मऊ: जिले में सरयू नदी के जलस्तर में निरंतर कमी होने का दौर जारी है. नदी का जलस्तर इस समय खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है. पानी घटने ही अब कटान शुरू हो चुका है. वहीं दोहरीघाट, मऊ, मधुबन कस्बे में नदी की लहरों से सुरक्षा के लिए लगाए गए बोल्डर भी नदी में समाने लगे हैं.
- मऊ जिले में सरयू नदी का जलस्तर हुआ कम
- बाढ़ से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा
सरयू नदी का जलस्तर जैसे-जैसे घट रहा है, वैसे-वैसे कटान बढ़ता जा रहा है. हालात यह हैं कि बंधे पर लगे रेगुलेटर खोल दिए गए हैं, जिससे आसपास के गांव का पानी भी नदी में जाने लगा है. इससे ग्रामीणों को राहत जरूर मिल चुकी है, लेकिन फसले पूरी तरह चौपट हो जाने से किसान काफी निराशा में हैं. जल स्तर घटने से दोहरीघाट कस्बे के मुक्तिधाम क्षेत्र पर कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है. नदी की कटान में चलते नीचे से बोल्डर नदी में विलीन होते जा रहे हैं. इसके साथ ही बीबीपुर बिलौली बांध के निचले इलाके में भी नदी का दबाव बना हुआ है.
सिंचाई विभाग ने कटान को रोकने के लिए बंधे के किनारे झाड़ियों को डालना शुरू कर दिया है, जिससे नदी की धारा झाड़ियों से टकराकर वापस चली जाए और बंधा सुरक्षित रहे. वहीं जलस्तर घटने के बाद बाढ़ की गंदगी से बीमारी का खतरा फैलता जा रहा है, जिसको लेकर जिला प्रशासन मोहल्लों में ब्लीचिंग का छिड़काव कर रहा है. इसके साथ ही लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है.