद्यान विभाग के सहयोग से उन्होंने पॉलीहाउस लगाकर शिमला मिर्च की खेती करनी शुरू की. उन्हें इसमें गन्ने से भी अधिक मुनाफा हो रहा है. इससे पहले उन्होंने फूलों की खेती भी की थी. उसके बाद अब शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. काफी अच्छी इनकम हो रही है.

पॉलीहाउस बनाकर खेती से ज्यादा फायदा

तुषार ने बताया कि पहले एक एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर शिमला मिर्च लगाए. अब चार एकड़ में शिमला मिर्च लगाकर कम से कम दस से 12 लोगों को रोजगार भी उन्होंने दिया है. पैदावार पहले हम खुले में करते थे. अब पॉलीहाउस में करने से पैदावार और ज्यादा बढ़ गई है. साथ ही किसी भी तरह के कीट पतंगे समेत को नुकसान की भी संभावना बेहद ही कम हो गई है. ऐसे में गुणवत्ता भी उनके प्रोडक्ट की अधिक बनी रहती है. मार्केट की कोई समस्या नहीं है. इस सब्जी की काफी डिमांड है.

शिमला मिर्च ने बढ़ाया आत्मविश्वास

तुषार चौधरी कहते हैं कि परंपरागत खेती से अलग हटकर शिमला मिर्च की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने से उनमें पहले से भी ज्यादा आत्मविश्वास पैदा हुआ है. आय निश्चित ही आसानी से काफी बढ़ गई है. काफी अच्छे लेवल पर शिमला मिर्च का प्रोडक्शन निकल कर आ रहा है। उम्मीद है तीन से 4 किलो ग्राम प्रति प्लांट शिमला मिर्च की पैदावार होने की उम्मीद है.

शिमला मिर्च की खेती क्यों अधिक मुनाफे भरी

यही जानने के लिए जिला उद्यान अधिकारी गमपाल से ईटीवी भारत ने बात की. वह बतातें हैं कि शिमला मिर्च की खेती करके किसान आय बढ़ाकर अपनी तकदीर बदल सकते हैं. कम जमीन पर भी शिमला मिर्च की खेती पॉलीहाउस में की जा सकती है, जिसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. जिला उद्यान अधिकारी गमपाल के मुताबिक शिमला मिर्च अधिक लाभ देने वाली फसल है.

बाजार में शिमला मिर्च की काफी डिमांड

सामान्य सब्जियों की तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जलवायु में शिमला मिर्च की खेती आसानी से की जा सकती है. दैनिक जरूरतों समेत फास्टफूड और शादी समारोह या किसी भी फंक्शन के लिए शिमला मिर्च की खूब मांग होती है. हर साल देखा जा रहा है कि गन्ने की खेती में परेशानी यह है कि उसका समय पर भुगतान नहीं मिलता. गन्ने की खेती को छोड़कर ऐसी खेती से किसान समृद्ध हो सकते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सकती है.

यह भी पढ़ेंः तापमान में वृद्धि होने से ठंडक से मिली राहत, जानिए अन्य जिलों का हाल

ईटीवी भारत की इस खास खबर में शिमला मिर्च की खेती के बताए जा रहे हैं फायदे.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान सबसे ज्यादा भरोसा गन्ने की फसल पर ही करता है. लेकिन किसान की इनकम बढ़ाने में शिमला मिर्च की खेती ज्यादा मुफीद है. यही वजह है कि अब किसान वैज्ञानिक ढंग से शिमला मिर्च की खेती पर भी भरोसा कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को अक्सर देखा जाता है कि वह इसी उधेड़बुन में लगे रहते हैं कि ऐसा क्या किया जाए जो उनकी इनकम बढ़ जाए.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के युवा किसान तुषार चौधरी का कहना है कि पहले वह और उनका परिवार गन्ना या फिर आलू की खेती ही करते थे, लेकिन उद्यान विभाग के सहयोग से उन्होंने पॉलीहाउस लगाकर शिमला मिर्च की खेती करनी शुरू की. उन्हें इसमें गन्ने से भी अधिक मुनाफा हो रहा है. इससे पहले उन्होंने फूलों की खेती भी की थी. उसके बाद अब शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. काफी अच्छी इनकम हो रही है.

पॉलीहाउस बनाकर खेती से ज्यादा फायदा

तुषार ने बताया कि पहले एक एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर शिमला मिर्च लगाए. अब चार एकड़ में शिमला मिर्च लगाकर कम से कम दस से 12 लोगों को रोजगार भी उन्होंने दिया है. पैदावार पहले हम खुले में करते थे. अब पॉलीहाउस में करने से पैदावार और ज्यादा बढ़ गई है. साथ ही किसी भी तरह के कीट पतंगे समेत को नुकसान की भी संभावना बेहद ही कम हो गई है. ऐसे में गुणवत्ता भी उनके प्रोडक्ट की अधिक बनी रहती है. मार्केट की कोई समस्या नहीं है. इस सब्जी की काफी डिमांड है.

शिमला मिर्च ने बढ़ाया आत्मविश्वास

तुषार चौधरी कहते हैं कि परंपरागत खेती से अलग हटकर शिमला मिर्च की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने से उनमें पहले से भी ज्यादा आत्मविश्वास पैदा हुआ है. आय निश्चित ही आसानी से काफी बढ़ गई है. काफी अच्छे लेवल पर शिमला मिर्च का प्रोडक्शन निकल कर आ रहा है। उम्मीद है तीन से 4 किलो ग्राम प्रति प्लांट शिमला मिर्च की पैदावार होने की उम्मीद है.

शिमला मिर्च की खेती क्यों अधिक मुनाफे भरी

यही जानने के लिए जिला उद्यान अधिकारी गमपाल से ईटीवी भारत ने बात की. वह बतातें हैं कि शिमला मिर्च की खेती करके किसान आय बढ़ाकर अपनी तकदीर बदल सकते हैं. कम जमीन पर भी शिमला मिर्च की खेती पॉलीहाउस में की जा सकती है, जिसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. जिला उद्यान अधिकारी गमपाल के मुताबिक शिमला मिर्च अधिक लाभ देने वाली फसल है.

बाजार में शिमला मिर्च की काफी डिमांड

सामान्य सब्जियों की तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जलवायु में शिमला मिर्च की खेती आसानी से की जा सकती है. दैनिक जरूरतों समेत फास्टफूड और शादी समारोह या किसी भी फंक्शन के लिए शिमला मिर्च की खूब मांग होती है. हर साल देखा जा रहा है कि गन्ने की खेती में परेशानी यह है कि उसका समय पर भुगतान नहीं मिलता. गन्ने की खेती को छोड़कर ऐसी खेती से किसान समृद्ध हो सकते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सकती है.

यह भी पढ़ेंः तापमान में वृद्धि होने से ठंडक से मिली राहत, जानिए अन्य जिलों का हाल

Last Updated : Jan 13, 2023, 11:25 AM IST
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