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मेरठ में कोरोना से जुड़ी अहम जानकारियां देने के लिए आयोजित किया गया वेबिनार

मेरठ के शोभित यूनिवर्सिटी में कोविड 19 से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया. इस वेबिनार में एम्स के डॉ. अजीत ने कोविड 19 के लक्षण और होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी.

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वेबिनार का आयोजन
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Published : May 26, 2020, 8:07 PM IST

मेरठः शोभित यूनिवर्सिटी में कोविड 19 के लक्षण, उसका उपचार एवं संक्रमण से होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी देने के लिए ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में मुख्य वक्ता पटना एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी एवं लैबोरेट्री मेडिसिन के हेड डॉ. अजीत कुमार सक्सेना रहे. उन्होंने कोविड 19 को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी.

कोरोना वायरस की एक नहीं कई प्रकार

एम्स पटना के डॉ. अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि कोरोना वायरस के कई प्रकार हैं, जिसमें कोविड 19 ज्यादा खतरनाक है. यह मनुष्य की कोशिका में जाकर तेजी से मल्टीप्लाई होता है और ऑर्गन को प्रभावित करता है. इसकी रोकथाम के लिए अभी कोई दवा भी नहीं है. यह वायरस मनुष्य के शरीर में जाकर सांस संबंधित समस्याओं को बढ़ा देता है. वायरस शरीर में पहुंच कर ऑक्सीजन को कम कर देता है, जिस कारण शरीर के दूसरे ऑर्गन भी प्रभावित होने लगते हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क जरूरी
डॉ. अजीत ने बताया कि फिलहाल इससे बचाव का उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क ही है. हमें एक दूसरे से कम से कम 6 फीट का अंतर रखना होगा. बात करते समय हमारे मुंह से एयरोकूल निकलता है, जिससे इंफेक्शन हो सकता है. छींकते समय मुंह से एयरड्रॉप निकलते हैं, जिस कारण भी यह वायरस फैलता है. यह वायरस नाक, आंख और मुंह से सबसे ज्यादा फैलता है. इस इंफेक्शन से बचने के लिए हमें अपने गले को सही रखना होगा और अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी होगी. गरम पानी का सेवन करते रहना होगा, लौंग, कालीमिर्च, गिलोय, मुलेठी, तुलसी आदि का सेवन कर इम्युनिटी को बढ़ाते रहना होगा.

अधिक साफ-सुथरा वातावरण करता है इम्युनिटी कमजोर
शोभित यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एपी गर्ग ने बताया कि अधिक साफ सुथरे वातावरण में रहने वालों की इम्युनिटी अधिक कमजोर होती है. ऐसे व्यक्तियों का शरीर विपरीत परिस्थितियों के लिए एकदम तैयार नहीं रहता. वेस्टर्न कंट्रीज में रहने वाले लोग धूल मिटटी से बचकर एसी में रहते हैं, ऐसे में जब ये लोग धूल मिट्टी वाले वातावरण में आते हैं तो, उनका शरीर इस तरह के एटमॉस्फेयर को एक्सेप्ट नहीं कर पाता, ​जिस कारण उनके अंदर इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है.

ठीक होने वाले मरीज का होना चाहिए एंटी बॉडी टेस्ट
डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि जो लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं उनका बाद में भी RTPCR टेस्ट पॉजिटिव आता है. इसका कारण है जब हम शुरुआत में किसी व्यक्ति का कोरोना वायरस टेस्ट करते हैं तो, उसके अंदर RNA होता है और जब व्यक्ति ठीक हो जाता है उसके बाद भी व्यक्ति के अंदर RNA डेड अवस्था में होता है. जिस कारण उसका RTPCR टेस्ट पॉजिटिव आ जाता है इसलिए हमें कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्तियों का RTPCR टेस्ट ना करा कर उनका एंटीबॉडी टेस्ट कराना चाहिए.

घर पर ही करें क्वारंटाइन
कोरोना के लक्षण दिखायी देने पर मरीज को घर पर ही क्वारंटाइन किये जाने को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें कहा गया कि मरीजों को न्यूट्रीशन युक्त भोजन एवं मानसिक शांति देनी आवश्यक है जो कि हॉस्पिटल में नहीं मिल पाता है इसलिए ऐसे लक्षण वाले मरीजों को उनके घर पर ही होम क्वारंटाइन होना चाहिए. अस्पताल के मुकाबले वह घर पर जल्दी ठीक हो सकते हैं. वेबिनार के दौरान बड़ी संख्या में स्टूडेंटस और शिक्षक जुड़े रहे.

