ETV Bharat / state

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ताजमहल पर बेबाक बोल, कहाः शोध के लिए लंदन, पेरिस और चाइना नहीं ताज में ही जाना होगा - Jagatguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Maharaj

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मेरठ में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार जिस जमीन पर बना हुआ है, वो हिंदुओं की जमीन है.

etv bharat
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
author img

By

Published : May 13, 2022, 10:42 PM IST

मेरठः जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कुतुबमीनार को लेकर मेरठ में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार हिंदुओं की जमीन पर बना हुआ है. वहीं उन्होंने कुलपति शब्द पर अपनी राय रखते हुए कहा कि देश में कोई भी सच्चा कुलपति नहीं है. उन्होंने ताजमहल को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि कुतुबमीनार जिस जमीन पर बना हुआ है, वो हिंदुओं की जमीन है. उसको मुस्लिम शासक ने कुतुबमीनार का नाम दे दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार में अगर कोई जाकर देखेगा तो वहां पर संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं और हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति बनी हुई है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

उन्होंने ताजमहल को लेकर हाल ही में जो टिप्पणी की गई है, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ताजमहल में आखिर क्या है, इसको जानने के लिए कोई शोध शिक्षा लेने के लिए नहीं जायेगा. स्वामी ने कहा कि सभी भारतीयों को ये अधिकार है कि वो जाने कि ताजमहल में क्या है. चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम. उन्होंने कहा कि ताजमहल का इतिहास है वो मंदिर के ऊपर बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि क्या शोध करने के लिए लंदन, पेरिस या चाइना जाएंगे? बिल्कुल नहीं. बल्कि शोध करने के लिए हमें ताजमहल ही जाना होगा. उन्होंने कहा कि ताजमहल में दरवाजा बंद है. जब उसे खोला जाएगा तो वहां से प्रमाण मिलने लगेंगे.

कुलपति शब्द पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोई भी सच्चा कुलपति नहीं है. वे बोले कि ये शब्द अंग्रेजी शब्द वाइस चांसलर से लिया गया है. जिसको कि हिंदी में कुलपति कहा गया है. उन्होंने कहा कि ये ठीक वैसे ही है जैसे पत्नी को अंग्रेजी में वाइफ कहते हैं.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी बोले- गरीबों को छेड़ना नहीं, माफिया को छोड़ना नहीं

पत्नी और वाइफ में अतंर समझाने के बाद उन्होंने शास्त्रों में लिखे श्लोक का जिक्र करते हुए कहा कि असल में कुलपति वो होता है, जो 10 हजार बच्चों को भोजन, चिकित्सा, वस्त्र जैसी जरूरतें पूरी करते हुए निशुक्ल पढ़ाता हो. वही असली कुलपति होता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

मेरठः जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कुतुबमीनार को लेकर मेरठ में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार हिंदुओं की जमीन पर बना हुआ है. वहीं उन्होंने कुलपति शब्द पर अपनी राय रखते हुए कहा कि देश में कोई भी सच्चा कुलपति नहीं है. उन्होंने ताजमहल को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि कुतुबमीनार जिस जमीन पर बना हुआ है, वो हिंदुओं की जमीन है. उसको मुस्लिम शासक ने कुतुबमीनार का नाम दे दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार में अगर कोई जाकर देखेगा तो वहां पर संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं और हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति बनी हुई है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

उन्होंने ताजमहल को लेकर हाल ही में जो टिप्पणी की गई है, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ताजमहल में आखिर क्या है, इसको जानने के लिए कोई शोध शिक्षा लेने के लिए नहीं जायेगा. स्वामी ने कहा कि सभी भारतीयों को ये अधिकार है कि वो जाने कि ताजमहल में क्या है. चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम. उन्होंने कहा कि ताजमहल का इतिहास है वो मंदिर के ऊपर बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि क्या शोध करने के लिए लंदन, पेरिस या चाइना जाएंगे? बिल्कुल नहीं. बल्कि शोध करने के लिए हमें ताजमहल ही जाना होगा. उन्होंने कहा कि ताजमहल में दरवाजा बंद है. जब उसे खोला जाएगा तो वहां से प्रमाण मिलने लगेंगे.

कुलपति शब्द पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोई भी सच्चा कुलपति नहीं है. वे बोले कि ये शब्द अंग्रेजी शब्द वाइस चांसलर से लिया गया है. जिसको कि हिंदी में कुलपति कहा गया है. उन्होंने कहा कि ये ठीक वैसे ही है जैसे पत्नी को अंग्रेजी में वाइफ कहते हैं.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी बोले- गरीबों को छेड़ना नहीं, माफिया को छोड़ना नहीं

पत्नी और वाइफ में अतंर समझाने के बाद उन्होंने शास्त्रों में लिखे श्लोक का जिक्र करते हुए कहा कि असल में कुलपति वो होता है, जो 10 हजार बच्चों को भोजन, चिकित्सा, वस्त्र जैसी जरूरतें पूरी करते हुए निशुक्ल पढ़ाता हो. वही असली कुलपति होता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.