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जेल प्रशासन की कोशिश हुई साकार खलनायक बन गया चित्रकार, बंदियों के लिए बना मार्गदर्शी

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Published : Jul 7, 2022, 6:16 PM IST

मेरठ जिला कारागार के सजायाप्ता कैदी अंकुर सिंह ढ़ाई सौ से अधिक कैनवास पेंटिग्स बनाई है. वह अन्य कैदियों को भी पेंटिग्स सिखा रहा है. कैदी ने कहा कि जुर्म की दुनिया से सबको दूर रहना चाहिए. जिसकी जेल के अधिकारियों द्वारा जमकर प्रशंसा की जा रही है.

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कैदी अंकुर सिंह ढ़ाई सौ से अधिक कैनवास पेंटिग्स बनाई

मेरठः जनपद के जिला कारागार में अपने कृत्यों की वजह से सलाखों के पीछे पहुंचा कैदी गौरव उर्फ अंकुर सिंह. वो खलनायक अब अन्य बंदियों के लिए मिशाल बन गया है. अंकुर अपनी हरकतों की वजह से पूर्व में काफी सुर्खियों में रह चुका है. अंकुर जब उन्नाव जेल में था. तब उसके रवैये और हरकतों की वजह से उसे अधिकारियों ने आदेश के बाद लखनऊ जेल में ट्रांसफर कर दिया था.

जानकारी के अनुसार रायबेरली जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र का रहने वाला गौरव उर्फ अंकुर सिंह 302 का मुजरिम उम्रकैद की सजा काट रहा है. लेकिन उसके बावजूद भी उसकी हरकतें कम नहीं हुई हैं. एक बार तो जेल में तमंचा लहराते हुए गौरव उर्फ अंकुर की आपत्तिजनक वीडियो भी वायरल हुई थी. जिसके बाद उसे लखनऊ जेल से मेरठ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि जेल प्रशासन की तरफ से ये बताया गया था कि उसने गीली मिट्टी का तमंचे जैसा दिखने वाली शेप में कुछ बनाया था. उसके बाद से फिर उसे चौधरी चरण सिंह जिला कारागार मेरठ भेजा गया था.

जेल प्रशासन की कोशिश हुई साकार खलनायक बन गया चित्रकार


अंकुर अपने बिगडैल रवैये की वजह से एक जेल से दूसरी और दूसरी जेल से तीसरी जेल में भेज दिया गया. अब अंकुर में ऐसा बदलाव हुआ है कि वो खलनायक अब अन्य बंदियों के लिए मिशाल बन गया है. जेल अधीक्षक ने बताया कि उसमें सुधार यहां हो इसके लिए जेल प्रशासन ने भी प्रयास किए. उसके साथ ही उसे भी अपने परिवारजनों से दूर आने पर अपनी गलतियों का एहसास हो रहा था.



जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जेल में कुछ स्लोगन स्वच्छता को लेकर एक संस्था की ओर से लिखे जाने थे. उस वक्त जो पेंटर आए थे. उन्हें सहयोगी के तौर पर एक व्यक्ति की आवश्यकता थी. जेल अधीक्षक बताते हैं कि तब सीढ़ी पकड़ने को सजायाफ्ता मुजरिम गौरव उर्फ अंकुर को ही लगाया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद वे लोग स्लोगन आदि लिखकर चले गए. लेकिन तभी से अंकुर को तस्वीर व आकृतियां बनाने का शौक लग गया.

अंकुर के इस नए शौक की जानकारी जेल प्रशासन को हुई तो उसके लिए जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद की. उसे कलर्स, ब्रश व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई. कुछ ही दिनों में अंकुर में लगातार बदलाव हुए कि वो अब अनेकों वॉल पेंटिंग और केनवास पेंटिंग बना चुका है.जेल अधीक्षक बताते हैं कि सैकड़ों पेंटिंग बनाकर अपने हुनर से अब उसने खुद को बदल दिया है. उसके काम की खूब सराहना मिल रही है. जेल में जब अधिकारी विजिट पर आए तो उन्होंने भी उसके काम की खूब सराहना की.


अंकुर के बदले आचरण के बारे में उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया कि खलनायक से चित्रकार और अब तो अपने इस हुनर से वो अन्य बंदियों को भी बंदी पेंटिंग्स बनाना सिखा रहा है. जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि ये बंदी अंकुर जेल में बंदियों को अब पेंटिंग्स बनाना सिखा रहा है. जेल सुपरिंटेंडेंट का तो ये भी कहना है कि जो बंदी अब उससे इस हुनर को सीख रहे हैं. वे भी अब अंकुर की तरह ही इस विधा में पारंगत हो जाएं. ताकि जब बाहर की दुनिया में जाएं तो अपने हुनर के बल पर जीवन यापन कर सकें. अंकुर ने अब तक तीस से अधिक वाल पेंटिंग बनाई हैं. जबकि ढाई सौ से अधिक केनवास पेंटिंग्स बनाई है.


यह भी पढ़ें- मामूली विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, महिलाओं से मारपीट, 8 गिरफ्तार


जेल अधीक्षक के मुताबिक उसके चाल चलन को लेकर सजा में कुछ रियायत का प्रावधान होता है. लेकिन क्योंकि उम्रकैद की सजा उसे मिली है. जो एक निश्चित समय अवधि से पहले उसे छूट नहीं मिल सकती. लेकिन उच्चाधिकारियों को उसके बदले व्यवहार के बारे में अवगत करा दिया गया है.
मेरठ जिला कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे गौरव उर्फ अंकुर का कहना है कि जुर्म की दुनिया देखने में भले ही खूबसूरत है. लेकिन वहां है कुछ नहीं. वो तो यही संदेश देना चाहता है कि अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए. लोगों को घर परिवार के बुजुर्गों के कहने पर ही चलना चाहिए.


