मेरठ : मेरठ की सिद्ध शक्तिपीठ माता मनसा देवी का मंदिर सैकड़ों साल पुराना हैं. भक्तों को यहां बड़ी आस्था है. मेरठ की माता मनसा देवी को लोग मरघट वाली माता के नाम से भी पूजते हैं. यह मेरठ क्रांति की धरा हैं और यहां सबसे ज्यादा शक्ति की पूजा होती है. ऐसे में मेरठ की मनसा देवी की शक्ति के रूप में उपासना की जाती है. पुरोहितों की मानें इस मंदिर की जमीन पर पहले मरघट यानी शमशान हुआ करता था.
आप को बता दें, अब योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों की तस्वीर बदलने के लिए संकल्प लिया है. मेरठ की माता मनसा देवी मंदिर को "मिनी पिलग्रिम" के रूप में डेवलप किया जा रहा है. इसके लिए फिलहाल मुख्यमंत्री के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने ₹50 लाख का बजट जारी किया है. ₹50लाख के बजट से मंदिर में जीर्णोद्धार के कार्य किए जा रहे हैं. जिसमें सबसे पहले यात्री शेड बनाया जा रहा है. लोगों की भक्ति जहां देखते ही बनती है.
दरअसल, मेरठ के इस शक्तिपीठ को पूजने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं. लेकिन यात्रियों के रुकने की या उनके बैठने की कोई व्यवस्था यहां पर अभी तक नहीं थी. लेकिन मुख्यमंत्री के प्रयासों से अब मेरठ के इस मंदिर को भव्य स्वरूप दिया जाएगा. यात्रियों के लिए पीने के पानी, यात्री शेड और दूसरी व्यवस्थाएं की जाएंगी, ताकि लोगों के धार्मिक यात्रा को सुखद और सुलभ बनाया जा सके.
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मेरठ के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक सोमेंद्र तोमर ने आज जीर्णोद्धार कार्यक्रम की शुरुआत की. सोमेंद्र तोमर ने निर्माण कार्य की नींव रखकर जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शिलान्यास किया. करीब 2 से 3 महीने में इस कार्य को पूरा कर दिया जाएगा. इसके पहले भी मेरठ के गगोल तीर्थ को भव्य स्वरूप देने का काम मुख्यमंत्री के निर्देशों पर किया गया था. जिसके बाद अब माता मनसा देवी मंदिर को भी 'मिनी पिलग्रिम' बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है.