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मऊ: स्वास्थ्य केंद्रों पर 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' मनाकर लोगों को किया गया जागरूक - Health and wellness center

जनसंख्या स्थिरता के उद्देश्य से शनिवार को मऊ जिले में 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' मनाया गया. जनपद के स्वीकृत 80 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से क्रियाशील 43 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 19 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी), तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (यूपीएचसी) सहित राजकीय अस्पतालों पर 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' का कार्यक्रम आयोजित किया गया.

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विश्व गर्भनिरोधक दिवस
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Published : Sep 26, 2020, 10:52 PM IST

मऊ: जनसंख्या स्थिरता के उद्देश्य से शनिवार को जिले में 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' मनाया गया. जनपद के स्वीकृत 80 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से क्रियाशील 43 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 19 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी), तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (यूपीएचसी) सहित राजकीय अस्पतालों पर 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान गर्भ निरोधक साधनों के प्रति जानकारी बढ़ाने, युवा दंपति को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर सूचित विकल्प देकर परिवार के प्रति निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाने का काम किया गया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि राजकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा महिलाओं को 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' की महत्ता की जानकारी दी गई. 'परिवार नियोजन के लिए व्यवहार परिवर्तन जरूरी' को लेकर लोगों को जागरूक किया गया. उन्होंने कहा कि गर्भ निरोधक साधनों की मौजूदगी के बाद भी अनचाहे गर्भधारण की स्थिति विभाग की मंशा के अनुरूप ठीक नहीं है, जिसको और बेहतर बनाने के लिए जन जागरूकता के माध्यम से व्यवहार बदलना जरूरी है. जिस पर विशेष बल दिया जाना है.

वहीं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. पीके राय ने बताया कि 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' पर स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों विशेषकर आधुनिक अंतराल विधियों का स्टाल लगाकर प्रदर्शन किया गया. वहीं परिवार नियोजन के सूचित विकल्प देने के लिए राजकीय अस्पतालों पर परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया. नवदंपति को बताया गया कि पहले बच्चे के लिए दो साल का समय देना चाहिए. वहीं दूसरे बच्चे के लिए पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए.

डॉ. पीके राय ने बताया कि अनचाहे गर्भ से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास 'बास्केट ऑफ च्वाइस' मौजूद है. लोग अपनी सुविधा अनुसार उसमें से कोई भी साधन अपना सकते हैं, जिससे अनचाहे गर्भ धारण की समस्या से बचने के साथ ही मां-बच्चे की मुस्कान भी बनी रहे. डॉ. पीके राय ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं की मदद के लिए अंतरा केयर हेल्पलाइन (1800-103-3044) पर तैनात काउंसलर जब फोन करती हैं तो लाभार्थी बेहिचक अपनी सारी समस्याओं पर बात करती हैं. अंतरा केयर लाइन सातों दिन सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक चलती है. उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर लोगों में व्यवहार परिवर्तन जरूरी है.

मऊ: जनसंख्या स्थिरता के उद्देश्य से शनिवार को जिले में 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' मनाया गया. जनपद के स्वीकृत 80 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से क्रियाशील 43 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 19 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी), तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (यूपीएचसी) सहित राजकीय अस्पतालों पर 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान गर्भ निरोधक साधनों के प्रति जानकारी बढ़ाने, युवा दंपति को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर सूचित विकल्प देकर परिवार के प्रति निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाने का काम किया गया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि राजकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा महिलाओं को 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' की महत्ता की जानकारी दी गई. 'परिवार नियोजन के लिए व्यवहार परिवर्तन जरूरी' को लेकर लोगों को जागरूक किया गया. उन्होंने कहा कि गर्भ निरोधक साधनों की मौजूदगी के बाद भी अनचाहे गर्भधारण की स्थिति विभाग की मंशा के अनुरूप ठीक नहीं है, जिसको और बेहतर बनाने के लिए जन जागरूकता के माध्यम से व्यवहार बदलना जरूरी है. जिस पर विशेष बल दिया जाना है.

वहीं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. पीके राय ने बताया कि 'विश्व गर्भनिरोधक दिवस' पर स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों विशेषकर आधुनिक अंतराल विधियों का स्टाल लगाकर प्रदर्शन किया गया. वहीं परिवार नियोजन के सूचित विकल्प देने के लिए राजकीय अस्पतालों पर परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया. नवदंपति को बताया गया कि पहले बच्चे के लिए दो साल का समय देना चाहिए. वहीं दूसरे बच्चे के लिए पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए.

डॉ. पीके राय ने बताया कि अनचाहे गर्भ से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास 'बास्केट ऑफ च्वाइस' मौजूद है. लोग अपनी सुविधा अनुसार उसमें से कोई भी साधन अपना सकते हैं, जिससे अनचाहे गर्भ धारण की समस्या से बचने के साथ ही मां-बच्चे की मुस्कान भी बनी रहे. डॉ. पीके राय ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं की मदद के लिए अंतरा केयर हेल्पलाइन (1800-103-3044) पर तैनात काउंसलर जब फोन करती हैं तो लाभार्थी बेहिचक अपनी सारी समस्याओं पर बात करती हैं. अंतरा केयर लाइन सातों दिन सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक चलती है. उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर लोगों में व्यवहार परिवर्तन जरूरी है.

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