मेरठः मुजफ्फरनगर कोर्ट से बीजेपी विधायक को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनके खिलाफ 2013 में दर्ज साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने के मुकदमे की फाइल को बंद कर दिया है. अदालत ने साक्ष्यों के अभाव और पैरोकार के बयान आधार पर फाइल बंद की है. कोर्ट के फैसले के बाद संगीत सोम ने एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव, सांसद आजम खान और कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली है.
कोर्ट से राहत के बाद विरोधियों पर बरसे सोम
बीजेपी विधायक संगीत सोम ने तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि वे आखिरी मुगल शासक थे. लेकिन अब कभी नहीं बनेंगे. वे यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि यूपी में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तो ये दंगा आजम खान, अखिलेश यादव और कांग्रेस ने मिलकर कराया था. यूपी में फेल होने के बाद इन्होंने पब्लिक के बीच पहुंचने के लिए हिंसा कराने की चाल चली थी. हिंसा के अलावा इनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था कि ये पब्लिक के बीच में वोट मांगने जायें. झूठे मुकदमे दर्ज कराकर मुझे जेल भेज दिया गया. जबकि मैंने उस वक्त भी कहा था कि जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के थाना जानसठ इलाके के गांव कवाल में मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की बेरहमी से पीटकर हत्या हो गई थी. इस घटना के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी. मुजफ्फरनगर और शामली जिला साम्प्रदायिक हिंसा की आग में झुलस गया था. जिसमें कई लोग मारे गये थे. जबकि हजारों परिवार घर से बेघर हो गए थे. तत्कालीन अखिलेश सरकार ने सरधना से बीजेपी नेता संगीत सोम, शिवम कुमार और अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में सांप्रदायिक हिंसा कराने और 66 आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जिसे लेकर एसआईटी समेत कई एजेंसियां हिंसा के मामले की जांच कर रही थीं.
संगीत सोम अदालत से राहत
मंगलवार को मुजफ्फरनगर अदालत ने साक्ष्यों के अभाव और पैरोकार के बयान के आधार पर बीजेपी विधायक संगीत सोम के खिलाफ मुकदमे की फ़ाइल क्लोज कर दी है. जिससे बीजेपी विधायक को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट से राहत मिलने के बाद विधायक संगीत सोम ने कहा कि ये सच की जीत है. जो हमने पहले कहा था वही सच साबित हुआ. अखिलेश सरकार ने मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था. तत्कालीन सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए पूरा दंगा बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर थोप दिया था.
एसआईटी ने लगाई एफआर
बीजेपी विधायक संगीत सोम ने बताया की हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही एसआईटी गठित की थी, और एसआईटी ने इस पर एफआर लगाकर बताया कि संगीत सोम पर हिंसा फैलाने का कोई साक्ष्य नही मिला है. संगीत सोम ने कहा कि विवेचना के दौरान साक्ष्य न मिलने पर 2017 में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी. अब अभियोजन के विरोध न करने पर एफआर स्वीकार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने जबरन इनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया था. जिसका जवाब न सिर्फ जनता ने दिया है, बल्कि भगवान भी दे रहा है.
2022 में सबक सिखाएगी जनता
संगीत सोम ने कहा कि अखिलेश यादव, आज़म खान और राहुल गांधी फर्जी काम करते थे, और आज भी फर्जी काम कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि ये लोग फर्जीवाड़े के साथ रहना चाहते हैं. लेकिन जनता ने उन्हें 2017 और 2019 के चुनाव में जवाब दिया है और अब 2022 के विधान सभा चुनाव में सबक सीखाने जा रही है. 2022 में 350 सीट लेकर बीजेपी उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है.