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मऊ: घाघरा नदी के कटान से तटीय इलाकों में दहशत, सहायता में जुटा प्रशासन - मऊ में बाढ़

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से होकर गुजर रही घाघरा नदी उफान पर है. घाघरा के तेज बहाव से नदी किनारे तेजी से कटान जारी है. वहीं बाढ़ ग्रसित इलाकों में प्रशासन लोगों को राहत सामाग्री सहित अन्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रयासरत है.

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मऊ में घाघरा के कहर से तराई क्षेत्रों में पलायन.
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Published : Aug 13, 2020, 11:51 AM IST

मऊ: मधुबन तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी के तेज बहाव से तटीय किनारे में कटान हो रहा है. एक तरफ जहां बाढ़ से 15 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. वही नेपाल देश के द्वारा पानी छोड़े जाने से बाढ़ से पैदा होने वाले खतरे से दहशत का माहौल बना हुआ है. जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को सहायता देने में जुटा हुआ है. वहीं बाढ़ चौकियों से लगातार बाढ़ पर पैनी निगरानी रखी जा रही है. साथ ही पलायन करने वालों को राहत शिविर में शरण दिया जा रहा है.

मऊ में घाघरा के कहर से तराई क्षेत्रों में पलायन.

जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा नदी में पानी काफी ज्यादा बाढ़ गया है. पानी में धार काफी तेज है, जिससे कटान भी हो रहा है. एक बार फिर से पानी काफी ज्यादा छोड़ा गया है. इसलिए अलर्ट जारी कर दिया गया है कि लोग सुरक्षित स्थानों पर आ जाएं. इसके अलावा प्रशासन बाढ प्रभावित क्षेत्रों में राशन पैकेट का वितरण कर रहा है. गजियापुरा और चक्कीमुसाडोही गांव में 12 सौ पैकेट राशन का वितरण किया गया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी प्रकार की तैयारियों को पूर्ण करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिया गया है. इसके साथ ही सिचाई विभाग ने बंधे पर परसिया से गजियापुर तक फ्लड लाइटिंग की सुविधा को शुरू कर दिया है, ताकि रात्रि में भी लोगों को बाढ़ के बारे में जानकारी मिलती रहे.


उन्होंने बताया कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में 23 नावें लगाई गयी थी, जिसमें से दो बड़ी नाव थी. चक्की मुसाडोही गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिरा हुआ है. इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चार और बड़ी नावें लगा दी गई हैं. बाढ प्रभावित क्षेत्रों में पीएससी के जवानों ने स्टीमर और मोटर वोट के साथ कैम्प कर लिया है. सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के मद्देनजर सारे इन्तजाम कर दिए गए हैं.

मऊ: मधुबन तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी के तेज बहाव से तटीय किनारे में कटान हो रहा है. एक तरफ जहां बाढ़ से 15 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. वही नेपाल देश के द्वारा पानी छोड़े जाने से बाढ़ से पैदा होने वाले खतरे से दहशत का माहौल बना हुआ है. जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को सहायता देने में जुटा हुआ है. वहीं बाढ़ चौकियों से लगातार बाढ़ पर पैनी निगरानी रखी जा रही है. साथ ही पलायन करने वालों को राहत शिविर में शरण दिया जा रहा है.

मऊ में घाघरा के कहर से तराई क्षेत्रों में पलायन.

जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा नदी में पानी काफी ज्यादा बाढ़ गया है. पानी में धार काफी तेज है, जिससे कटान भी हो रहा है. एक बार फिर से पानी काफी ज्यादा छोड़ा गया है. इसलिए अलर्ट जारी कर दिया गया है कि लोग सुरक्षित स्थानों पर आ जाएं. इसके अलावा प्रशासन बाढ प्रभावित क्षेत्रों में राशन पैकेट का वितरण कर रहा है. गजियापुरा और चक्कीमुसाडोही गांव में 12 सौ पैकेट राशन का वितरण किया गया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी प्रकार की तैयारियों को पूर्ण करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिया गया है. इसके साथ ही सिचाई विभाग ने बंधे पर परसिया से गजियापुर तक फ्लड लाइटिंग की सुविधा को शुरू कर दिया है, ताकि रात्रि में भी लोगों को बाढ़ के बारे में जानकारी मिलती रहे.


उन्होंने बताया कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में 23 नावें लगाई गयी थी, जिसमें से दो बड़ी नाव थी. चक्की मुसाडोही गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिरा हुआ है. इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चार और बड़ी नावें लगा दी गई हैं. बाढ प्रभावित क्षेत्रों में पीएससी के जवानों ने स्टीमर और मोटर वोट के साथ कैम्प कर लिया है. सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के मद्देनजर सारे इन्तजाम कर दिए गए हैं.

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