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किसानों के लिए रोल मॉडल बने रिटायर्ड वन अधिकारी, औषधीय पौधों की कर रहे खेती

यूपी के मऊ के कोपागंज ब्लॉक क्षेत्र काछीकला निवासी इंडियन फॉरेस्ट सर्विस से रिटायर्ड अफसर आरएन राय औषधीय पौधों की खेती कर जहां लोगों को जीवनदान दे रहे हैं, वहीं उनके बागान की औषधियां कोरोना संक्रमितों को भी रास आ रही है. वर्तमान समय में वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
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Published : Sep 14, 2020, 5:35 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 6:00 AM IST

मऊ: जिले के रहने वाले भारतीय वन सेवा के एक रिटायर्ड अधिकारी आरएन राय ने किसानों के लिए रोल मॉडल पेश किया है. 12 बीघे खेत में परम्परागत फसल के साथ-साथ बागवानी और औषधीय पौधों की खेती कर वह अच्छी खासी आय कमा रहें हैं. कोरोना काल मे इनके पौधशाला में औषधीय पौधों की मांग बढ़ गई है. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रहें हैं, जो अन्य के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

किसानों के लिए मॉडल बने सेवानिवृत्त वन अधिकारी.

60 से भी अधिक औषधि वनस्पतियों की करते हैं खेती

जिले के कोपागंज इलाके के काछी कला गांव के रहने वाले आरएन राय महाराष्ट्र कैडर के आईएफएस अधिकारी थे. जो 2016 में रिटायरमेंट के बाद अपने पुश्तैनी गांव आ गए. गांव आने के बाद उन्होंने अपने जमीन पर पुरखों की परंपरागत खेती को आगे बढ़ाते हुए काम किया. इसके साथ वनस्पति विज्ञान से बीएससी आरएन राय को औषधीय वनस्पतियों में रुचि होने के कारण उन्होंने 60 से भी अधिक औषधि वनस्पतियों की पौधशाला का निर्माण कर दिया. जो चर्चा का विषय बन गई है.

सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.

दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों के पौधों को लगाने का किया काम
आरएन राय ने अपने खेतों में अश्वगंधा, जौसादा, हरे बेहड़ा, कल्पवृक्ष, आंवला, गिलोय, काला शीशम, दशमूलारिष्ट, अनंत मूल, कालमेघ, दलवर्जिमा, लैटिफालिया, गंभार, कडुमम, लेमनग्रास, विस्टीरिया आदि दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों के पौधों को लगाने का काम किया. इन जड़ी बूटियों से गंभीर रोगों का इलाज होता है. उन्होंने बताया कि कल्पवृक्ष का उल्लेख हमारे भारतीय पुराणों और वैद्यशाला पद्धति में मिलता है. जिनका प्रयोग करने से लोगों को अधिक आयु प्राप्त होती है. इंसुलिन का प्लांट लगाया है, जो बॉडी शुगर को कंट्रोल करने में सबसे ज्यादा सहायक है.

सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
औषधीय पौधों की खेती

किसानों को दी सलाह
आरएन राय ने बताया कि उन्होंने जो जड़ी बूटियां लगाई हैं उनके सेवन से लोग स्वस्थ्य तो हो ही रहे हैं, साथ ही उनकी आय भी अधिक हो रही है. किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि, किसानों को भी इस तरह की खेती करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, किसान मुनाफा कमाने के लिए खेत के चारो ओर 4 गुणा 4 मीटर के हिसाब से यूकेलिप्टस का पेड़ लगाएं. जिससे लाखों रुपये का फायदा होगा. साथ में बीच-बीच में केले, हल्दी, पपीता और अमरूद के बागान के साथ परम्परागत फसल धान और गेंहू की खेती की जाए. इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी. तभी देश के प्रधानमंत्री का सपना साकार होगा और किसान खुशहाल होगा.

मऊ: जिले के रहने वाले भारतीय वन सेवा के एक रिटायर्ड अधिकारी आरएन राय ने किसानों के लिए रोल मॉडल पेश किया है. 12 बीघे खेत में परम्परागत फसल के साथ-साथ बागवानी और औषधीय पौधों की खेती कर वह अच्छी खासी आय कमा रहें हैं. कोरोना काल मे इनके पौधशाला में औषधीय पौधों की मांग बढ़ गई है. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रहें हैं, जो अन्य के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

किसानों के लिए मॉडल बने सेवानिवृत्त वन अधिकारी.

60 से भी अधिक औषधि वनस्पतियों की करते हैं खेती

जिले के कोपागंज इलाके के काछी कला गांव के रहने वाले आरएन राय महाराष्ट्र कैडर के आईएफएस अधिकारी थे. जो 2016 में रिटायरमेंट के बाद अपने पुश्तैनी गांव आ गए. गांव आने के बाद उन्होंने अपने जमीन पर पुरखों की परंपरागत खेती को आगे बढ़ाते हुए काम किया. इसके साथ वनस्पति विज्ञान से बीएससी आरएन राय को औषधीय वनस्पतियों में रुचि होने के कारण उन्होंने 60 से भी अधिक औषधि वनस्पतियों की पौधशाला का निर्माण कर दिया. जो चर्चा का विषय बन गई है.

सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.

दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों के पौधों को लगाने का किया काम
आरएन राय ने अपने खेतों में अश्वगंधा, जौसादा, हरे बेहड़ा, कल्पवृक्ष, आंवला, गिलोय, काला शीशम, दशमूलारिष्ट, अनंत मूल, कालमेघ, दलवर्जिमा, लैटिफालिया, गंभार, कडुमम, लेमनग्रास, विस्टीरिया आदि दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों के पौधों को लगाने का काम किया. इन जड़ी बूटियों से गंभीर रोगों का इलाज होता है. उन्होंने बताया कि कल्पवृक्ष का उल्लेख हमारे भारतीय पुराणों और वैद्यशाला पद्धति में मिलता है. जिनका प्रयोग करने से लोगों को अधिक आयु प्राप्त होती है. इंसुलिन का प्लांट लगाया है, जो बॉडी शुगर को कंट्रोल करने में सबसे ज्यादा सहायक है.

सेवानिवृत्त वन अधिकारी कर रहे औषधीय खेती.
औषधीय पौधों की खेती

किसानों को दी सलाह
आरएन राय ने बताया कि उन्होंने जो जड़ी बूटियां लगाई हैं उनके सेवन से लोग स्वस्थ्य तो हो ही रहे हैं, साथ ही उनकी आय भी अधिक हो रही है. किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि, किसानों को भी इस तरह की खेती करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, किसान मुनाफा कमाने के लिए खेत के चारो ओर 4 गुणा 4 मीटर के हिसाब से यूकेलिप्टस का पेड़ लगाएं. जिससे लाखों रुपये का फायदा होगा. साथ में बीच-बीच में केले, हल्दी, पपीता और अमरूद के बागान के साथ परम्परागत फसल धान और गेंहू की खेती की जाए. इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी. तभी देश के प्रधानमंत्री का सपना साकार होगा और किसान खुशहाल होगा.

Last Updated : Sep 15, 2020, 6:00 AM IST
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