मेरठ : 70 लाख के गबन मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (कोर्ट संख्या-2) ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, सब इंस्पेक्टर नवीन पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज खान,धीरज, सौरभ कुमार और सचिन शर्मा सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है.
एडीजीसी क्रिमिनल महेंद्र सिंह ने बताया कि वादी राजीव सचान ने केस दर्ज कराया था कि लिंक रोड थाने में इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने एसएचओ रहते हुए उनसे बरामदगी की रकम से 70 लाख रुपये गायब कर दिए.
सीओ राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिए महाराजपुर चौकी की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो लिंक रोड़ थाना पुलिस बेनकाब हो गई. सीसीटीवी फुटेज में नजर आया कि आरोपियों के पास से रुपयों से भरे दो बैग पड़े थे. इनमें से एक बैग पुलिसकर्मियों ने एक प्राइवेट गाड़ी में रख दिया. ये प्राइवेट गाड़ी लक्ष्मी सिंह चौहान की थी.
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इस पूरे खेल में एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान के अलावा, सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार शामिल होने का आरोप था.
सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान व एक सिपाही ने मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
न्यायालय में आरोपी पक्ष की ओर से दलील दी गई कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है. वादी के अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया. न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया गया है.