मऊ: ग्राम विकास के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जिले स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी काम करने के बजाय अपनी जेब भर रहे हैं. मनरेगा के तहत आवंटित बजट का जिले में जमकर गबन हुआ है. बगैर काम कराए ही फाइलों में कार्य दिखा कर पैसा अपनी तिजोरी में भर लिया गया.
सोमवार को जिले में राज्यमंत्री ग्राम्य विकास का सम्भावित दौरा है. जिले में मंत्री के दौरे से पहले मुख्य विकास अधिकारी ने पैसों के गबन में संलिप्त दो ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया.
ग्राम विकास अधिकारी उपेंद्र सिंह विकास खंड कोपागंज से 27 फरवरी और ग्राम विकास अधिकारी संजय प्रसाद का विकास खंड दोहरीघाट से 4 फरवरी को स्थानांतरण हो गया. इसके उपरांत भी इनके द्वारा अपने डोंगल का प्रयोग कर क्रमश: 6,49,331 और 6,14,571 लाख रुपये का गबन किया गया. इस मामले में दोनों ग्राम विकास अधिकारियों को तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई एवं गबन की गई धनराशि की वसूली के लिए निर्देश दिए गए हैं.
साथ ही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) दोहरीघाट एवं कोपागंज द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों के स्थानांतरण के पश्चात भी उनके डोंगल को तत्काल लॉक नहीं करने पर इनके विरूद्ध भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.