मऊ: कोरोना की वैक्सीन आने से पहले स्वास्थ्य विभाग उसके रखरखाव आदि की व्यवस्था में पूरी तरह से जुट गया है. शासन की मंशा के अनुरूप सबसे पहले जनपद के सरकारी और निजी क्षेत्र के सात हजार स्वास्थ्य कर्मियों को यह टीका लगाया जायेगा.
749 स्वास्थ्यकर्मियों को दी जायेगी वैक्सीन
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और आलाधिकारी वैक्सीन लगाने को लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं. कोरोना के टीकाकरण के लिए जिले के करीब 749 कर्मचारियों को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है. वैक्सीन की मात्रा का निर्धारण ‘कितना’ और ‘कितनी बार’ की गाइडलाइन अभी निर्धारित नहीं है. हालांकि टीका आने के बाद इसकी भी पूरी जानकारी प्राप्त होगी. इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (ई-विन) की तरह से विन ओवर कोविड ‘को-विन’ (कोरोना पर जीत) पोर्टल कार्य करेगा.
सीएमओ ने बताया कि जैसे ई-विन पोर्टल के माध्यम से रियल टाइम वैक्सीन की वास्तविक स्थिति, खपत और तापमान की स्थिति पता चलती है, ठीक उसी प्रकार से को-विन पोर्टल से वैक्सीन और लॉजिस्टिक, सत्र स्थल, वैक्सीनेटर और लाभार्थी की सूचना मिलेगी. ‘को-विन’ पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड लाभार्थी को वैक्सीनेशन सम्बन्धी समस्त सूचना उनके मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से प्राप्त होगी. जैसे स्थान, समय, दिनांक, सत्र स्थल और कौन वैक्सीनेटर है, इसकी जानकारी भी मैसेज से दी जायेगी. उन्होंने बताया कि कोरोना का टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से किस तरह होगा. इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने तैयार करके सरकार को भेज दी है.
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल अधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि राजकीय क्षेत्र से 6856 (13/13), निजी क्षेत्र से 1351 (50/50) लोगों को शुरुआती प्रथम चरण के टीकाकरण के लिये सूचीबद्ध किया गया है.
आठ दिसम्बर को मिलेंगी आईएलआर मशीनें
जिला कोल्ड चेन मैनेजर कामाख्या मौर्य ने बताया कि केंद्र ने यूपी सरकार को कोरोना वैक्सीन रखने के लिये आधुनिक मशीनें आईएलआर उपलब्ध कराई हैं. ये मशीनें आठ दिसंबर को मऊ जिले को प्राप्त हो जाएंगी. आईस लिंक्ड रेफ्रीजरेटर (आईएलआर) 40 लीटर से शुरू होकर 110 लीटर तक की होती है, जो कि जनसंख्या के हिसाब से दिया जाता है. वैक्सीन कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन के स्टॉक की मात्रा एवं भंडारण फ्रिज, रियल टाइम, तापमान की ऑनलाइन निगरानी ‘को-विन’ (विन ओवर कोविड) प्रोग्राम के अंतर्गत मोबाइल ऐप एवं वेब पोर्टल से की जाएगी, इसके लिए जिले के प्रत्येक कोल्ड चेन पर रखे आईएलआर में टेंपरेचर लागर नाम की एक सेंसर युक्त डिवाइस स्थापित की गई है. यह डिवाइस नेट के माध्यम से वेब पोर्टल से जुड़ी रहेगी.