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मेरठ समेत प्रदेश के 16 शहर अब बनेंगे सोलर सिटी, जानिए क्या है प्लान - यूपीनेडा मेरठ परियोजना

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास प्राधिकरण ने सरकार के निर्देश के बाद शहरों को सोलर सिटी के तौर पर विकसीत करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. अयोध्या में यह कार्य योजना पहले से ही चल रही है.

Solar city plan
Solar city plan
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Published : May 3, 2023, 1:41 PM IST

जानकारी देते यूपीनेडा के मेरठ परियोजना प्रभारी प्रमोद भूषण शर्मा

मेरठः प्रदेश के 16 शहरों को सोलर सिटी के तौर पर पहचान मिलने जा रही है. इनमें से एक नाम मेरठ भी है. शासन से लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश के नगर निगम वाले शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास प्राधिकरण (यूपीनेडा) की तरफ से प्रस्ताव बनाया गया है. यूपीनेडा ने मेरठ के लिए करीब 33 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा है. इसी तरह प्रदेश के अन्य बाकी निगम वाले शहरों से भी प्रस्ताव बनाकार शासन को भेजे गए हैं.

यूपीनेडा के मेरठ परियोजना प्रभारी प्रमोद भूषण शर्मा का कहना है कि शहर की विद्युत जरूरतों को पूर्ण करने के लिए सबसे पहले चरण में सभी सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. अभी सरकार ने सभी 16 नगर निगम को सोलर सिटी घोषित किया गया है. इसमें मेरठ के अलावा लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, कानपुर, बरेली समेत मुरादाबाद, सहारनपुर शाहजहांपुर समेत कुल 16 नगर निगम शामिल हैं. इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. अयोध्या में पहले से ही यह कार्य चल रहा है.

पंचवर्षीय योजनाः परियोजना प्रभारी ने बताया कि एक कॉन्सपेट है कि शहरी क्षेत्र में चाहे घरेलू हों या निजी कॉम्पलेक्स या फिर सरकारी कार्यालय में जो भी ऊर्जा की खपत है. उसका 10 प्रतिशत सोलर से लिया जाए. इसके लिए बजट की मांग शासन से की गई है. इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में कितना धन मिलता है. यह देखने की बात होगी. यह एक पंचवर्षीय योजना है. जो 2023 से 2027 तक के लिए यह है. जो घरेलू उपभोक्ता हैं उनके लिए तो पहले से ही सोलर रूफ का कार्यक्रम संचालित है. इसमें भारत सरकार और प्रदेश सरकार अनुदान देती है, जो कि पिछले दो साल से प्राप्त भी हो रहा है.

प्राथमिकता में शामिल ये है चीजः उन्होंने बताया कि पहले चरण में अभी यह सार्वजनिक क्षेत्र के लिए है, जैसे सुलभ शौचालय, स्ट्रीट लाइट और नगर निगम की बिल्डिंग या जो रेन बसेरे हैं. अभी सिर्फ इनके लिए ही प्रस्ताव भेजे गए हैं. इसके साथ ही साथ शहर में जो ई-रिक्शा चलते हैं उनकी चार्जिंग भी सोलर से करने के लिए बजट की मांग की गई है. इसी तरह भविष्य में व्हीकल चार्जिंग को लेकर अलग-अलग सावर ऊर्जा से संचालित चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे. कुल 5 चार्जिंग स्टेशन का प्लान किया गया है.


ON-GRID होंगे सभी पावर प्लांटः यूपीनेडा मेरठ परियोजना प्रभारी ने बताया कि जो भी सोलर पावर प्लांट लगेंगे, वह सभी
ON-GRID पावर प्लांट होंगे. बता दें कि चाहे घरेलू पावर हो या निजी कॉम्पलेक्स हों या फिर सरकारी कार्यालयों में जहां भी पावरप्लांट लगेंगे. इसका फायदा यह होगा कि जो भी सोलर ऊर्जा अतिरिक्त होगी वह ऊर्जा ग्रीड में फीड हो जाएगी.

