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मऊ: खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही सरयू, दहशत में ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में सरयू नदी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. जिससे तटवर्ती क्षेत्र के 20 से अधिक गांव में स्थानीय निवासियों में खौफ है.

नाव पर बैठे ग्रामीण.
नाव पर बैठे ग्रामीण.
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Published : Aug 21, 2020, 11:58 AM IST

मऊ: देवरांचल क्षेत्र में सरयू नदी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. जिससे तटवर्ती क्षेत्र के 20 से अधिक गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हालात यह हैं कि चारों तरफ जलभराव से गांव से निकलने वाले सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. जलभराव की स्थिति में गांव में प्रशासन ने नाव लगाई हैं. लेकिन सीमित नाव होने के चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नदी का जल स्तर स्थिर बना हुआ है, जिससे जल स्तर में घटाव की सम्भावना बढ़ रही है.

सरयू में आई बाढ़ से जिले के दोहरीघाट क्षेत्र में हरदौली, मादी, तारनपुर, लामी, धनौली, सिपाहराय सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ का आलम यह है कि दोहरीघाट वाराणसी फोरलेन निर्माण कार्यालय में भी पानी घुस जाने से कामकाज ठप हो गया है. वहीं फोरलेन के निर्माण का काम लगभग पूरी तरह से रुका हुआ है. महुआ गढ़वाल बांध में दोनों तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. इससे खतरा बढ़ता जा रहा है बाढ़ ग्रस्त गांवों में 16 नावें लगाई गई हैं. घरों से निकलने वाले सभी रास्ते दो से तीन फीट पानी जमा है, गांव में नाव चल रही हैं.

इसके अलावा पूरे क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब गई है. नदी की तेज धारा मुक्तिधाम को खत्म करने पर तुली है. जानकी घाट पर भी काफी दबाव बढ़ गया है. नदी कभी भी कहीं कटान कर सकती है. वहीं प्रशासन के द्वारा समुचित व्यवस्था न होने के चलते हालात यह हैं कि ग्रामीणों में दहशत है और लोग काफी परेशान हैं.

मऊ: देवरांचल क्षेत्र में सरयू नदी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. जिससे तटवर्ती क्षेत्र के 20 से अधिक गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हालात यह हैं कि चारों तरफ जलभराव से गांव से निकलने वाले सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. जलभराव की स्थिति में गांव में प्रशासन ने नाव लगाई हैं. लेकिन सीमित नाव होने के चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नदी का जल स्तर स्थिर बना हुआ है, जिससे जल स्तर में घटाव की सम्भावना बढ़ रही है.

सरयू में आई बाढ़ से जिले के दोहरीघाट क्षेत्र में हरदौली, मादी, तारनपुर, लामी, धनौली, सिपाहराय सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ का आलम यह है कि दोहरीघाट वाराणसी फोरलेन निर्माण कार्यालय में भी पानी घुस जाने से कामकाज ठप हो गया है. वहीं फोरलेन के निर्माण का काम लगभग पूरी तरह से रुका हुआ है. महुआ गढ़वाल बांध में दोनों तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. इससे खतरा बढ़ता जा रहा है बाढ़ ग्रस्त गांवों में 16 नावें लगाई गई हैं. घरों से निकलने वाले सभी रास्ते दो से तीन फीट पानी जमा है, गांव में नाव चल रही हैं.

इसके अलावा पूरे क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब गई है. नदी की तेज धारा मुक्तिधाम को खत्म करने पर तुली है. जानकी घाट पर भी काफी दबाव बढ़ गया है. नदी कभी भी कहीं कटान कर सकती है. वहीं प्रशासन के द्वारा समुचित व्यवस्था न होने के चलते हालात यह हैं कि ग्रामीणों में दहशत है और लोग काफी परेशान हैं.

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