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सरधना विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी संगीत सोम हारे, सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान ने दी मात

मेरठ जिले की सरधना विधानसभा सीट पर बीजेपी और सपा में कांटे के मुकाबले में बीजेपी के संगीत सोम हार गये. सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान (SP candidate Atul Pradhan) को 1,04,274 वोट मिले. वहीं बीजेपी प्रत्याशी संगीत सोम को 90,722 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.

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सपा के प्रत्याशी अतुल प्रधान ने दी मात
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Published : Mar 10, 2022, 5:13 PM IST

मेरठः सरधना विधानसभा (Sardhana Vidhan Sabha) पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में कांटे का मुकाबला था. जिसमें एसपी प्रत्याशी अतुल प्रधान (SP Candidate Atul Pradhan) ने बीजेपी के प्रत्याशी संगीत सोम (BJP Candidate Sangeet Som) को पटखनी दे दी है.

संगीत सोम सुबह से आगे चल रहे थे. दोपहर बाद सपा ने बढ़त बना ली. जिससे फैसला अतुल प्रधान के पक्ष में गया. यहां से कांग्रेस ने सैय्यद रियानुद्दीन (Congress Syed Riyazuddin) को मैदान में उतारा था. संगीत सोम यूपी में बीजेपी के एक फायरब्रांड नेता हैं और विशेषकर पश्चिम यूपी में एक बड़ा चेहरा हैं. ये अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.

जब विवादों में आया नाम

संगीत सोम का राजनीतिक सफर जितना छोटा है, विवादों से उनका नाता उतना ही बडा़ है. सपा से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले संगीत सोम अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़े चेहरे बने हुए हैं. एक संपन्न किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले संगीत सोम का नाम साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) में आया. संगीत सोम पर वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आरोप था, जिसकी वजह से मुजफ्फरनगर में दंगे फैले. और एनएसए (NSA) के तहत उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.

संगीत सोम का नाम गाय और गोवंश के वध का विरोध करने के लिए भी जाना जाता है. जिस मुजफ्फरनगर दंगों में संगीत सोम का नाम आया था, इसी जिले के लिए उनका मानना था कि लंबे समय से यहां के लोगों की मांग है कि इस शहर का नाम लक्ष्मीनगर होना चाहिए और वो भी इसके पक्ष में दिखते हैं. फिलहाल संगीत सोम मेरठ की सरधाना विधानसभा सीट से विधायक हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के लिए भी उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

संगीत सोम की शिक्षा-दीक्षा

संगीत सोम का जन्म 1 जनवरी 1979 को मेरठ के फरीदपुर में हुआ था. वो एक संपन्न किसान परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता का नाम ठाकुर ओमवीर सिंह है. संगीत सोम को ठाकुर संगीत सिंह सोम के नाम से भी जाना जाता है. उनका गांव मेरठ की सरधाना तहसील के तहत आता है. उनकी पत्नी प्रीति सोम हैं. जिनसे उन्हें दो बच्चे भी हैं. संगीत सोम ने कठौली स्थित केके जैन इंटर कॉलेज से साल 1997 में 12वीं पास की. कठौली मुजफ्फरनगर जिले में पड़ती है.

राजनीतिक सफर

संगीत सोम का राजनीतिक सफर (Political career of Sangeet Som) साल 2009 से शुरू होता है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी कि टिकट पर मुजफ्फनगर से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में वो करीब 14 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गये.

साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें सरधाना से अपना उम्मीदवार बनाया. संगीत सोम ने पार्टी को निराश नहीं किया और वो विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे. बात साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सरधाना सीट से ही बीजेपी ने संगीत सोम को उम्मीदवार बनाया. इस बार उन्होंने पिछली बार का भी रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की. संगीत सोम को लोग हिंदू हृदय संम्राट, महाठाकुर, संघर्षवीर जैसे नाम भी दिये हैं.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर शहर सीट पर योगी आदित्यनाथ ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर रचा इतिहास

संगीत सोम के खिलाफ मामले

संगीत सोम के खिलाफ साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान जमा हलफनामे के मुताबिक संगीत सोम पर सात केस दर्ज थे. जिसमें आईपीसी की धारा 188,153 A, 147,148,332,353,341,323, 295 के तहत ये मामले दर्ज हैं.

