मेरठ: शहर का वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है. वायु प्रदूषण में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. अभी भी स्थिति चिंताजनक है. शुक्रवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 दर्ज किया गया. बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए मेरठ जिले को यूपी के 16 सबसे प्रदूषित शहर में शामिल कर लिया गया है.
मेरठ में लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किये जा रहे प्रयास विफल हो रहे हैं. सड़कों पर किया जा रहा छिड़काव भी बढ़ते वायु प्रदूषण को रोक नहीं पा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन इक्का दुक्का स्थानों पर ही मानकों का पालन न करने के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब सब कुछ सही है तब वायु प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा है. शुक्रवार को भी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 दर्ज किया गया, यह स्थिति चिंताजनक है. सुबह के समय भी वातावरण में धुंध छायी रहती है, जिससे सुबह सैर के लिए निकल रहे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
आंखों में जलन की शिकायतबढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से जहां सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आंखों में जलन और एलर्जी की शिकायत भी सामने आ रही है. फिजीशियन डॉक्टर दिनेश कुमार का कहना है कि वायु प्रदूषण बढ़ने से एलर्जी से संबंधित बीमारी भी बढ़ने लगती है. जिन लोगों को डस्ट से एलर्जी है, उन्हें सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस समय जो स्थिति है उसकी वजह से आंखों में जलन की शिकायत भी देखने को मिल रही है.
रात में भी की जा रही है छापेमारी क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार का कहना है कि रात में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम रात में उन फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर रही हैं, जहां प्रतिबंधित ईंधन जलाए जाने की संभावना है. जिले में संचालित कोल्हूओंं पर भी निगरानी की जा रही है. कुछ कोल्हु संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
ये हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मानक 0 से 50 तक अच्छा51 से 100 संतोषजनक 101 से 200 मध्यम 201 से 300 खराब301 से 400 बहुत खराब401 से 500 गंभीर