मेरठ: अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से बेसहारा बाल मजदूरों के लिए बाल विद्या योजना शुरू की गई है. इससे प्रदेश के हजारों गरीब परिवार के बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा. मेरठ में प्रदेश के श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि सीएम की यह अति महत्वपूर्ण योजना है, जिसके माध्यम से प्रदेश के बेसहारा बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को पढ़-लिखकर कुछ बनने का मौका मिलेगा.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रदेश के श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंडित सुनील भराला ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में मेरठ, आगरा, बदायूं, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर अलीगढ़, लखनऊ सहित 10 जिलों का चयन किया गया है. पहले चरण में इन जिलों से 100 बच्चों का चयन पात्रता के हिसाब से किया जाएगा. मेरठ में अभी तक 24 बच्चों का पंजीकरण किया गया है.
उन्होंने कहा कि पहले चरण का लक्ष्य पूरा होने के बाद योजना में जिलों की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा. भराला ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र बालक के खाते में प्रति माह 1000 और बालिका के खाते में प्रति माह 1200 रुपये दिए जाएंगे. योजना के तहत बच्चों को पात्रता के आधार पर लाभ दिया जाएगा.
श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि जिन बच्चों के मां-बाप गरीब हैं या गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं उन सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिससे कि वह पढ़-लिखकर योग्य बन सकें. पंडित सुनील भराला ने बताया कि योजना के पहले चरण में चयनित किए गए जिलों में श्रम अधिकारी पात्र बच्चों का चयन करेंगे और इसकी सूची प्रदेश सरकार को देंगे.