मऊ: गांव में आने के लिए मिट्टी का रास्ता है, बरसात के दिनों में चलना दुश्वार हो जाता है. प्रधान से 50 बार से अधिक कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पति-पत्नी दोनों प्रधान बने, लेकिन न रास्ता और नाली बना ना ही वृद्धा पेंशन मिला. केवल लूट मचा है और कुछ नहीं.
गांव में नहीं हुआ विकास कार्य. गांवों की दशा-दिशा सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ग्राम पंचायत को लाखों का फंड दे रही है. जबकि, गरीबों के लिए विभिन्न योजनाएं भी लागू की गईं है. इसके बावजूद गांव की स्थिति नहीं बदल रही है. ऐसा ही एक गांव है परदहा विकासखंड का कासिमपुर. यहां न तो गंदे पानी की निकासी के लिए नाली बनी है और न ही पक्का रास्ता. हालात यह है कि जो गरीब हैं, टूटी झोपड़ी में रह रहे हैं. उन्हें किसी भी आवास योजना का लाभ नहीं मिला.
पति-पत्नी बने प्रधान, फिर भी नहीं हुआ विकासकरीब साढ़े तीन हजार की आबादी वाले कासिमपुर गांव ने दो पंचायतों के कार्यकाल में एक ही परिवार से ग्राम प्रधान को निर्वाचित किया. पांच वर्ष रीता यादव रहीं, जबकि 5 वर्ष उनके पति हरिशंकर यादव ग्राम प्रधान रहे. ग्रामीणों का कहना है कि आदर्श गांव बनना तो दूर यह नाली खडंजा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं उपलब्ध हुई. गिर रहे कच्चे घर में रह रही सुनीता भारती ने बताया कि इसी घर में उनका 5 लोगों का परिवार रहता है. बारिश होता है तो किसी तरह रात गुजारा जाता है. पीछे से घर की दीवार गिर रहा है. आवास के लिए प्रधान से कई बार कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. किसी और योजना का लाभ मिला रसोई गैस या शौचालय बना. यह पूछने में मिट्टी के बने चूल्हे को दिखाते हुए बोलीं की देखिए यहीं खाना बनता है. यहां के लोगों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है. सुनीता भारती के जैसे गांव में कई परिवार हैं, जिन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिला. कई बार कहा गया प्रधान से लेकिन कुछ नहीं हुआ, बस लोगों को वोट चाहिए फिर भूल जाते हैं.
गांव में हुक्का पीती महिलाएं. गांव वालों का आरोप पैसा आया, लेकिन काम नहीं हुआदो पंचायती वर्ष से एक ही घर में ग्राम प्रधान रहने पर भी गांव का विकास नहीं हुआ. इस प्रश्न पर जबाब देते हुए ग्रामीण सुंदर दुबे ने बताया कि गांव में काम के नाम पर केवल लूट हुई. पैसे तो खूब आए लेकिन काम फाइल में हुआ. इसका उदाहरण सरकारी स्कूल में कायाकल्प योजना से पास हुए पैसे हैं. 2018-19 के कार्यकाल में 10 लाख से अधिक स्कूल के कायाकल्प के लिए निकाला गया. लेकिन काम कुछ नहीं हुआ. जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया गया तब जाकर जांच हुई. कुछ काम 2020 हुआ.