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मेरठः सरधना विधानसभा (Sardhana Vidhan Sabha) पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में कांटे का मुकाबला था. जिसमें एसपी प्रत्याशी अतुल प्रधान (SP Candidate Atul Pradhan) ने बीजेपी के प्रत्याशी संगीत सोम (BJP Candidate Sangeet Som) को पटखनी दे दी है.

संगीत सोम सुबह से आगे चल रहे थे. दोपहर बाद सपा ने बढ़त बना ली. जिससे फैसला अतुल प्रधान के पक्ष में गया. यहां से कांग्रेस ने सैय्यद रियानुद्दीन (Congress Syed Riyazuddin) को मैदान में उतारा था. संगीत सोम यूपी में बीजेपी के एक फायरब्रांड नेता हैं और विशेषकर पश्चिम यूपी में एक बड़ा चेहरा हैं. ये अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.

जब विवादों में आया नाम

संगीत सोम का राजनीतिक सफर जितना छोटा है, विवादों से उनका नाता उतना ही बडा़ है. सपा से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले संगीत सोम अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़े चेहरे बने हुए हैं. एक संपन्न किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले संगीत सोम का नाम साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) में आया. संगीत सोम पर वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने का आरोप था, जिसकी वजह से मुजफ्फरनगर में दंगे फैले. और एनएसए (NSA) के तहत उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.

संगीत सोम का नाम गाय और गोवंश के वध का विरोध करने के लिए भी जाना जाता है. जिस मुजफ्फरनगर दंगों में संगीत सोम का नाम आया था, इसी जिले के लिए उनका मानना था कि लंबे समय से यहां के लोगों की मांग है कि इस शहर का नाम लक्ष्मीनगर होना चाहिए और वो भी इसके पक्ष में दिखते हैं. फिलहाल संगीत सोम मेरठ की सरधाना विधानसभा सीट से विधायक हैं.

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के लिए भी उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

संगीत सोम की शिक्षा-दीक्षा

संगीत सोम का जन्म 1 जनवरी 1979 को मेरठ के फरीदपुर में हुआ था. वो एक संपन्न किसान परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता का नाम ठाकुर ओमवीर सिंह है. संगीत सोम को ठाकुर संगीत सिंह सोम के नाम से भी जाना जाता है. उनका गांव मेरठ की सरधाना तहसील के तहत आता है. उनकी पत्नी प्रीति सोम हैं. जिनसे उन्हें दो बच्चे भी हैं. संगीत सोम ने कठौली स्थित केके जैन इंटर कॉलेज से साल 1997 में 12वीं पास की. कठौली मुजफ्फरनगर जिले में पड़ती है.

राजनीतिक सफर

संगीत सोम का राजनीतिक सफर (Political career of Sangeet Som) साल 2009 से शुरू होता है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी कि टिकट पर मुजफ्फनगर से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में वो करीब 14 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गये.

साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें सरधाना से अपना उम्मीदवार बनाया. संगीत सोम ने पार्टी को निराश नहीं किया और वो विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे. बात साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सरधाना सीट से ही बीजेपी ने संगीत सोम को उम्मीदवार बनाया. इस बार उन्होंने पिछली बार का भी रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की. संगीत सोम को लोग हिंदू हृदय संम्राट, महाठाकुर, संघर्षवीर जैसे नाम भी दिये हैं.

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संगीत सोम के खिलाफ मामले

संगीत सोम के खिलाफ साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान जमा हलफनामे के मुताबिक संगीत सोम पर सात केस दर्ज थे. जिसमें आईपीसी की धारा 188,153 A, 147,148,332,353,341,323, 295 के तहत ये मामले दर्ज हैं.

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