ये भी पढ़ेंः तीन नहीं, एक कॉम्प्लेक्स में दिखेगा कपड़ा बाजार, एकजुट होकर व्यापारी करेंगे कारोबार

जानकारी देते यूपीनेडा के मेरठ परियोजना प्रभारी प्रमोद भूषण शर्मा

मेरठः प्रदेश के 16 शहरों को सोलर सिटी के तौर पर पहचान मिलने जा रही है. इनमें से एक नाम मेरठ भी है. शासन से लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश के नगर निगम वाले शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास प्राधिकरण (यूपीनेडा) की तरफ से प्रस्ताव बनाया गया है. यूपीनेडा ने मेरठ के लिए करीब 33 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा है. इसी तरह प्रदेश के अन्य बाकी निगम वाले शहरों से भी प्रस्ताव बनाकार शासन को भेजे गए हैं.

यूपीनेडा के मेरठ परियोजना प्रभारी प्रमोद भूषण शर्मा का कहना है कि शहर की विद्युत जरूरतों को पूर्ण करने के लिए सबसे पहले चरण में सभी सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. अभी सरकार ने सभी 16 नगर निगम को सोलर सिटी घोषित किया गया है. इसमें मेरठ के अलावा लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, कानपुर, बरेली समेत मुरादाबाद, सहारनपुर शाहजहांपुर समेत कुल 16 नगर निगम शामिल हैं. इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. अयोध्या में पहले से ही यह कार्य चल रहा है.

पंचवर्षीय योजनाः परियोजना प्रभारी ने बताया कि एक कॉन्सपेट है कि शहरी क्षेत्र में चाहे घरेलू हों या निजी कॉम्पलेक्स या फिर सरकारी कार्यालय में जो भी ऊर्जा की खपत है. उसका 10 प्रतिशत सोलर से लिया जाए. इसके लिए बजट की मांग शासन से की गई है. इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में कितना धन मिलता है. यह देखने की बात होगी. यह एक पंचवर्षीय योजना है. जो 2023 से 2027 तक के लिए यह है. जो घरेलू उपभोक्ता हैं उनके लिए तो पहले से ही सोलर रूफ का कार्यक्रम संचालित है. इसमें भारत सरकार और प्रदेश सरकार अनुदान देती है, जो कि पिछले दो साल से प्राप्त भी हो रहा है.

प्राथमिकता में शामिल ये है चीजः उन्होंने बताया कि पहले चरण में अभी यह सार्वजनिक क्षेत्र के लिए है, जैसे सुलभ शौचालय, स्ट्रीट लाइट और नगर निगम की बिल्डिंग या जो रेन बसेरे हैं. अभी सिर्फ इनके लिए ही प्रस्ताव भेजे गए हैं. इसके साथ ही साथ शहर में जो ई-रिक्शा चलते हैं उनकी चार्जिंग भी सोलर से करने के लिए बजट की मांग की गई है. इसी तरह भविष्य में व्हीकल चार्जिंग को लेकर अलग-अलग सावर ऊर्जा से संचालित चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे. कुल 5 चार्जिंग स्टेशन का प्लान किया गया है.


ON-GRID होंगे सभी पावर प्लांटः यूपीनेडा मेरठ परियोजना प्रभारी ने बताया कि जो भी सोलर पावर प्लांट लगेंगे, वह सभी
ON-GRID पावर प्लांट होंगे. बता दें कि चाहे घरेलू पावर हो या निजी कॉम्पलेक्स हों या फिर सरकारी कार्यालयों में जहां भी पावरप्लांट लगेंगे. इसका फायदा यह होगा कि जो भी सोलर ऊर्जा अतिरिक्त होगी वह ऊर्जा ग्रीड में फीड हो जाएगी.

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