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मेरठः जनपद के जिला कारागार में अपने कृत्यों की वजह से सलाखों के पीछे पहुंचा कैदी गौरव उर्फ अंकुर सिंह. वो खलनायक अब अन्य बंदियों के लिए मिशाल बन गया है. अंकुर अपनी हरकतों की वजह से पूर्व में काफी सुर्खियों में रह चुका है. अंकुर जब उन्नाव जेल में था. तब उसके रवैये और हरकतों की वजह से उसे अधिकारियों ने आदेश के बाद लखनऊ जेल में ट्रांसफर कर दिया था.

जानकारी के अनुसार रायबेरली जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र का रहने वाला गौरव उर्फ अंकुर सिंह 302 का मुजरिम उम्रकैद की सजा काट रहा है. लेकिन उसके बावजूद भी उसकी हरकतें कम नहीं हुई हैं. एक बार तो जेल में तमंचा लहराते हुए गौरव उर्फ अंकुर की आपत्तिजनक वीडियो भी वायरल हुई थी. जिसके बाद उसे लखनऊ जेल से मेरठ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि जेल प्रशासन की तरफ से ये बताया गया था कि उसने गीली मिट्टी का तमंचे जैसा दिखने वाली शेप में कुछ बनाया था. उसके बाद से फिर उसे चौधरी चरण सिंह जिला कारागार मेरठ भेजा गया था.

जेल प्रशासन की कोशिश हुई साकार खलनायक बन गया चित्रकार


अंकुर अपने बिगडैल रवैये की वजह से एक जेल से दूसरी और दूसरी जेल से तीसरी जेल में भेज दिया गया. अब अंकुर में ऐसा बदलाव हुआ है कि वो खलनायक अब अन्य बंदियों के लिए मिशाल बन गया है. जेल अधीक्षक ने बताया कि उसमें सुधार यहां हो इसके लिए जेल प्रशासन ने भी प्रयास किए. उसके साथ ही उसे भी अपने परिवारजनों से दूर आने पर अपनी गलतियों का एहसास हो रहा था.



जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जेल में कुछ स्लोगन स्वच्छता को लेकर एक संस्था की ओर से लिखे जाने थे. उस वक्त जो पेंटर आए थे. उन्हें सहयोगी के तौर पर एक व्यक्ति की आवश्यकता थी. जेल अधीक्षक बताते हैं कि तब सीढ़ी पकड़ने को सजायाफ्ता मुजरिम गौरव उर्फ अंकुर को ही लगाया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद वे लोग स्लोगन आदि लिखकर चले गए. लेकिन तभी से अंकुर को तस्वीर व आकृतियां बनाने का शौक लग गया.

अंकुर के इस नए शौक की जानकारी जेल प्रशासन को हुई तो उसके लिए जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद की. उसे कलर्स, ब्रश व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई. कुछ ही दिनों में अंकुर में लगातार बदलाव हुए कि वो अब अनेकों वॉल पेंटिंग और केनवास पेंटिंग बना चुका है.जेल अधीक्षक बताते हैं कि सैकड़ों पेंटिंग बनाकर अपने हुनर से अब उसने खुद को बदल दिया है. उसके काम की खूब सराहना मिल रही है. जेल में जब अधिकारी विजिट पर आए तो उन्होंने भी उसके काम की खूब सराहना की.


अंकुर के बदले आचरण के बारे में उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया कि खलनायक से चित्रकार और अब तो अपने इस हुनर से वो अन्य बंदियों को भी बंदी पेंटिंग्स बनाना सिखा रहा है. जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि ये बंदी अंकुर जेल में बंदियों को अब पेंटिंग्स बनाना सिखा रहा है. जेल सुपरिंटेंडेंट का तो ये भी कहना है कि जो बंदी अब उससे इस हुनर को सीख रहे हैं. वे भी अब अंकुर की तरह ही इस विधा में पारंगत हो जाएं. ताकि जब बाहर की दुनिया में जाएं तो अपने हुनर के बल पर जीवन यापन कर सकें. अंकुर ने अब तक तीस से अधिक वाल पेंटिंग बनाई हैं. जबकि ढाई सौ से अधिक केनवास पेंटिंग्स बनाई है.


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जेल अधीक्षक के मुताबिक उसके चाल चलन को लेकर सजा में कुछ रियायत का प्रावधान होता है. लेकिन क्योंकि उम्रकैद की सजा उसे मिली है. जो एक निश्चित समय अवधि से पहले उसे छूट नहीं मिल सकती. लेकिन उच्चाधिकारियों को उसके बदले व्यवहार के बारे में अवगत करा दिया गया है.
मेरठ जिला कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे गौरव उर्फ अंकुर का कहना है कि जुर्म की दुनिया देखने में भले ही खूबसूरत है. लेकिन वहां है कुछ नहीं. वो तो यही संदेश देना चाहता है कि अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए. लोगों को घर परिवार के बुजुर्गों के कहने पर ही चलना चाहिए.


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