मेरठ: शहर में वायु प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान शहर की हवा स्वच्छ हो गई थी, लेकिन अब अनलाॅक में मिली छूट के बाद फिर से यहां की हवा दूषित हो रही है. इस समय शहर का प्रदूषण 250 एक्यूआई के आसपास चल रहा है, जो कि सामान्य से अधिक है. समय रहते यदि प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह और भी अधिक खतरनाक हो सकता है.
शहर में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियां और सड़कों पर बढ़ता वाहनों का लोड भी प्रदूषण को बढ़ा रहा है. इस समय हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिस कारण दिन में धूल उड़ रही है. खेतों में धान की फसल कट रही है. किसानों द्वारा पराली जलाने से भी वायु प्रदूषण में इजाफा होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय वातावरण में नमी अधिक होती है, जिस कारण धूल के कण अधिक ऊंचाई तक नहीं जाते. यही वजह रहती है कि इस समय वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है. वायु प्रदूषण का स्तर 100 एक्यूआई से कम होना चाहिए, लेकिन इस समय मेरठ का एक्यूआई 250 तक पहुंच गया है. आने वाले दिनों में यह और भी अधिक बढ़ने की संभावना जताई गई है.
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा कैंट के डंपिंग यार्ड में कूड़ा जलता मिलने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना तय किया गया है. इसके अलावा बाईपास पर बालाजी ट्रेडर्स और वैभव ट्रेडर्स पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इनके द्वारा रेत और डस्ट पर पानी का छिड़काव नहीं किया गया था. पॉलिथीन जलाने पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा जिले में सात कोल्हू सील किए गए हैं. इनमें से चार कोल्हू खरदौनी गांव में हैं, जबकि तीन कोल्हू इंचौली में हैं.
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार का कहना है कि अभी मौसम में बदलाव हो रहा है. इस कारण हवा में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. नमी बढ़ने पर हवा अधिक दूषित हो जाती है. जहां निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां मानकों का पालन करने के लिए कहा गया है. प्रदूषण विभाग की टीम समय-समय पर निरीक्षण करती है. निरीक्षण में कमियां मिलने पर कार्रवाई की जाती है.