मेरठः शोभित यूनिवर्सिटी में कोविड 19 के लक्षण, उसका उपचार एवं संक्रमण से होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी देने के लिए ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में मुख्य वक्ता पटना एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी एवं लैबोरेट्री मेडिसिन के हेड डॉ. अजीत कुमार सक्सेना रहे. उन्होंने कोविड 19 को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी.

कोरोना वायरस की एक नहीं कई प्रकार

एम्स पटना के डॉ. अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि कोरोना वायरस के कई प्रकार हैं, जिसमें कोविड 19 ज्यादा खतरनाक है. यह मनुष्य की कोशिका में जाकर तेजी से मल्टीप्लाई होता है और ऑर्गन को प्रभावित करता है. इसकी रोकथाम के लिए अभी कोई दवा भी नहीं है. यह वायरस मनुष्य के शरीर में जाकर सांस संबंधित समस्याओं को बढ़ा देता है. वायरस शरीर में पहुंच कर ऑक्सीजन को कम कर देता है, जिस कारण शरीर के दूसरे ऑर्गन भी प्रभावित होने लगते हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क जरूरी
डॉ. अजीत ने बताया कि फिलहाल इससे बचाव का उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क ही है. हमें एक दूसरे से कम से कम 6 फीट का अंतर रखना होगा. बात करते समय हमारे मुंह से एयरोकूल निकलता है, जिससे इंफेक्शन हो सकता है. छींकते समय मुंह से एयरड्रॉप निकलते हैं, जिस कारण भी यह वायरस फैलता है. यह वायरस नाक, आंख और मुंह से सबसे ज्यादा फैलता है. इस इंफेक्शन से बचने के लिए हमें अपने गले को सही रखना होगा और अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी होगी. गरम पानी का सेवन करते रहना होगा, लौंग, कालीमिर्च, गिलोय, मुलेठी, तुलसी आदि का सेवन कर इम्युनिटी को बढ़ाते रहना होगा.

अधिक साफ-सुथरा वातावरण करता है इम्युनिटी कमजोर
शोभित यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एपी गर्ग ने बताया कि अधिक साफ सुथरे वातावरण में रहने वालों की इम्युनिटी अधिक कमजोर होती है. ऐसे व्यक्तियों का शरीर विपरीत परिस्थितियों के लिए एकदम तैयार नहीं रहता. वेस्टर्न कंट्रीज में रहने वाले लोग धूल मिटटी से बचकर एसी में रहते हैं, ऐसे में जब ये लोग धूल मिट्टी वाले वातावरण में आते हैं तो, उनका शरीर इस तरह के एटमॉस्फेयर को एक्सेप्ट नहीं कर पाता, ​जिस कारण उनके अंदर इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है.

ठीक होने वाले मरीज का होना चाहिए एंटी बॉडी टेस्ट
डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि जो लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं उनका बाद में भी RTPCR टेस्ट पॉजिटिव आता है. इसका कारण है जब हम शुरुआत में किसी व्यक्ति का कोरोना वायरस टेस्ट करते हैं तो, उसके अंदर RNA होता है और जब व्यक्ति ठीक हो जाता है उसके बाद भी व्यक्ति के अंदर RNA डेड अवस्था में होता है. जिस कारण उसका RTPCR टेस्ट पॉजिटिव आ जाता है इसलिए हमें कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्तियों का RTPCR टेस्ट ना करा कर उनका एंटीबॉडी टेस्ट कराना चाहिए.

घर पर ही करें क्वारंटाइन
कोरोना के लक्षण दिखायी देने पर मरीज को घर पर ही क्वारंटाइन किये जाने को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें कहा गया कि मरीजों को न्यूट्रीशन युक्त भोजन एवं मानसिक शांति देनी आवश्यक है जो कि हॉस्पिटल में नहीं मिल पाता है इसलिए ऐसे लक्षण वाले मरीजों को उनके घर पर ही होम क्वारंटाइन होना चाहिए. अस्पताल के मुकाबले वह घर पर जल्दी ठीक हो सकते हैं. वेबिनार के दौरान बड़ी संख्या में स्टूडेंटस और शिक्षक जुड़े रहे.

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