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मऊ: ट्रेन में मिले तस्करी कर ले जाए जा रहे कछुए, गरीब नवाज एक्सप्रेस से हुए बरामद

मऊ जिले के जंक्शन पर बुधवार को तस्करी कर ले जाए जा रहे कछुओं को आरपीएफ ने बरामद किया है. वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त रेलवे के निर्देश के क्रम में ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थों और विस्फोटकों की चेकिंग के दौरान लावारिस अवस्था में बोरे में रखे गए कछुओं को बरामद किया गया.

ट्रेन में मिले तस्करी कर ले जाए जा रहे कछुए
ट्रेन में मिले तस्करी कर ले जाए जा रहे कछुए
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Published : Dec 30, 2021, 12:36 PM IST

मऊ: जिले के रेलवे जंक्शन पर बुधवार शाम आरपीएफ ने कछुओं के एक बड़ी खेप को पकड़ने का खुलासा किया है. जिसमें बताया गया कि मुंबई से आने वाली गरीब नवाज एक्सप्रेस में विस्फोटक की तलाश में चलाए जा रहे खोजी अभियान के तहत कछुओं का यह लाट लावारिस हालत में आरपीएफ के हाथ लग गया, जिसका खुलासा एचएन तिवारी आरपीएफ के इंस्पेक्टर ने किया है.

पर्यावरण प्रेमी और तमसा बचाओ मिशन के अध्यक्ष छोटेलाल गांधी ने बताया कि पूर्वांचल कछुओं की तस्करी के लिए काफी प्रसिद्ध है. क्योंकि यहां के कछुए बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल के साथ बांग्लादेश भेजे जाते हैं. वहां से इन कछुओं को खाड़ी देशों में बड़े ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है. जहां पर इन कछुओं के नाखून से लेकर और इनके मांस तक का बड़ी ही ऊंची कीमत पर सौदा किया जाता है.

उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में यौन शक्तिवर्धक दवाओं के लिए इन कछुओं के हर एक अंग का इस्तेमाल किया जाता है. महज कुछ हजार रुपये में तस्करी कर ले जाए जाने वाले इन कछुओं का लाखों में सौदा किया जाता है. छोटेलाल गांधी ने कहा कि पूर्वांचल इस तरह के अवैध गैर कानूनी व्यापार के लिए काफी प्रसिद्ध है. मैं मांग करता हूं कि इसकी गहराई से जांच की जाए और इसके सिंडिकेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.

इसे भी पढ़ें-सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा: सपा भाजपा दोनों सिक्के के एक ही पहलू

बता दें कि महज कुछ रुपयों में मिलने वाले कछुए अरब देशों में लाखों में बेचे जाते हैं. पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, शाहगंज (जौनपुर), अंबेडकर नगर आदि जिले इन विशेष प्रकार के कछुओं के पाए जाने का गढ़ है.
पूर्वांचल के इन जिलों के कछुओं की अरब देशों में बहुत मांग है.

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मऊ: जिले के रेलवे जंक्शन पर बुधवार शाम आरपीएफ ने कछुओं के एक बड़ी खेप को पकड़ने का खुलासा किया है. जिसमें बताया गया कि मुंबई से आने वाली गरीब नवाज एक्सप्रेस में विस्फोटक की तलाश में चलाए जा रहे खोजी अभियान के तहत कछुओं का यह लाट लावारिस हालत में आरपीएफ के हाथ लग गया, जिसका खुलासा एचएन तिवारी आरपीएफ के इंस्पेक्टर ने किया है.

पर्यावरण प्रेमी और तमसा बचाओ मिशन के अध्यक्ष छोटेलाल गांधी ने बताया कि पूर्वांचल कछुओं की तस्करी के लिए काफी प्रसिद्ध है. क्योंकि यहां के कछुए बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल के साथ बांग्लादेश भेजे जाते हैं. वहां से इन कछुओं को खाड़ी देशों में बड़े ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है. जहां पर इन कछुओं के नाखून से लेकर और इनके मांस तक का बड़ी ही ऊंची कीमत पर सौदा किया जाता है.

उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में यौन शक्तिवर्धक दवाओं के लिए इन कछुओं के हर एक अंग का इस्तेमाल किया जाता है. महज कुछ हजार रुपये में तस्करी कर ले जाए जाने वाले इन कछुओं का लाखों में सौदा किया जाता है. छोटेलाल गांधी ने कहा कि पूर्वांचल इस तरह के अवैध गैर कानूनी व्यापार के लिए काफी प्रसिद्ध है. मैं मांग करता हूं कि इसकी गहराई से जांच की जाए और इसके सिंडिकेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.

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बता दें कि महज कुछ रुपयों में मिलने वाले कछुए अरब देशों में लाखों में बेचे जाते हैं. पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, शाहगंज (जौनपुर), अंबेडकर नगर आदि जिले इन विशेष प्रकार के कछुओं के पाए जाने का गढ़ है.
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