मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह का आयोजन बुधवार को किया गया. इस बार भी बेटियां ही अपनी मेहनत के बल पर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध 640 महाविद्यालयों में टॉपर रही. इतना ही नहीं इन बेटियों अपनी मेहनत के बल पर गोल्ड मेडल हासिल की हैं. ऐसी ही बेटियों से ईटीवी भारत ने बात की है जिन्होंने 2 या 3 गोल्ड मेडल हासिल कर अपने माता-पिता का मान बढ़ाई हैं. ये सभी बेटियां लगभग ग्रामीण परिवेश से ही आती हैं.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का 35वां दीक्षांत समारोह
पश्चिमी यूपी के प्रमुख विश्वविद्यालय में से एक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का 35वां दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. इस मौक़े पर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया. इस मौके पर देखने को मिला कि एक बार फिर विश्वविद्यालय में टॉप करने वाली बेटियों की ही संख्या अधिक रही. मेडल पाकर बेटियों के चेहरे पर रौनक थी. वहीं, उनके परिजनों के चेहरे पर भी खुशी के भाव झलक रहे थे.
एमएससी होम साइंस फूड एवं न्यूट्रीशन की टॉपर
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से टॉप करने वाली होनहार बेटी आलिया से ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें 2 स्वर्ण पदक मिले हैं. एक विश्वविद्यालय टॉपर का और दूसरा प्रायोजित गोल्ड मेडल उन्हें मिला है. आलिया ने एमएससी होम साइंस फूड एवं न्यूट्रीशन से 93.40 प्रतिशत अंक पाकर विश्वविद्यलय में टॉप किया है. उन्होंने बताया कि वह 2-2 स्वर्ण पदक पाकर बेहद ही उत्साहित हैं. वह आगे पीएचडी करना चाहती हैं. छात्रा आलिया ने बताया कि वह एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं. वह अपने गुरुजनों का धन्यवाद करना चाहती हैं जिन्होंने उनका बहुत साथ दिया. उन्हें यहां तक पहुंचने में गुरुजनों और माता पिता का बहुत योगदान रहा है.
एमए इकोनॉमिक्स की छात्रा ने बताया
विश्वविद्यालय की एमए इकोनॉमिक्स की छात्रा सुमैया जहीर सैफी ने बताया कि उन्हें एक कुलपति स्वर्ण पदक और दूसरा विशिष्ट स्वर्ण पदक मिला है. वह 2 गोल्ड मेडल पाकर बेहद ही उत्साहित हैं. वह अपना मेडल अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहती हैं, क्योंकि उन्हीं की प्रेरणा और आशीर्वाद से और अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. छात्रा ने बताया कि वह अब नेट की तैयारी कर पीएचडी करने का उनका लक्ष्य है.
उर्दू से एमए करने वाली छात्रा ने बताया
विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए करने वाली छात्रा दिलकश ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर जिले की रहने वाली हैं. वह 2 गोल्ड मेडर जीतकर वह बहुत खुश हैं. छात्रा ने बताया कि मुजफ्फरनगर में उर्दू से एमए करने का कोई ऑप्शन नहीं था. इसीलिए उसने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था. छात्रा ने बताया कि एक लड़की होने की वजह से इतनी दूर एक लड़की को भेजना पिता के लिए बहुत मुश्किल था. लेकिन पिता ने भरोसा करते हुए उनका साथ दिया. छात्रा ने बताया कि सुबह के समय परीक्षा के दौरान वह दोस्तों के घर रुककर अलग-अलग अनुभव मिला है. छात्रा ने बताया कि बेटियां मौजूदा समय में आगे बढ़ने के लिए अधिक पढ़ाई कर रही हैं. इसलिए बेटियां आगे बढ़ रही हैं.
एमए एजुकेशन में छात्रा को 2 गोल्ड मिला
विश्वविद्यालय से एमए एजुकेशन में टॉप कर 2 गोल्ड मेडल हासिल करने वाली छात्रा सोनिया चौधरी ने बताया कि उन्हें यह गोल्ड मेडल अपने माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से मिला है. छात्रा ने बताया कि वह बुलंदशहर जिले की रशीदपुर गांव की रहने वाली एक किसान की बेटी हैं. उन्हें इस सफलता के लिए उनके माता-पिता और गुरुजनों ने मोटिवेट किया. वह आगे नेट की तैयारी कर पीएचडी करेंगी. साथ ही आगे चलकर प्रोफेसर बनना चाहती हैं. छात्रा ने कहा कि हर माता-पिता को अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहिए.
बीटेक केमिकल इंजिनियरिंग में टॉपर को मिला 3 गोल्ड
विश्वविद्यालय के केमिकल इंजिनियरिंग से बीटेक में टॉप करने वाली छात्रा अलका वर्मा 3 स्वर्ण पदक हासिल किया. छात्रा ने बताया कि आज बेटियां आगे बढ़ चढ़कर पढ़ाई कर रही हैं. बेटियां आज देश की बुलंदियों को छू रही हैं. माता-पिता को अपनी बेटियों पर भरोसा है. इसलिए वह आगे बढ़ रही हैं. छात्रा ने बताया कि वह पीएचडी करना चाहती हैं.
इंजिनियरिंग की दूसरी छात्रा को भी मिला 3 गोल्ड
बीटेक केमिकल इंजिनियरिंग की छात्रा सुरभि दीक्षित ने बताया कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि उन्हें 3 गोल्ड मेडल मिला है. वह अपने परिजनों और गुरुजनों की आभारी हैं. जिसकी वजह से उन्हें 3 गोल्ड हासिल हुआ है. वह भविष्य में अपने गुरुजनों की तरह ही एक टीचर बनना चाहती हैं.